भरतपुर. बयाना कस्बा निवासी एक एनजीओ संचालक की ओर से सरकारी या गैर-सरकारी संस्थान में स्थाई नौकरी लगवाने का झांसा देकर एक व्यक्ति से 4 लाख 20 हजार रुपए हड़पने का मामला सामने आया है. पीड़ित ने एनजीओ संचालक के खिलाफ थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, बयाना कस्बे के जैन गली निवासी दर्शना पाराशर पुत्री टीकमचंद ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया, वह साल 2007 से 2010 तक कस्तूरबा गांधी छात्रावास में हॉस्टल वार्डन के पद पर अस्थाई तौर पर कार्यरत थी. उस दौरान हॉस्टल में भोजन सामग्री की सप्लाई का टेंडर एनजीओ पवन शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान के संचालक दमदमा रोड निवासी सुरेश शर्मा के पास था.
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एक दिन हॉस्टल में उससे मिलने के लिए उसके बुआ का लड़का सौरभ व्यास और उसका साथी बृजेश शर्मा आए हुए थे. जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे. उस दौरान हॉस्टल में मौजूद संचालक सुरेश शर्मा ने कहा, वह अपने एनजीओ के जरिए बेरोजगार युवक-युवतियों को सरकारी या गैर सरकारी संस्थान में स्थाई नौकरी लगवाता है. वह उनकी भी नौकरी लगवा सकता है.
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आरोप है कि प्रतियोगी परीक्षा में असफल होने के बाद आरोपी सुरेश शर्मा ने एक दिन सौरभ व्यास और बृजेश शर्मा से संपर्क किया. 6 लाख रुपए में उन दोनों की नौकरी लगवाने का झांसा दिया. इसके बाद आरोपी सुरेश शर्मा ने उससे और उसके भाइयों से नौकरी लगवाने की एवज में 4 लाख 20 हजार रुपए बैंक खाते, ऑनलाइन ट्रांसफर और नकदी के तौर पर ले लिए. बाद में न तो नौकरी लगवाई और न ही रुपए वापस किए. रुपए वापस करने का तगादा करने पर झूठे केस लगाकर फंसाने की धमकी भी दे दी. पुलिस ने मामला दर्जकर जांच शुरू की है.