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भरतपुर : कुकर्म मामले में बाल गृह के सचिव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज, पीड़ित को दी 1.75 लाख की आर्थिक सहायता

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Published : Apr 8, 2021, 1:31 PM IST

बाल गृह में बच्चे के साथ कुकर्म की घटना को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर नथमल डिडेल के निर्देशों के तहत जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक द्वारा दोषी संस्था के सचिव के खिलाफ मथुरागेट थाने में विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. वहीं, संबंधित बाल गृह एवं शिशु गृह का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है.

fir has been lodged
भरतपुर कुकर्म मामले में FIR दर्ज

भरतपुर. जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने बताया कि सोसायटी फोर सोशल चेंज एंड डवलपमेंट स्वयंसेवी संस्था द्वारा संचालित बाल गृह एवं शिशु गृह में आवासरत बालकों को राजकीय शिशु गृह में बाल कल्याण समिति के माध्यम से स्थानांतरित कर दिया गया है. साथ ही इन बालकों का बाल अधिकारिता विभाग द्वारा नियुक्त कांउसलर के माध्यम से कांउसलिंग भी करवायी गयी है.

पढ़ें : भरतपुर के बाल शिशु गृह में बच्चे के साथ कुकर्म, CWC के निर्देश के बाद FIR दर्ज

ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी पर्यवेक्षण किये जाने के साथ ही बाल गृहों एवं शिशु गृहों के आवासरत बच्चों को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए योग-प्राणायाम शिक्षकों की नियुक्ति एवं ज्ञान व प्रेरणादायक पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करायी जा रही है. साथ ही बाल अधिकारिता विभाग सोसायटी फोर सोशल चेंज एंड डवलपमेंट स्वयंसेवी संस्था द्वारा संचालित बाल गृह का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है.

पीड़ित को आर्थिक सहायता...

बालक-बालिकाओं के साथ हुए देह शोषण के प्रकरणों के मामले में संज्ञान लेते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र प्रकाश शर्मा ने पीड़ितों को पीड़ित प्रतिकर स्कीम से अनुतोष प्रदान किया. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अजय गोदारा ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष द्वारा प्रंसज्ञान लेते हुए पीड़ित को 24 घंटे की अवधि के भीतर अंतरिम पीड़ित प्रतिकर अनुतोष प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की गयी. 3 अप्रैल 2021 को पुलिस थाना मथुरागेट क्षेत्र स्थित बालगृह में आवासरत 11 वर्षीय बालक के साथ हुए अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न की घटना के पीड़ित को 1 लाख 75 रुपये की अनुतोष राशि स्वीकृत की गयी.

भरतपुर. जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने बताया कि सोसायटी फोर सोशल चेंज एंड डवलपमेंट स्वयंसेवी संस्था द्वारा संचालित बाल गृह एवं शिशु गृह में आवासरत बालकों को राजकीय शिशु गृह में बाल कल्याण समिति के माध्यम से स्थानांतरित कर दिया गया है. साथ ही इन बालकों का बाल अधिकारिता विभाग द्वारा नियुक्त कांउसलर के माध्यम से कांउसलिंग भी करवायी गयी है.

पढ़ें : भरतपुर के बाल शिशु गृह में बच्चे के साथ कुकर्म, CWC के निर्देश के बाद FIR दर्ज

ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी पर्यवेक्षण किये जाने के साथ ही बाल गृहों एवं शिशु गृहों के आवासरत बच्चों को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए योग-प्राणायाम शिक्षकों की नियुक्ति एवं ज्ञान व प्रेरणादायक पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करायी जा रही है. साथ ही बाल अधिकारिता विभाग सोसायटी फोर सोशल चेंज एंड डवलपमेंट स्वयंसेवी संस्था द्वारा संचालित बाल गृह का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है.

पीड़ित को आर्थिक सहायता...

बालक-बालिकाओं के साथ हुए देह शोषण के प्रकरणों के मामले में संज्ञान लेते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र प्रकाश शर्मा ने पीड़ितों को पीड़ित प्रतिकर स्कीम से अनुतोष प्रदान किया. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अजय गोदारा ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष द्वारा प्रंसज्ञान लेते हुए पीड़ित को 24 घंटे की अवधि के भीतर अंतरिम पीड़ित प्रतिकर अनुतोष प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की गयी. 3 अप्रैल 2021 को पुलिस थाना मथुरागेट क्षेत्र स्थित बालगृह में आवासरत 11 वर्षीय बालक के साथ हुए अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न की घटना के पीड़ित को 1 लाख 75 रुपये की अनुतोष राशि स्वीकृत की गयी.

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