भरतपुर. एसीबी टीम भरतपुर ने गुरुवार को भारतीय खाद्य निगम आगार भरतपुर के प्रबंधक और सहायक श्रेणी-प्रथम कर्मचारी को एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. एफसीआई के प्रबंधक मुन्नूलाल मौर्य और विनोद कुमार कश्यप ने यह रिश्वत राशि परिवादी से आगार में जमा कराए गए खाद्यान्न के कट्टों की जमा रसीद देने की एवज में मांगी थी.
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एसीबी भरतपुर के उपाधीक्षक परमेश्वर लाल ने बताया, परिवादी आदित्य अग्रवाल के नाना महावीर के नाम से महावीर ट्रेडिंग कंपनी रजिस्टर्ड है, जिसके पास कस्बा रूपवास की अनाज मंडी में गेहूं की हैंडलिंग और परिवहन का कार्य है. जो भारतीय खाद्य निगम अलवर की ओर से दिया गया है. भारतीय खाद्य निगम भरतपुर आगार की ओर से अनाज मंडी रूपवास में 91 हजार कट्टे दिए गए थे. इन कट्टों की तुलाई करवा कर परिवादी आदित्य अग्रवाल ने परिवहन करवाकर भरतपुर आगार में पहुंचाता था.
परिवादी ने ये कट्टे रूपवास अनाज मंडी से परिवहन कर भरतपुर आगार में जमा करवा दिए. गत शुक्रवार को परिवादी आदित्य ने भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में पदस्थापित एजी-प्रथम विनोद कश्यप की ओर से इन कट्टों का एक रुपए प्रति कट्टे के हिसाब से कमीशन मांगा गया. इसके बाद ही जमा रसीद देने की बात कही गई. रिश्वत मांगने पर परिवादी आदित्य ने इसकी शिकायत एसीबी भरतपुर कार्यालय में की.
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शिकायत के बाद एसीबी टीम ने सत्यापन करवाया. इसके बाद गुरुवार को आरोपी विनोद कुमार कश्यप ने परिवादी से एक लाख रुपए प्राप्त कर उनमें से 20 हजार रुपए प्रबंधक मुन्नूलाल मौर्य को दे दिए. एसीबी ने गुरुवार को कार्रवाई करते हुए मुन्नूलाल मौर्य से 20 हजार रुपए और विनोद कुमार कश्यप से 80 हजार रुपए रिश्वत राशि बरामद कर ली है. कार्रवाई के दौरान एसीबी टीम में उपाधीक्षक परमेश्वर लाल के नेतृत्व में टीएलओ नवल किशोर, हेड कांस्टेबल जीतराम सिंह, हरभान सिंह, विनोद कुमार, भोजराज सिंह आदि मौजूद रहे.