भरतपुर. शहर में इन दिनों उद्योग नगर थाना के पास स्थित गोशाला गढ़ी सांवलदास में दलदल के कारण आये दिन गायों की मौत हो रही है. जिसकी तरफ सरकार और जिला प्रशासन दोनों का ही कोई ध्यान नहीं है. जबकि इस गोशाला के लिए करोड़ों रुपए का अनुदान हर वर्ष उपलब्ध दिया जाता है. लेकिन यहां की हालत बहुत खराब है.
5 दिन में 25 गायों की मौत
मामला शहर में स्थित गढ़ी सांवलदास गोशाला का है. जहां हजारों की संख्या में गोवंश रहते है, लेकिन बरसात होने से वहां की मिट्टी और गोबर में पानी भरने से दलदल बन गया है. इस दौरान वहां गाय फंस जाती है. जिससे उनकी मौत हो रही है. पिछले पांच दिनों में करीब 25 गोवंश की यहां मौत हो चुकी है. लेकिन उनके बचाव के गोशाला प्रशासन की ओर से कोई खास प्रयास नहीं किए जा रहे है.
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सांवलदास गोशाला बनी गोवंश की कब्रगाह
यह गोशाला काफी लम्बे चौड़े क्षेत्र में बसी हुई है. जहां भारी संख्या में गोवंश रहता है और अमूमन पुलिस वाले गो तस्करों से गोवंश को छुड़ाकर लाते है, उनको भी यहां इस गौशाला में छोड़ जाते है. जिससे गोवंश की संख्या में यहां काफी इजाफा हो रहा है. वहीं सरकार की ओर से दिए जाने वाले 1.25 करोड़ रुपए सालाना का यहां कोई उपयोग होता नहीं दिखाई दे रहा है. गोशाला में ऐसा कोई दिन नहीं होता, जब यहां किसी गाय की मौत ना होती हो. ऐसे में यहां का प्रबंधन भी गायों के लिए गंभीर नहीं दिखता नजर आ रहा.
1.25 करोड़ रुपए सालाना अनुदान का नहीं कोई फायदा
वहीं जब इस मामले को लेकर गोशाला में काम करने वाले मजदूरों से बात की तो उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि बरसात होने से पानी भर गया है. जिससे यहां दलदल हो गया है. उसमे गाय फंस जाती है और उनकी मौत हो जाती है. वहीं दूसरी तरफ नगर निगम के महापौर अभिजीत कुमार ने बताया की गौशाला में गायों की हो रही मौतों की जांच की जाएगी, हालांकि बरसात से बने दलदल के कारण गौवंश की मौत हो रही है. ऐसा प्राथमिक रूप से देखने में आया है. लेकिन निगम कोशिश करेगा की गोशाला के हालत सुधरे.
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ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि गोशाला को सरकार अनुदान दिया जाता है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर यहां कोई खास इंतजाम नहीं है. ऐसे में जिम्मेदार अधिकारियों को इस बात पर गौर करना होगा कि आखिर कमी कहां आ रही है. जिससे गोवंश काल का गाल में समा रही है.