भरतपुर. जिला अस्पताल के आसोलेशन वार्ड से एक युवक 22 अप्रैल को भाग गया था, जो 35 किमी दूर स्थित बयाना तहसील के गांव खेरली गडासिया जा पहुंचा, जहां के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मरीज को क्वॉरेंटाइन सेंटर पहुंचाया गया.
इसके साथ ही ग्रामीणों उसे भोजन भी कराया था. लेकिन गुरुवार की शाम को जब इस मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इस दौरान जैसे ही इसकी सूचना ग्रामीणों को मिली तो पूरे गांव में हड़कंप मच गया. अब ग्रामीणों को कोरोना से संक्रमित होने की आशंका सता रही है.
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बता दें कि 22 अप्रैल की शाम को खेरली गडासिया गांव के बाहर सड़क पर एक अज्ञात व्यक्ति को आता देखकर वहां के लोगों ने उसे रोका और उससे बातचीत की. इस दौरान उसने खुद को कन्नौज निवासी बताया. लेकिन उसकी गतिविधियां संदिग्ध देखकर गांव के लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी. उसके बाद पुलिस और चिकित्सक मौके पर पहुंचे और व्यक्ति को गांव के ही क्वॉरेंटाइन सेंटर में लेकर पहुंचे. इस दौरान गांव के कई लोग उसके संपर्क में भी आ गए. अगले दिन 23 अप्रैल को जयपुर के एसएमएस अस्पताल से मिली कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट में उस संदिग्ध व्यक्ति का भी नाम था.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कप्तान सिंह ने बताया कि यह मरीज आरबीएम जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती था. मरीज के जांच के लिए सैंपल लेकर जयपुर भी भेज दिया गया, लेकिन यह मरीज आइसोलेशन वार्ड से कब निकल गया और कैसे इतनी दूर गांव पहुंच गया. इसका पता अब तक नहीं चल पाया है.
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गौरतलब है कि गुरुवार को जयपुर के एसएमएस अस्पताल से मिली रिपोर्ट में भरतपुर जिले के चार और कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं. इनमें खेरली गड़ासिया में पकड़ा गया संदिग्ध व्यक्ति और तीन अन्य लोग शामिल हैं. वहीं, रिपोर्ट आने के बाद गांव के करीब 6 से अधिक लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया है.