भरतपुर. नगर निगम में 25 साल बाद मंगलवार को कांग्रेस का एक तरफा बोर्ड गठित हो गया. महापौर पद के लिए 65 पार्षदों में से 51 पार्षदों ने कांग्रेस प्रत्याशी अभिजीत कुमार के लिए मतदान किया. वहीं, 14 प्रत्याशियों ने भाजपा की प्रत्याशी शिवानी दायमा के पक्ष में वोट डाले. ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी अभिजीत कुमार महापौर का चुनाव जीत गए. जिला निर्वाचन विभाग की ओर से नवनिर्वाचित महापौर को उनके पद की शपथ दिलाई गई.
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश के साथ ही भरतपुर में भी भाजपा की धज्जियां उड़ गई हैं. भाजपा की आपसी कलह के चलते उनकी कलई उतर गई है. इस अवसर पर नवनिर्वाचित महापौर अभिजीत कुमार ने अपने पार्टी के सभी नेताओं का आभार जताते हुए कहा कि शहर में आवारा पशु, गंदगी, स्ट्रीट लाइट, नोह कचरा संयंत्र से संबंधित सभी समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान किया जाएगा.
भरतपुर में नए युग की शुरुआतः डॉ. सुभाष गर्ग
चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने नवनिर्वाचित महापौर के शपथ ग्रहण के बाद कहा कि भरतपुर में 25 साल तक भाजपा का बोर्ड था, लेकिन अब जनता ने कांग्रेस को मौका दिया है. पूरे प्रदेश में भाजपा हिट विकेट हो चुकी है. उन्होंने कहा कि ऐसे में भरतपुर में अब नए युग की शुरुआत हो चुकी है और जनता से जुड़ी हुई सभी समस्याओं का नवनिर्वाचित महापौर प्राथमिकता से समाधान करेंगे.
भरतपुर भाजपा मुक्त हो रहा हैः भजन लाल
गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा मंत्री भजन लाल जाटव ने कहा कि भरतपुर अब भाजपा मुक्त हो रहा है. भरतपुर में सभी विधायक कांग्रेस के रूपबास नगर पालिका में कांग्रेस का बोर्ड और अब भरतपुर नगर निगम में भी कांग्रेस का बोर्ड गठित हो गया है. उन्होंने कहा कि अभी जिले में आधा लक्ष्य हासिल हुआ है. अब अगला लक्ष्य पंचायती चुनाव में जिले को भाजपा मुक्त बनाना है.
बागी पार्षद ने कराया 2 घंटे इंतजार
भरतपुर नगर निगम के 65 पार्षदों में से 64 पार्षदों ने दोपहर करीब 12 बजे तक मतदान कर दिया. लेकिन कांग्रेस के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी संजय शुक्ला दोपहर 1:45 बजे तक मतदान करने नहीं पहुंचे. जानकारी के अनुसार एक पुलिस अधिकारी ने भी उन्हें फोन कर मतदान करने बुलाया, लेकिन पार्षद शुक्ला स्नान का बहाना कर देर तक मतदान करने नहीं पहुंचे. आखिर दोपहर 1:45 बजे निर्दलीय पार्षद संजय शुक्ला मतदान करने पहुंचे उसके बाद मतगणना शुरू हो पाई.
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गौरतलब है कि भरतपुर नगर निगम में वर्ष 1994 से अब तक भाजपा का ही बोर्ड गठित होता आया है. इस बार भी नगर निगम चुनाव में भाजपा के 22 पार्षद, कांग्रेस के 18 पार्षद, निर्दलीय 22 और बहुजन समाज पार्टी के 3 पार्षद जीते. लेकिन कांग्रेस के तीनों मंत्रियों की ताकत के सामने भाजपा पार्टी भरतपुर में कमजोर पड़ गई. वहीं, भाजपा की आंतरिक कलह ने भी भाजपा को कमजोर कर दिया.