भरतपुर. शहर के वार्ड नंबर 52 के कॉलोनी के लोगों को पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा है. आलम यह है कि पीने के पानी के लिए कॉलोनी की महिलाएं आधी रात से ही जागरण करना शुरू कर देती हैं, लेकिन सुबह होने तक भी उन्हें घर की जरूरतों के अनुसार पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है. वही कॉलोनी के लोग पेयजल समस्या के निराकरण के लिए पार्षद, विधायक और कलेक्टर तक अपनी शिकायतें दे चुके हैं, लेकिन अभी तक शिकायत का समाधान नहीं हो पाया है.
3 साल से लड़ रहे पानी के लिए जंग
वार्ड नंबर 52 के निवासी कैप्टन तेजवीर सिंह ने बताया कि यूं तो कॉलोनी में पेयजल समस्या वर्षों पुरानी है, लेकिन वर्ष 2016 से पेयजल समस्या को लेकर जिम्मेदारों को लिखित शिकायत दी जा रही है. वहीं इस समस्या के समाधान के लिए ना तो स्थानीय पार्षद सामने आते हैं और ना ही जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी ही सुनवाई करते हैं.
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उखड़ी सड़कें, नालियों में भरा गंदा पानी
कॉलोनी निवासी बलबीर सिंह ने बताया की कॉलोनी की सड़कें उखड़ी हुई पड़ी है. आए दिन इसकी वजह से हादसे होते रहते हैं. कॉलोनियों की नालियों के पानी का निकास नहीं होने की वजह से घरों का गंदा पानी सड़कों पर जमा हो जाता है. इससे स्कूल जाने वाले बच्चे भी गंदे पानी से होकर निकलने को मजबूर हैं. कॉलोनी में नियमित सफाई नहीं होने की वजह से हर तरफ गंदगी का आलम हैं. जिससे मच्छर पनपते हैं और उससे बीमारी फैलने का डर सताता रहता है.
पार्षद ने नहीं किया एक भी वादा पूरा
स्थानीय निवासी ओमवीर सिंह ने बताया कि पूर्व में निकाय चुनावों के समय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे भूदेव ने पार्षद बनने के बाद अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया गया. पूर्व में चुनावों के समय उन्होंने लोगों को अच्छी सड़कें, साफ सफाई, कॉलोनी के गंदे पानी के निकासी के लिए अच्छी नालियां और पेयजल की समस्याओं के समाधान का वादा किया था, लेकिन इनमें से आज की तारीख में एक भी वादा पूरा नहीं हुआ है.
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गौरतलब है कि भरतपुर नगर निगम के चुनाव के तहत 16 नवंबर को मतदान होने हैं. चुनावों के तहत नए प्रत्याशी मैदान में उतर आए हैं, लेकिन पहले के पार्षदों द्वारा अभी तक किसी वादे को पूरा नहीं किया गया है. अब देखना यह है कि मैदान में घूम रहे नए प्रत्याशी जीतने के बाद अपने किए वादों पर कितना खड़ा उतरते हैं.