भरतपुर. श्री बांके बिहारी जी मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य प्रगति पर चल रहा है. सवा दस करोड़ की लागत से इस मंदिर में नक्काशी व मेहराब प्राचीन शैली के मंदिरों की तर्ज पर तैयार कराए जा रहे हैं. अगर सब कुछ सही रहा तो यह मंदिर करीब 1 साल में बनकर तैयार हो जाएगा.
गुजरात के एक्सपर्ट तैयार कर रहे हैं मंदिर
देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त केके खंडेलवाल ने बताया कि मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी राजस्थान स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ( आरएसआरडीसी ) को सौंपी गई है. मंदिर का आर्किटेक्चर गुजरात के एक्सपोर्ट द्वारा तैयार किया गया है. साथ ही मंदिर के निर्माण के लिए गुजरात के विशेषज्ञों की पूरी टीम काम कर रही है.
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बंसी पहाड़पुर के पत्थर से हो रहा निर्माण
सहायक आयुक्त के मुताबिक मंदिर निर्माण के लिए बंसी पहाड़पुर के पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके पीछे की खास वजह यह है कि इस पत्थर में नक्काशी का कार्य बहुत ही बेहतरीन तरीके से होता है. साथ ही मजबूती के चलते इस पत्थर की लाइफ बहुत अच्छी होती है.
नायाब मंदिर के रूप में मिलेगी पहचान
मंदिर की खासियत यह होगी कि इसके निर्माण में गुंबद और मेहराबों का प्रयोग किया जाएगा. जो की प्राचीनतम शैली पर आधारित होंगे. यह मंदिर भरतपुर के सुंदरता मंदिरों में से एक होगा. यह अपने आप में एक नायाब मंदिर होगा.
बता दें कि बिहारी जी भरतपुर के जन-जन की आस्था का केंद्र है और मंदिर पर हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. ऐसे में देवस्थान विभाग की ओर से इस मंदिर का प्राचीनतम शैली पर निर्माण कराया जा रहा है. हालांकि देवस्थान मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी समय-समय पर मंदिर के प्रगति कार्य की जानकारी लेने के लिए मंदिर का दौरा करते रहते है. बताया जा रहा है कि मंदिर के निर्माण कार्य को पूरा होने में अभी 1 साल का वक्त लगेगा.