भरतपुर. जिले के एमएसजे कॉलेज से एमएससी गणित विषय 2018 की टॉपर रही उपासना गौड़ को दीक्षांत समारोह में तत्कालीन राज्यपाल कल्याण सिंह ने गोल्ड मेडल प्रदान किया था. गोल्ड मेडल मिलने के बाद उपासना ने अपना मेडल घर ले जाकर रख दिया.
उपासना के पिता नरेंद्र गौड़ ने बताया कि समारोह के कुछ ही दिन बाद एक रिश्तेदार बेटी के गोल्ड मेडल मिलने की सूचना पाकर घर आए और उपासना से उसका गोल्ड मेडल दिखाने के लिए कहा, जब उपासना ने अलमारी में रखा गोल्ड मेडल निकालकर रिश्तेदार को दिखाने के लिए दिया तो उसमें जंग लग चुका था और वो काला पड़ चुका था. ताज्जुब की बात यह है कि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना था कि मेडल को चांदी से निर्मित कर उस पर सोने का पानी चढ़ाया गया है, लेकिन हकीकत में सोने की चमक जाने के साथ ही उस पर चांदी का रंग भी नजर नहीं आ रहा है.
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सरकारी टकसाल में बने थे सभी मेडल
विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के लिए सभी गोल्ड और सिल्वर मेडल मुंबई की सरकारी टकसाल में तैयार करवाए गए थे. ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि जब सरकारी टकसाल में ही ऐसे हल्की गुणवत्ता के गोल्ड मेडल तैयार होंगे तो फिर विश्वसनीयता कहां बचेगी.
एक मेडल पर आया था करीब 6 हजार रुपए का खर्च
मुंबई की सरकारी टकसाल में तैयार करवाए गए एक गोल्ड मेडल पर करीब 6 हजार रुपए का खर्च आया था. इस गोल्ड मेडल को चांदी से तैयार कर इस पर सोने की परत चढ़ाई गई थी. ऐसे में सभी 57 गोल्ड और सिल्वर मेडल पर विश्वविद्यालय का करीब 3 लाख रुपए खर्च हुआ था.
मामले की जांच करवाएंगे
वहीं इस संबंध में विश्वविद्यालय का कहना है कि अभी तक हमारे पास किसी भी गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थी की तरफ से मेडल काला होने या जंग लगने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है.