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दीक्षांत समारोह में मिले गोल्ड मेडल पर तीन महीने बाद ही लगी जंग, रिश्तेदार ने दिखाने को कहा तब खुली पोल - convocation

भरतपुर जिले के महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय की ओर से 28 जून 2019 को पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया था. धूमधाम से आयोजित किए गए दीक्षांत समारोह में तत्कालीन राज्यपाल कल्याण सिंह ने 57 विद्यार्थियों को गोल्ड और सिल्वर मेडल प्रदान किए थे, लेकिन दीक्षांत समारोह के सिर्फ साढ़े तीन महीने बाद ही ये गोल्ड मेडल में जंग लग गया.

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Published : Oct 16, 2019, 9:27 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 10:58 PM IST

भरतपुर. जिले के एमएसजे कॉलेज से एमएससी गणित विषय 2018 की टॉपर रही उपासना गौड़ को दीक्षांत समारोह में तत्कालीन राज्यपाल कल्याण सिंह ने गोल्ड मेडल प्रदान किया था. गोल्ड मेडल मिलने के बाद उपासना ने अपना मेडल घर ले जाकर रख दिया.

दीक्षांत समारोह में मिला गोल्ड मेडल निकला जंगनिरोधक

उपासना के पिता नरेंद्र गौड़ ने बताया कि समारोह के कुछ ही दिन बाद एक रिश्तेदार बेटी के गोल्ड मेडल मिलने की सूचना पाकर घर आए और उपासना से उसका गोल्ड मेडल दिखाने के लिए कहा, जब उपासना ने अलमारी में रखा गोल्ड मेडल निकालकर रिश्तेदार को दिखाने के लिए दिया तो उसमें जंग लग चुका था और वो काला पड़ चुका था. ताज्जुब की बात यह है कि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना था कि मेडल को चांदी से निर्मित कर उस पर सोने का पानी चढ़ाया गया है, लेकिन हकीकत में सोने की चमक जाने के साथ ही उस पर चांदी का रंग भी नजर नहीं आ रहा है.

पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर में ट्रक चालक की मौत का मामला, चश्मदीद गवाह ने बताई आपबीती

सरकारी टकसाल में बने थे सभी मेडल

विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के लिए सभी गोल्ड और सिल्वर मेडल मुंबई की सरकारी टकसाल में तैयार करवाए गए थे. ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि जब सरकारी टकसाल में ही ऐसे हल्की गुणवत्ता के गोल्ड मेडल तैयार होंगे तो फिर विश्वसनीयता कहां बचेगी.

एक मेडल पर आया था करीब 6 हजार रुपए का खर्च

मुंबई की सरकारी टकसाल में तैयार करवाए गए एक गोल्ड मेडल पर करीब 6 हजार रुपए का खर्च आया था. इस गोल्ड मेडल को चांदी से तैयार कर इस पर सोने की परत चढ़ाई गई थी. ऐसे में सभी 57 गोल्ड और सिल्वर मेडल पर विश्वविद्यालय का करीब 3 लाख रुपए खर्च हुआ था.

मामले की जांच करवाएंगे

वहीं इस संबंध में विश्वविद्यालय का कहना है कि अभी तक हमारे पास किसी भी गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थी की तरफ से मेडल काला होने या जंग लगने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है.

भरतपुर. जिले के एमएसजे कॉलेज से एमएससी गणित विषय 2018 की टॉपर रही उपासना गौड़ को दीक्षांत समारोह में तत्कालीन राज्यपाल कल्याण सिंह ने गोल्ड मेडल प्रदान किया था. गोल्ड मेडल मिलने के बाद उपासना ने अपना मेडल घर ले जाकर रख दिया.

दीक्षांत समारोह में मिला गोल्ड मेडल निकला जंगनिरोधक

उपासना के पिता नरेंद्र गौड़ ने बताया कि समारोह के कुछ ही दिन बाद एक रिश्तेदार बेटी के गोल्ड मेडल मिलने की सूचना पाकर घर आए और उपासना से उसका गोल्ड मेडल दिखाने के लिए कहा, जब उपासना ने अलमारी में रखा गोल्ड मेडल निकालकर रिश्तेदार को दिखाने के लिए दिया तो उसमें जंग लग चुका था और वो काला पड़ चुका था. ताज्जुब की बात यह है कि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना था कि मेडल को चांदी से निर्मित कर उस पर सोने का पानी चढ़ाया गया है, लेकिन हकीकत में सोने की चमक जाने के साथ ही उस पर चांदी का रंग भी नजर नहीं आ रहा है.

पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर में ट्रक चालक की मौत का मामला, चश्मदीद गवाह ने बताई आपबीती

सरकारी टकसाल में बने थे सभी मेडल

विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के लिए सभी गोल्ड और सिल्वर मेडल मुंबई की सरकारी टकसाल में तैयार करवाए गए थे. ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि जब सरकारी टकसाल में ही ऐसे हल्की गुणवत्ता के गोल्ड मेडल तैयार होंगे तो फिर विश्वसनीयता कहां बचेगी.

एक मेडल पर आया था करीब 6 हजार रुपए का खर्च

मुंबई की सरकारी टकसाल में तैयार करवाए गए एक गोल्ड मेडल पर करीब 6 हजार रुपए का खर्च आया था. इस गोल्ड मेडल को चांदी से तैयार कर इस पर सोने की परत चढ़ाई गई थी. ऐसे में सभी 57 गोल्ड और सिल्वर मेडल पर विश्वविद्यालय का करीब 3 लाख रुपए खर्च हुआ था.

मामले की जांच करवाएंगे

वहीं इस संबंध में विश्वविद्यालय का कहना है कि अभी तक हमारे पास किसी भी गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थी की तरफ से मेडल काला होने या जंग लगने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है.

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दीक्षांत समारोह के साढ़े 3 माह बाद ही बृज विश्वविद्यालय के गोल्ड मेडल्स को लगी जंग

28 जून 2019 को आयोजित दीक्षांत समारोह में 57 विद्यार्थियों को प्रदान किए गए थे गोल्ड मेडल व सिल्वर मेडल

भरतपुर. महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय की ओर से 28 जून 2019 को पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। धूमधाम से आयोजित किए गए दीक्षांत समारोह में तत्कालीन राज्यपाल कल्याण सिंह ने 57 विद्यार्थियों को गोल्ड और सिल्वर मेडल प्रदान किए थे लेकिन दीक्षांत समारोह के सिर्फ साढ़े तीन माह बाद ही ये गोल्ड मेडल जंग खाने लगे हैं। गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले कुछ विद्यार्थियों ने इन जंग खाए गोल्ड मेडल्स को लेकर के आपत्ति दर्ज कराने की पूरी तैयारी कर ली है। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन इस ओर से पूरी तरह से अभी तक बेखबर है।

यू पता चली गोल्ड मेडल की हकीकत

असल में एमएसजे कॉलेज से एमएससी गणित विषय 2018 की टॉपर शहर निवासी उपासना गौड़ को दीक्षांत समारोह में तत्कालीन राज्यपाल कल्याण सिंह ने गोल्ड मेडल प्रदान किया। गोल्ड मेडल प्राप्त कर उपासना ने अपना मेडल घर ले जाकर रख दिया। 

उपासना के पिता नरेंद्र गौड़ ने बताया कि समारोह के कुछ ही दिन बाद एक रिश्तेदार गोल्ड मेडल प्राप्त करने की सूचना पाकर घर आए और उपासना से उसका गोल्ड मेडल दिखाने के लिए कहा। जब उपासना ने अलमारी में रखा गोल्ड मेडल निकालकर रिश्तेदार को दिखाने के लिए दिया तो उस में जंग लग चुकी थी व वो काला पड़ चुका था। इस पर रिश्तेदार ने कहा कि यह कैसा गोल्ड मेडल है जो अभी से काला पड़ गया। ऐसे में उपासना व उसके परिजनों ने भी गोल्ड मेडल को गौर से देखा तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गई। गोल्ड मेडल पूरी तरह से काला पड़ चुका था और उस पर से सोने की चमक भी गायब हो चुकी थी। ताज्जुब की बात यह है कि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना था कि मेडल को चांदी से निर्मित कर उस पर सोने का पानी चढ़ाया गया है। लेकिन हकीकत में सोने की चमक जाने के साथ ही उस पर चांदी का रंग भी नजर नहीं आ रहा। अब यह मेडल दिखने में ना तो चांदी का लगता है और ना ही सोने का। उपासना की छोटी बहन प्रिंसी गौड़ का तो यह तक कहना है कि यह मेडल सोने का है या लोहे का।

सरकारी टकसाल में बने थे सभी मेडल

महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के  दीक्षांत समारोह के लिए सभी गोल्ड व सिल्वर मेडल मुंबई की सरकारी टकसाल में तैयार करवाए गए थे। ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि जब सरकारी टकसाल में ही ऐसे हल्की गुणवत्ता के गोल्ड मेडल तैयार होंगे तो फिर विश्वसनीयता कहां बचेगी।

एक मेडल पर आया था करीब 6हजार रुपए का खर्च

जानकारी के अनुसार मुंबई की सरकारी टकसाल में तैयार करवाए गए एक गोल्ड मेडल पर करीब 6 हजार रुपए का खर्च आया था। इस गोल्ड मेडल को चांदी से तैयार कर इस पर सोने की परत चढ़ाई गई थी। ऐसे में सभी 57 गोल्ड व सिल्वर मेडल पर विश्वविद्यालय का करीब 3 लाख रुपए खर्च हुआ था।

मामले की जांच करवाएंगे

अभी तक हमारे पास किसी भी गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थी की तरफ से मेडल काला काला होने या जंग लगने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। यदि गोल्ड मेडल को जंग लगी है या वो काले पड़े हैं तो इस संबंध में हम नियमानुसार जांच की प्रक्रिया अपनाएंगे।

- डॉ राजेश गोयल, कुलसचिव महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय, भरतपुर।



बाइट 1- नरेंद्र गौड़ ( उपासना गौड़ का पिता)

बाइट 2 - डॉ राजेश गोयल, कुलसचिव, महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय भरतपुर।





सादर

श्यामवीर सिंह

भरतपुर

9782578455


Conclusion:
Last Updated : Oct 16, 2019, 10:58 PM IST
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