भरतपुर. जिले में तेजी से बढ़ते अपराध ने जिले को प्रदेश का क्राइम कैपिटल बना दिया है. पुलिस विभाग के आंकड़ों की मानें तो औसतन जिले में हर तीसरे दिन हत्या की वारदात सामने आ जाती है.
ताज्जुब की बात यह है कि अधिकतर हत्या के मामलों के पीछे जर, जोरू और जमीन सबसे बड़ा कारण निकल कर सामने आता है. जिसमें कहीं ना कहीं कातिल, करीबी रिश्तेदार, पड़ोसी या जान पहचान का पाया जाता है. जिले में बढ़ रहे हत्या समेत अन्य अपराधों पर ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.
एक साल में 17% हत्या के मामले बढ़े
पुलिस विभाग के आंकड़ों की माने तो भरतपुर जिले में साल 2019 में कुल हत्या के 86 मामले सामने आए. जबकि साल 2020 में हत्या के मामलों में 17.44 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे साल 2020 में हत्या के मामले बढ़कर 101 पर पहुंच गए. वहीं, 2021 में जनवरी से अब तक हत्या के 67 मामले सामने आए हैं.
अधिकतर रिश्तेदार कातिल
जिले में बीते सालों में सामने आया कि हत्या की वारदातों में अधिकतर के कारण जर, जोरू और जमीन ( धन, महिला और जमीन) रहा है ऐसे में अधिकतर मामलों में करीबी रिश्तेदार, जान पहचान और आस-पड़ोस के लोग ही कातिल पाए गए.
प्रदेश में टॉप 10 हत्या वाले जिले
जिला | साल 2019 | साल 2020 |
भरतपुर | 86 | 101 |
उदयपुर | 80 | 86 |
गंगानगर | 67 | 73 |
अलवर | 54 | 79 |
सीकर | 64 | 58 |
भिवाड़ी | 61 | 60 |
धौलपुर | 65 | 50 |
बीकानेर | 54 | 64 |
हनुमानगढ़ | 53 | 52 |
अजमेर | 54 | 47 |
भरतपुर में अन्य अपराध भी बहुत
अपराध | साल 2019 | साल 2020 |
लूट | 30 | 41 |
बलात्कार | 290 | 260 |
अपहरण | 357 | 266 |
साइबर क्राइम | 18 | 49 |
चोरी | 1767 | 1420 |
वहीं, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई का कहना है कि मेरी नजर में ऐसा नहीं है कि भरतपुर में बीते वर्षों में हत्या के मामले बढ़े हैं. पिछले 9 महीने में जिले में करीब 67 हत्या के मामले सामने आए, जिनमें से अधिकतर मामलों का निस्तारण किया जा चुका है.