भरतपुर. सांभर झील में हुई पक्षियों की मृत्यु के बाद केवला देव नेशनल पार्क में भी अलर्ट घोषित कर दिया गया है. वहीं इस बारे में कैबिनेट मंत्री ने चिंता जाहिर करते हुए बताया कि इस तरह की बीमारी से साल 2005 में उड़ीसा की चिल्का झील में भी पक्षियों की मौत हुई थी.
उन्होंने कहा कि यह पक्षियों में एक तरह की महामारी जैसी बीमारी है, जिससे पक्षी मर जाते हैं. क्योंकि जो पक्षी मर जाते हैं, उनको खाने से और भी पक्षी बीमार हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और सम्बंधित विभाग इस बीमारी को देखते हुए अलर्ट पर है और सभी को सजग रहने के निर्देश दिए हैं. वहीं अधिकारी भी पक्षियों की मौत और बीमारी के प्रति बेहद सचेत दिखाई दे रहे हैं और सभी अधिकारियों को हर समय सचेत रहने के निर्देश वन विभाग द्वारा दिए गए हैं. इस अवसर पर पक्षी घना उद्यान के अधिकारी ने बताया कि सांभर झील में हुई पक्षियों की मौत को देखते हुए यहां भी सजग रहने के निर्देश मिले हैं.
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गौरतलब है कि भरतपुर के केवला देव नेशनल पार्क में इस मौसम में प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है, जो गर्मी शुरू होने के साथ वापस चले जाते हैं, लेकिन जिस तरफ से जयपुर की सांभर झील में पक्षियों की मौत हुई है उसके बाद यहां भी अलर्ट घोषित कर दिया है, क्योंकि यहां भारी संख्या में प्रवासी पक्षी हर साल आते हैं.