भरतपुर. प्रदेश के झालावाड़ जिले में सैकड़ों कौओं को मौत की नींद सुला चुका एवियन इनफ्लुएंजा भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान के लिए भी घातक सिद्ध हो सकता है. सरकार ने इसके खतरे को भांपते हुए केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के लिए भी एडवाइजरी जारी कर दी है.
पक्षी विशेषज्ञों की मानें तो इस इनफ्लुएंजा से बचाव के लिए घना प्रशासन के साथ ही स्थानीय प्रशासन को भी अलर्ट रहकर आसपास के माहौल पर पूरी नजर रखनी होगी. पक्षी विशेषज्ञ एवं पर्यावरणविद् डॉ. सत्य प्रकाश मेहरा ने बताया कि एवियन इनफ्लुएंजा कौवों के माध्यम से अन्य पक्षियों में भी फैल सकता है. ऐसे में अगर यह इन्फेक्शन झालावाड़ से भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में किसी माध्यम से पहुंच गया तो यहां हजारों प्रवासी पक्षियों के लिए बड़ा खतरा खड़ा हो सकता है. ऐसे में घना प्रशासन के साथ ही स्थानीय प्रशासन को घना के चारों ओर बसे गांव के लोगों को तुरंत जागरूक करना चाहिए. घना के कर्मचारियों को प्रवासी पक्षियों पर नजर रखने के साथ ही कौवों पर भी नजर रखनी होगी. कहीं भी यदि किसी पक्षी या कौवा की मौत होती है तो उसकी तुरंत सूचना देनी होगी.
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उन्होंने कहा कि वहीं झालावाड़ के राड़ी के बालाजी क्षेत्र में हुई कौवों की मौत के बाद राजस्थान सरकार ने भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के लिए भी एडवाइजरी जारी कर दी है. जानकारी के अनुसार घना प्रशासन ने अपने सभी कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया है. साथ ही स्थानीय पशुपालन विभाग के चिकित्सकों के साथ ही लगातार संपर्क में हैं.