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भरतपुरः जाट समाज और राज्य सरकार के बीच इन मांगों पर बनी सहमति - आरक्षण दिलवाने के लिए जाट समाज का आंदोलन

आरक्षण दिलवाने के लिए जाट समाज के नेता कई दिनों से आंदोलन कर रहे है. इसके लिए शुक्रवार को जिले के खेड़ली मोड़ पर महापड़ाव होना था, लेकिन सरकार ने गुरुवार देर रात ही जाट नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया. जिसमे तीन विभागों के डायरेक्टर के साथ जाट समाज के नेताओ की बैठक हुई और इस दौरान उनकी दो मांगे मान ली गई.

Jat society and state government agreed, आरक्षण दिलवाने के लिए जाट समाज का आंदोलन
आरक्षण दिलवाने के लिए जाट समाज का आंदोलन
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Published : Dec 25, 2020, 2:14 PM IST

भरतपुर. धौलपुर जाट समाज के लोगों को आरक्षण दिलवाने के लिए जाट समाज के नेता कई दिनों से आंदोलन कर रहे है. इसके लिए शुक्रवार को जिले के खेड़ली मोड़ पर महापड़ाव होना था, लेकिन सरकार ने गुरुवार देर रात ही जाट नेताओं को वार्ता के लिए बुला लिया था. जिसमे तीन विभागों के डायरेक्टर के साथ जाट समाज के नेताओ की बैठक हुई और इस दौरान उनकी दो मांगे मान ली गई.

आरक्षण दिलवाने के लिए जाट समाज का आंदोलन

वहीं तीसरी मांग थी कि राज्य सरकार आरक्षण की सिफारिश चिट्ठी भेजे, इस मांग को लेकर सहमति नहीं बनी और देर रात सीएमओ से जिला कलेक्टर के पास सूचना आई. जिसमे सरकार ने तीसरी सरकार की मांग भी मान ली है, लेकिन आज प्रस्तावित जाट समाज का महापड़ाव होगा. जिसमें पूरे समाज के सामने सरकार से हुई बात रखी जाएगी.

वहीं भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज की आरक्षण को लेकर मांग काफी समय से चली आ रही है. गुरुवार रात जाट आरक्षण संघर्ष समिति के 21 सदस्यीय दल को सरकार द्बारा बुलाया गया. जिसमे दो बिदुओं पर सहमति बन गई थी. चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए सरकार ने 01 माह का समय मांगा है. दूसरी मांग थी आरक्षण के दौरान समाज के लोगों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस लिए जाए उस पर सरकार और समाज की सहमति बन गई, लेकिन तीसरी अहम मांग थी, कि राज्य सरकार केंद्र सरकार को आरक्षण की सिफारिश चिट्ठी लिखे इसके लिए वार्ता में ढुलमुल रवैया अपनाया गया. जिसको लेकर वार्ता विफल हुई.

ऐसे में शुक्रवार को महाराजा सूरजमल का बलिदान दिवस है. जिसको लेकर समाज के लोगों ने निर्णय लिया था कि बलिदान दिवस को संघर्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा. आज खेड़ली मोड़ ओर महापड़ाव डालना है, लेकिन कल देर शाम राज्य सरकार की तरफ से संदेश आया कि केंद्र सरकार को सिफारिश चिट्ठी सोमवार को लिख दी जाएगी. जाट आरक्षण संघर्ष समिति और राज्य सरकार के बीच जो बात हुई है, उस बात को महापड़ाव के दौरान समाज के बीच रखा जाएगा.

पढ़ें- इस मुद्दे पर एक हो गए धुर-विरोधी, जानिए क्या है वो मांग जो गहलोत और शेखावत ने नितिन गडकरी से की

वहीं जाट नेता नेमसिंह फौजदार ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अब आगे की लड़ाई केंद्र सरकार से की जाएगी. पहले से ही 31 जिले आरक्षण का लाभ ले रहे है, लेकिन भरतपुर और धौलपुर के जाट समाज के लोग इस लाभ से वंचित है. अब केंद्र सरकार राज्य सरकार की सिफारिश चिट्ठी को लागू करे. अगर केंद्र सरकार ऐसा नही करती है तो दोबारा समाज आंदोलन की राह ओर आएगा. केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए संघर्ष समिति हर सांसद के पास जाएगी. जिससे भरतपुर धौलपुर के जाट समाज को आरक्षण का लाभ मिल सके.

भरतपुर. धौलपुर जाट समाज के लोगों को आरक्षण दिलवाने के लिए जाट समाज के नेता कई दिनों से आंदोलन कर रहे है. इसके लिए शुक्रवार को जिले के खेड़ली मोड़ पर महापड़ाव होना था, लेकिन सरकार ने गुरुवार देर रात ही जाट नेताओं को वार्ता के लिए बुला लिया था. जिसमे तीन विभागों के डायरेक्टर के साथ जाट समाज के नेताओ की बैठक हुई और इस दौरान उनकी दो मांगे मान ली गई.

आरक्षण दिलवाने के लिए जाट समाज का आंदोलन

वहीं तीसरी मांग थी कि राज्य सरकार आरक्षण की सिफारिश चिट्ठी भेजे, इस मांग को लेकर सहमति नहीं बनी और देर रात सीएमओ से जिला कलेक्टर के पास सूचना आई. जिसमे सरकार ने तीसरी सरकार की मांग भी मान ली है, लेकिन आज प्रस्तावित जाट समाज का महापड़ाव होगा. जिसमें पूरे समाज के सामने सरकार से हुई बात रखी जाएगी.

वहीं भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज की आरक्षण को लेकर मांग काफी समय से चली आ रही है. गुरुवार रात जाट आरक्षण संघर्ष समिति के 21 सदस्यीय दल को सरकार द्बारा बुलाया गया. जिसमे दो बिदुओं पर सहमति बन गई थी. चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए सरकार ने 01 माह का समय मांगा है. दूसरी मांग थी आरक्षण के दौरान समाज के लोगों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस लिए जाए उस पर सरकार और समाज की सहमति बन गई, लेकिन तीसरी अहम मांग थी, कि राज्य सरकार केंद्र सरकार को आरक्षण की सिफारिश चिट्ठी लिखे इसके लिए वार्ता में ढुलमुल रवैया अपनाया गया. जिसको लेकर वार्ता विफल हुई.

ऐसे में शुक्रवार को महाराजा सूरजमल का बलिदान दिवस है. जिसको लेकर समाज के लोगों ने निर्णय लिया था कि बलिदान दिवस को संघर्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा. आज खेड़ली मोड़ ओर महापड़ाव डालना है, लेकिन कल देर शाम राज्य सरकार की तरफ से संदेश आया कि केंद्र सरकार को सिफारिश चिट्ठी सोमवार को लिख दी जाएगी. जाट आरक्षण संघर्ष समिति और राज्य सरकार के बीच जो बात हुई है, उस बात को महापड़ाव के दौरान समाज के बीच रखा जाएगा.

पढ़ें- इस मुद्दे पर एक हो गए धुर-विरोधी, जानिए क्या है वो मांग जो गहलोत और शेखावत ने नितिन गडकरी से की

वहीं जाट नेता नेमसिंह फौजदार ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अब आगे की लड़ाई केंद्र सरकार से की जाएगी. पहले से ही 31 जिले आरक्षण का लाभ ले रहे है, लेकिन भरतपुर और धौलपुर के जाट समाज के लोग इस लाभ से वंचित है. अब केंद्र सरकार राज्य सरकार की सिफारिश चिट्ठी को लागू करे. अगर केंद्र सरकार ऐसा नही करती है तो दोबारा समाज आंदोलन की राह ओर आएगा. केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए संघर्ष समिति हर सांसद के पास जाएगी. जिससे भरतपुर धौलपुर के जाट समाज को आरक्षण का लाभ मिल सके.

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