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भरतपुर नाबालिग कुकर्म मामला : आरोपी जज जितेंद्र गुलिया को कोर्ट ने भेजा जेल..2 दिन की पुलिस रिमांड के बाद न्यायाधीश के घर हुई थी पेशी

भरतपुर में 7वीं कक्षा के छात्र के साथ यौन दुराचार के आरोप स्पेशल जज विजिलेंस जितेंद्र गुलिया ( Judge Jitendra Gulia) को दो दिन के पुलिस रिमांड के बाद आज सुनवाई कर रहे न्यायाधीश के घर पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

भरतपुर नाबालिग कुकर्म मामला
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Published : Nov 6, 2021, 5:46 PM IST

भरतपुर. नाबालिग से कुकर्म मामले के आरोपी जज जितेंद्र गुलिया को 2 दिन की पुलिस रिमांड अवधि पूरी होने के बाद शनिवार को न्यायाधीश के घर पेश किया गया. जहां से न्यायाधीश ने आरोपी जज को जेल भेज दिया.

आरोपी जज जितेंद्र गुलिया को न्यायाधीश के समक्ष पेश करने से पहले उसका आरबीएम जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया. मेडिकल होने के बाद आरोपी जज जितेंद्र गुलिया को सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 3 की न्यायाधीश रेखा चौधरी के समक्ष घर पर पेश किया गया.

15 दिन बाद फिर होगा पेश

यहां पर न्यायाधीश रेखा चौधरी ने आरोपी जज जितेंद्र गुलिया को जेल (Judge Jitendra Gulia jailed) भेजने के आदेश दे दिए. आरोपी जज को 15 दिन के बाद फिर से न्यायालय में पेश किया जाएगा. फैसले के बाद आरोपी जज को भारी पुलिस जाब्ते के साथ जेल ले जाया गया.

दोनों लिपिक अब तक फरार

गौरतलब है कि जज जितेंद्र गुलिया और दो लिपिक राहुल कटारा एवं अंशुल सोनी ने 7वीं कक्षा के बालक के साथ कुकर्म की घटना को अंजाम दिया था. घटना के बाद दोनों लिपिक फरार हैं. पुलिस दोनों आरोपियों की तलाश कर रही है. वहीं आरोपी जज जितेंद्र को न्यायालय ने 4 नवंबर को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा था.

पढ़ें- नाबालिग से कुकर्म मामला : आरोपी जज को कोर्ट ने दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा

पढ़ें- भरतपुर कुकर्म मामला : RBM अस्पताल में आरोपी जज का मेडिकल..सुवनवाई कर रहे जज के घर किया जाएगा पेश

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पढ़ें- बाल संरक्षण आयोग ने लिया भरतपुर नाबालिग बच्चे से यौन दुराचार मामले में संज्ञान..मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट, निष्पक्ष जांच के दिए निर्देश

कब-क्या हुआ, पूरा घटनाक्रम

28 अक्टूबर को शाम 4 बजे जज जितेंद्र बच्चे को घर छोड़ने आया. उस दौरान पीड़ित की मां ने जज को बच्चे के साथ गलत हरकत करते देख लिया. मां के सामने बच्चे ने यौन दुराचार के सिलसिले की बात बताई. 29 अक्टूबर को पीड़ित की मां ने बच्चे को खेलने के लिए नहीं भेजा, जिस पर जज जितेंद्र गुलिया, अंशुल सोनी, राहुल कटारा, एसीबी सीओ पीएल यादव और पुलिस कर्मी पीड़ित बच्चे के घर आए और बच्चे को जज साहब के घर भेजने का दबाव डालने लगे. नहीं भेजने पर जेल में सड़वाने की धमकी दी.

29 अक्टूबर की रात को जज जितेंद्र का पीड़ित की मां के पास फोन पहुंचा और पीड़ित की मां को धमकाने की कोशिश की. पीड़ित की मां ने जब बताया कि बच्चे ने पूरी घटना उसे बता दी है, तो जज ने फोन काट दिया. 30 अक्टूबर को दोपहर 11.55 बजे जज जितेंद्र, राहुल कटारा और अंशुल सोनी घर आए और बच्चे के साथ किए कुकर्म के लिए माफी मांगी.

इसके बाद बाल आयोग ने मामले में संज्ञान लिया और दबाव बढ़ाया. आरोपी जज और लिपिकों को सस्पेंड कर दिया गया. सुरक्षा कारणों के चलते पीड़ित परिवार भरतपुर से आगरा पलायन कर गया. पीड़ित बच्चे की मां ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर सुरक्षा की मांग की. इस मामले में आरोपी जज को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे दो दिन की रिमांड के बाद आज जेल भेज दिया गया.

भरतपुर. नाबालिग से कुकर्म मामले के आरोपी जज जितेंद्र गुलिया को 2 दिन की पुलिस रिमांड अवधि पूरी होने के बाद शनिवार को न्यायाधीश के घर पेश किया गया. जहां से न्यायाधीश ने आरोपी जज को जेल भेज दिया.

आरोपी जज जितेंद्र गुलिया को न्यायाधीश के समक्ष पेश करने से पहले उसका आरबीएम जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया. मेडिकल होने के बाद आरोपी जज जितेंद्र गुलिया को सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 3 की न्यायाधीश रेखा चौधरी के समक्ष घर पर पेश किया गया.

15 दिन बाद फिर होगा पेश

यहां पर न्यायाधीश रेखा चौधरी ने आरोपी जज जितेंद्र गुलिया को जेल (Judge Jitendra Gulia jailed) भेजने के आदेश दे दिए. आरोपी जज को 15 दिन के बाद फिर से न्यायालय में पेश किया जाएगा. फैसले के बाद आरोपी जज को भारी पुलिस जाब्ते के साथ जेल ले जाया गया.

दोनों लिपिक अब तक फरार

गौरतलब है कि जज जितेंद्र गुलिया और दो लिपिक राहुल कटारा एवं अंशुल सोनी ने 7वीं कक्षा के बालक के साथ कुकर्म की घटना को अंजाम दिया था. घटना के बाद दोनों लिपिक फरार हैं. पुलिस दोनों आरोपियों की तलाश कर रही है. वहीं आरोपी जज जितेंद्र को न्यायालय ने 4 नवंबर को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा था.

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कब-क्या हुआ, पूरा घटनाक्रम

28 अक्टूबर को शाम 4 बजे जज जितेंद्र बच्चे को घर छोड़ने आया. उस दौरान पीड़ित की मां ने जज को बच्चे के साथ गलत हरकत करते देख लिया. मां के सामने बच्चे ने यौन दुराचार के सिलसिले की बात बताई. 29 अक्टूबर को पीड़ित की मां ने बच्चे को खेलने के लिए नहीं भेजा, जिस पर जज जितेंद्र गुलिया, अंशुल सोनी, राहुल कटारा, एसीबी सीओ पीएल यादव और पुलिस कर्मी पीड़ित बच्चे के घर आए और बच्चे को जज साहब के घर भेजने का दबाव डालने लगे. नहीं भेजने पर जेल में सड़वाने की धमकी दी.

29 अक्टूबर की रात को जज जितेंद्र का पीड़ित की मां के पास फोन पहुंचा और पीड़ित की मां को धमकाने की कोशिश की. पीड़ित की मां ने जब बताया कि बच्चे ने पूरी घटना उसे बता दी है, तो जज ने फोन काट दिया. 30 अक्टूबर को दोपहर 11.55 बजे जज जितेंद्र, राहुल कटारा और अंशुल सोनी घर आए और बच्चे के साथ किए कुकर्म के लिए माफी मांगी.

इसके बाद बाल आयोग ने मामले में संज्ञान लिया और दबाव बढ़ाया. आरोपी जज और लिपिकों को सस्पेंड कर दिया गया. सुरक्षा कारणों के चलते पीड़ित परिवार भरतपुर से आगरा पलायन कर गया. पीड़ित बच्चे की मां ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर सुरक्षा की मांग की. इस मामले में आरोपी जज को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे दो दिन की रिमांड के बाद आज जेल भेज दिया गया.

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