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Story of Success : 7 बार असफल होने के बाद अभिमन्यु ने तोड़ा CDS का 'चक्रव्यूह'...All India 3rd रैंक

पिता चाहते थे कि उनका इकलौता बेटा भारतीय वायु सेना में पायलट बने. अभिमन्यु ने सेल्फ स्टडी कर सीडीएस एग्जाम में ऑल इंडिया तीसरी रैंक हासिल की है.

सफल हुआ अभिमन्यु
सफल हुआ अभिमन्यु
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Published : Jul 20, 2021, 3:54 PM IST

Updated : Jul 20, 2021, 4:14 PM IST

भरतपुर. राजस्थान पुलिस में सहायक उप निरीक्षक पद पर कार्यरत कुशल पाल सिंह का सपना था कि उनका इकलौता बेटा भारतीय वायुसेना में पायलट बने और देश की सेवा करे. पिता के सपने को बेटे अभिमन्यु सिंह ने यूपीएससी के सीडीएस (कंबाइंड डिफेंस सर्विस एग्जाम) एग्जाम में सफलता हासिल कर पूरा कर दिया है.

अभिमन्यु सिंह ने सात बार की असफलता के बाद आठवीं बार में सीडीएस एग्जाम में ऑल इंडिया तीसरी रैंक हासिल की है. अब अभिमन्यु सिंह भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में सेवाएं देंगे.

असफलता से सीखें, सफलता पर नजर रखें- अभिमन्यु

अभिमन्यु सिंह भरतपुर जिले के गांव कंजौली निवासी कुशल पाल सिंह के बेटे हैं. कुशल पाल सिंह राजस्थान पुलिस में सहायक उप निरीक्षक पद पर कार्यरत हैं. अभिमन्यु सिंह ने बताया कि उनके पिता का सपना था कि उनका बेटा भारतीय वायुसेना में पायलट बने और उनके खुद के मन में भी देश सेवा का जुनून था. इसीलिए वर्ष 2017 में भरतपुर के एमएसजी कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद सीधे उन्होंने सीडीएस और एसएससी की तैयारी शुरू कर दी.

अभिमन्यु सिंह ने बताया कि उन्होंने एक घर पर रहकर ही सेल्फ स्टडी की और बार-बार सीडीएस और एसएससी के एग्जाम देते रहे. लेकिन 7 बार वो लिखित परीक्षा में पास हुए और साक्षात्कार में असफल हुए. आखिर में वर्ष 2020 के सीडीएस एग्जाम में उन्होंने सफलता हासिल की और भारतीय वायुसेना में ऑल इंडिया तीसरी रैंक हासिल की. इसी तरह से भारतीय सेना में उनकी ऑल इंडिया चौथी रैंक है. अब अभिमन्यु सिंह भारतीय वायुसेना में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में सेवाएं देंगे.

पढ़ें- JEE MAIN 2021: तीसरे सेशन की परीक्षा हुई शुरू, 80% स्टूडेंट्स पहुंचे एग्जाम देने

अभिमन्यु सिंह ने बताया कि उनके मन में भारतीय वायु सेना की यूनिफार्म का जुनून था. इसी दौरान उनकी भरतपुर निवासी विंग कमांडर आदर्श चौधरी से भी मुलाकात हुई और समय-समय पर उनसे गाइडेंस भी लेते रहे. अभिमन्यु ने बताया कि विंग कमांडर आदर्श चौधरी को देखकर और उनसे मिलकर दिल में देशभक्ति का जुनून जाग उठता. इसीलिए बार बार की असफलता के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और लगातार सीडीएस की तैयारी जारी रखी.

अभिमन्यु के पिता कुशलपाल सिंह ने सफलता के पीछे बेटे की कड़ी मेहनत को श्रेय दिया है. अभिमन्यु के परिवार में माता मुनेश गृहणी और छोटी बहन वैष्णवी है, जो फिलहाल बीएससी बीएड की पढ़ाई कर रही है.

अभिमन्यु सिंह ने देश के युवाओं से ऊंचा मनोबल रखकर कड़ी मेहनत करने की सीख दी है. जिंदगी में अभाव हमेशा बने रहते हैं, लेकिन इन अभावों के बीच ही हमें बेहतर कर के दिखाना होता है.

भरतपुर. राजस्थान पुलिस में सहायक उप निरीक्षक पद पर कार्यरत कुशल पाल सिंह का सपना था कि उनका इकलौता बेटा भारतीय वायुसेना में पायलट बने और देश की सेवा करे. पिता के सपने को बेटे अभिमन्यु सिंह ने यूपीएससी के सीडीएस (कंबाइंड डिफेंस सर्विस एग्जाम) एग्जाम में सफलता हासिल कर पूरा कर दिया है.

अभिमन्यु सिंह ने सात बार की असफलता के बाद आठवीं बार में सीडीएस एग्जाम में ऑल इंडिया तीसरी रैंक हासिल की है. अब अभिमन्यु सिंह भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में सेवाएं देंगे.

असफलता से सीखें, सफलता पर नजर रखें- अभिमन्यु

अभिमन्यु सिंह भरतपुर जिले के गांव कंजौली निवासी कुशल पाल सिंह के बेटे हैं. कुशल पाल सिंह राजस्थान पुलिस में सहायक उप निरीक्षक पद पर कार्यरत हैं. अभिमन्यु सिंह ने बताया कि उनके पिता का सपना था कि उनका बेटा भारतीय वायुसेना में पायलट बने और उनके खुद के मन में भी देश सेवा का जुनून था. इसीलिए वर्ष 2017 में भरतपुर के एमएसजी कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद सीधे उन्होंने सीडीएस और एसएससी की तैयारी शुरू कर दी.

अभिमन्यु सिंह ने बताया कि उन्होंने एक घर पर रहकर ही सेल्फ स्टडी की और बार-बार सीडीएस और एसएससी के एग्जाम देते रहे. लेकिन 7 बार वो लिखित परीक्षा में पास हुए और साक्षात्कार में असफल हुए. आखिर में वर्ष 2020 के सीडीएस एग्जाम में उन्होंने सफलता हासिल की और भारतीय वायुसेना में ऑल इंडिया तीसरी रैंक हासिल की. इसी तरह से भारतीय सेना में उनकी ऑल इंडिया चौथी रैंक है. अब अभिमन्यु सिंह भारतीय वायुसेना में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में सेवाएं देंगे.

पढ़ें- JEE MAIN 2021: तीसरे सेशन की परीक्षा हुई शुरू, 80% स्टूडेंट्स पहुंचे एग्जाम देने

अभिमन्यु सिंह ने बताया कि उनके मन में भारतीय वायु सेना की यूनिफार्म का जुनून था. इसी दौरान उनकी भरतपुर निवासी विंग कमांडर आदर्श चौधरी से भी मुलाकात हुई और समय-समय पर उनसे गाइडेंस भी लेते रहे. अभिमन्यु ने बताया कि विंग कमांडर आदर्श चौधरी को देखकर और उनसे मिलकर दिल में देशभक्ति का जुनून जाग उठता. इसीलिए बार बार की असफलता के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और लगातार सीडीएस की तैयारी जारी रखी.

अभिमन्यु के पिता कुशलपाल सिंह ने सफलता के पीछे बेटे की कड़ी मेहनत को श्रेय दिया है. अभिमन्यु के परिवार में माता मुनेश गृहणी और छोटी बहन वैष्णवी है, जो फिलहाल बीएससी बीएड की पढ़ाई कर रही है.

अभिमन्यु सिंह ने देश के युवाओं से ऊंचा मनोबल रखकर कड़ी मेहनत करने की सीख दी है. जिंदगी में अभाव हमेशा बने रहते हैं, लेकिन इन अभावों के बीच ही हमें बेहतर कर के दिखाना होता है.

Last Updated : Jul 20, 2021, 4:14 PM IST
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