भरतपुर. जिले के भुसावर कस्बा में स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों अव्यवस्थाओं की भरमार है. स्वास्थ्य केंद्र में रक्तस्राव की समस्या से पीड़ित एक गर्भवती करीब डेढ़ घंटे तक सोनोग्राफी जांच के लिए भटकती रही, लेकिन जिम्मेदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. अंत में परेशान गर्भवती ने एक निजी अस्पताल जाकर सोनोग्राफी जांच कराई, तब जाकर उसे उपचार मिल सका. यहां आए दिन मरीजों को इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
कस्बा निवासी गर्भवती अन्नू पत्नी मोहन जोशी ने बताया कि वह रक्तस्राव की समस्या होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची. यहां महिला चिकित्सक संतोष गुर्जर ने गर्भवती को इमरजेंसी सोनोग्राफी कराने के लिए पर्चा लिखा. पीड़ित गर्भवती उस पर्चा को लेकर सोनोग्राफी करने वाली स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सपना मीणा के पास पहुंची, उन्होंने वहां पहले से मौजूद 10 अन्य मरीजों की सोनोग्राफी करने के बाद उसकी सोनोग्राफी करने के लिए कहा. पीड़िता ने अपनी समस्या भी बताई और इमरजेंसी केस का हवाला भी दिया, लेकिन डॉक्टर ने एक नहीं सुनी.
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पीड़ित गर्भवती ने बताया कि जब डॉ. सपना मीणा ने इमरजेंसी केस के बावजूद सोनोग्राफी नहीं की तो इस संबंध में स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. दीपक शर्मा को बताया गया. लेकिन डॉ. दीपक शर्मा की तरफ से भी पीड़ित को कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिला. इस दौरान करीब डेढ़ घंटे तक महिला अस्पताल में चिकित्सकों के पास चक्कर काटती रही, लेकिन कहीं पर सुनवाई नहीं हुई.
अंत में परेशान गर्भवती निजी अस्पताल पहुंची और पैसे देकर सोनोग्राफी कराई, जिसके बाद सोनोग्राफी रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सक ने उपचार किया. गौरतलब है कि भरतपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहले भी समय पर उपचार नहीं मिलने और अस्पताल में चिकित्सकों के नहीं मिलने जैसी समस्याएं सामने आती रही हैं. इस संबंध में लोगों ने कई बार चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारियों को भी शिकायत की, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई और हालात जस के तस बने हुए हैं.