अलवर. शहर के अंबेडकर नगर में काली मोरी पर बने बाबा हीरा नाथ मंदिर की 15 बीघा माफी की जमीन पर बुधवार को नगर विकास न्यास ने अवैध प्लाटिंग की शिकायत पर कार्रवाई की. जमीन पर किए जा रहे अवैध निर्माण और सड़क निर्माण को ध्वस्त कर कर दिया गया. इस संबंध में रिपोर्ट मिलने के बाद गुरुवार शाम को कलेक्टर ने जमीन को भू-माफिया के अतिक्रमण से मुक्त कराने के आदेश जारी किए थे और यूआईटी तहसीलदार को मौका मजिस्ट्रेट नियुक्त किया था.
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जिला कलेक्टर के आदेश के बाद शुक्रवार दोपहर प्रशासनिक अमला जेसीबी के साथ उस जमीन पर पहुंचा, जहां प्लॉटिंग के साथ ग्रेवल सड़क भी बना दी गई थी. उसे नष्ट कर दिया. वहीं, जो मकान अभी बने हुए हैं, उन्हें तुरंत नोटिस देकर नियमन के लिए कहा गया है. नियमन नहीं किए जाने पर प्रशासन इनको भी ध्वस्त कर देगा. यूआईटी की तहसीलदार भानु श्री ने बताया कि इस जमीन के टाइटल का तो उन्हें पता नहीं, लेकिन बिना कन्वर्जन के भूमि पर अवैध प्लाटिंग की शिकायत मिली थी. इस पर कार्रवाई करते हुए जेसीबी से प्लॉटिंग को नष्ट कर दिया और जो मकान अभी बने हुए हैं, उन्हें तुरंत नोटिस देकर नियमन के लिए कहा गया है. नियमन नहीं किए जाने पर प्रशासन इनको भी ध्वस्त करेगा. नगर विकास न्यास के सहायक अभियंता योगेंद्र कुमार ने बताया कि ये भूमि काश्तकारी में दर्ज हो चुकी है और रेवेन्यू बोर्ड में मसला भी चल रहा है. लेकिन, इस पर अवैध प्लाटिंग कर दी गई, जिसकी शिकायत पर ये कार्रवाई की गई है.
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वहीं, हीरा नाथ बगीची के गद्दीनशीन महंत बाबा रूपनाथ ने कहा कि वो न्यास की इस कार्रवाई से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं. बाबा रूपनाथ ने चेतावनी दी कि अगर अब भी नगर विकास न्यास मंदिर माफी की इस भूमि को मुक्त नहीं करवाता है तो वो एक बार फिर भूख हड़ताल पर जा सकते हैं. गौरतलब है कि बाबा रूपनाथ ने 18 दिन पहले ही अनशन की चेतावनी दी थी. लेकिन, प्रशासन द्वारा कार्रवाई के आश्वासन पर उन्होंने अनशन टाल दिया था. बाबा रूपनाथ ने कहा कि ये कार्रवाई केवल औपचारिकता है और जब तक भू-माफिया से मंदिर माफी की जमीन पूरी तरह मुक्त नहीं करवा ली जाएगी और मंदिर को नहीं सौंप दी जाती, उनकी ये लड़ाई जारी रहेगी.