अलवर. सरिस्का टाइगर रिजर्व (Sariska Tiger Reserve Tourism ) में पर्यटकों को प्रतिदिन बाघों की साइटिंग हो रही है इसलिए पर्यटकों की संख्या में इस कोविड दौर में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इस बार सफारी कर रहे लोगों के नजदीक से बाघिन ST9 गुजरी. लोगों की सांसें भी थमीं, रोमांचित भी हुए और भगवान को याद भी करते सुने गए.
लौट रहा है सरिस्का का रस
सरिस्का टाइगर्स की साइटिंग से स्पष्ट हो रहा है कि एक बार फिर पुराना दौर लौटने लगा है. हाल ही में आधिकारिक तौर पर बताया गया कि यहां बाघों की संख्या 25 हो गई है. सरिस्का बाघ परियोजना के काला कुआं क्षेत्र में बाघिन ST9 को देखकर पर्यटक खुश नजर आए. पर्यटकों को काफी नजदीक से बाघिन ST9 के दीदार हुए. इतना ही नहीं बाघिन करीब आधा घंटा तक पर्यटकों की गाड़ी के आसपास घूमती भी रही. इस दौरान बाघिन ST9 को देखकर पर्यटक घबराए भी (Tourists thrilled to See Tigress in Sariska), एक पर्यटक तो जय श्री राम और जय माता दी के जयकारे भी लगाने लगे.
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देसी विदेशी पर्यटकों के साथ अब फिल्मी सितारे व बड़े बिजनेसमैन भी सरिस्का (Sariska Tiger Reserve) घूमने आ रहे हैं. पर्यटकों की संख्या बढ़ने से सरिस्का क्षेत्र में लोगों को रोजगार भी मिलने लगा है. लगातार बाघों का कुनबा बढ़ने से लोग इस टाइगर रिजर्व की ओर आकर्षित हो रहे हैं. हाल ही में बाघिन के साथ दो शावक भी नजर आए थे तो वही पैंथर के साथ भी शावक कैमरे में कैद हुए थे.
एक अनुमान के मुताबिक यहां प्रतिदिन एक हजार से ज्यादा पर्यटक सफारी करने आ रहे हैं. सरिस्का में 35 से ज्यादा जिप्सी व कैंटर हैं. मंगलवार व शनिवार को ज्यादा भीड़ होती है.
बाघों के लिए खास इंतजाम
सरिस्का प्रशासन की तरफ से भी सरिस्का के जंगल क्षेत्र में बसे गांवों को शिफ्ट किया जा रहा है. जिससे जानवरों को खुला जंगल क्षेत्र मिल सके. सरिस्का के अधिकारियों ने बताया कि प्रतिदिन बाघों की साइटिंग हो रही है. आईसीआईसीआई सहित कई कंपनियां सरिस्का में वन विभाग को संसाधन उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही हैं. इसके अलावा एक केंद्रीय इंस्टिट्यूट सरिस्का में रिसर्च कर रहा है. यहां बाघों के स्ट्रेस, कुनबे बढ़ाने व जंगल को वन्यजीवों के अनुकूल बनाने पर काम किया जा रहा है.