अलवर. प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर आने की संभावना जताई जा रही है. जिले में कोरोना संक्रमित मरीज अब भी मिल रहे हैं. उसके बाद भी अलवर के कोटकासिम में जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के चलते कोरोना गाइडलाइन की खुलेआम धज्जियां उड़ी हैं.
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अलवर के कोटकासिम में बाबा सोमनाथ आश्रम में वार्षिक मेले के दौरान हजारों लोगों की भीड़ जुट गई. यह सब कुछ सांसद बालकनाथ की मौजूदगी में हुआ. इस दौरान विधायक दीपचंद खैरिया भी मौजूद रहे. लोगों ने मामले की जानकारी पुलिस प्रशासन को देने का प्रयास किया, लेकिन उस समय प्रशासन के अधिकारियों के फोन बंद रहे. सांसद और विधायक के मौके से जाने के बाद प्रशासन और पुलिस की टीम ने कार्यक्रम में पहुंचकर कार्यक्रम रुकवाया.
अलवर के कोटकासिम के लाडपुर गांव में बुधवार को बाबा सोमनाथ आश्रम में वार्षिक मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में अलवर के सांसद बाबा बालकनाथ भी मौजूद थे. हजारों की संख्या में लोग पूजा करने पहुंचे और इसके बाद प्रसाद की व्यवस्था थी. मेले में आम दिनों की तरह दुकानें सजाई गई और बच्चों के लिए झूले भी लगे. हजारों की भीड़ के चलते सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ी. ग्रामीण कोरोना से बेखौफ होकर बिना मास्क के घूम रहे थे.
इस पूरे कार्यक्रम का वहां मौजूद लोगों ने वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. मामले की जानकारी एसडीएम और तहसीलदार तक पहुंची, लेकिन सभी आला अधिकारियों के मोबाइल बंद आए. सांसद और विधायक के जाने के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्यक्रम रुकवाया. पुलिस प्रशासन की तरफ से मंदिर समिति के पदाधिकारियों को फटकार लगाते हुए बिना अनुमति इस तरह के कार्यक्रम करने पर कार्रवाई की बात कही गई. प्रशासन की टीम ने मेले में लगी दुकानों को भी बंद कराया और लोगों को वापस घर जाने के लिए कहा.
जहां पूरे प्रदेश में कोरोना का ग्राफ धीरे-धीरे कम हो रहा है तो वहीं, अलवर में अब भी लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं. उसके बाद भी लोग खुलेआम सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं और कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे हैं. आम लोगों को राहत देने के लिए सरकार की तरफ से अनलॉक में छूट दी गई.
कोरोना की तीसरी लहर घातक न बने इसके लिए समारोह, धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों को बंद किया गया. इसके बाद भी भाजपा सांसद बालकनाथ की मौजूदगी में इतनी भीड़ जमा हो गई. हालांकि वो बाद में यह कहते रहे कि भीड़ जुटाने से उनका कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन आयोजन के दौरान वो खुद लोगों की भीड़ से घिरे रहें. वहीं, प्रशासन को इसकी जानकारी थी उसके बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया.