अलवर. जिले में कोरोना का संक्रमण बेकाबू हो चुका है और शुक्रवार को अलवर में 1300 से अधिक नए संक्रमित मामले सामने आए हैं. जिसके बाद जिले में एक्टिव केसों की संख्या 11000 से अधिक हो चुकी है. बिगड़ते हुए हालात को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री सरपंच और ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं. वहीं अलवर जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में बीडीओ, सीडीपीओ, एसडीओ, एसडीएम और एडीएम सहित जिले के सभी तमाम अधिकारियों की बैठक ली.
इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को मोटिवेट किया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से अभी तक की पूर्णा से लड़ाई लड़ी है. उसी तरह से आगे भी कोरोना की लड़ाई लड़नी है. कलेक्टर ने कहा कि जिले के सभी अधिकारी अपने ड्यूटी बेहतर कर रहे हैं. इस समय अधिकारियों का मोटिवेट होना जरूरी है. बिगड़ते हालातों के बीच सभी लोग बेहतर प्रयास कर रहे हैं. अलवर की स्थिति अन्य जिलों से बेहतर है. शहर के बाद अब संक्रमण ग्रामीण क्षेत्र में फैले लगा है.
ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमण की रफ्तार रोकने के लिए सख्ती की जाएगी. उन्होंने कहा कि गांव में लोग अभी मास्क नहीं लगा रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं कर रहे हैं. कोरोना को हल्के में ना लें, कोरोना का संक्रमण कई गुना घातक है.
जिला कलेक्टर ने कहा कि अब लापरवाही बरतने वाले किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मेरे एक रिश्तेदार का मेरे पास फोन आया कि पुलिसकर्मियों ने उसको पकड़ लिया है. मैंने उसको छुड़वाने की जगह उल्टा उसका चालान करवाया. कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लोगों को घरों में रहना जरूरी है.
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जब तक लोग घरों में नहीं रहेंगे. लगातार संक्रमण बढ़ता रहेगा. प्रशासन और सरकार कितने भी इंतजाम कर ले सभी इंतजाम कम है, क्योंकि मरीजों की संख्या इंतजामों की तुलना में कई गुना ज्यादा है. प्रशासन की तरफ से गांव पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. क्योंकि गांव में संक्रमण तेजी से फैलता है. लोगों की आवाजाही ज्यादा होती है. एक जगह लोग बैठे रहते हैं. इसलिए ग्रामीणों को बचाने के लिए प्रशासन ने तैयारी कर दी है. जिला कलेक्टर ने कहा कि उन्होंने अपने अधिकारियों से बातचीत की विचार-विमर्श की साथ ही आएगी योजना भी तैयार की, जिससे पूर्णागिरि जा सके कोरोना का मुकाबला किया जा सके.