अलवर. जिले के थानागाजी गैंगरेप मामले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. लंबे समय तक इस मामले को लेकर देश में राजनीति हुई. यह राजनीतिक मुद्दा बना और पुलिस के ऊपर कई आरोप लगे. हालांकि, इस पूरे मामले में प्रदेश सरकार ने तुरंत कदम उठाते हुए कई अहम फैसले लिए, जिसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया और 16 दिनों में इस मामले की चार्जशीट न्यायालय में पेश की.
बता दें, डेढ़ साल तक इस मामले में बहस चली. मंगलवार को एससी/एसटी विशेष न्यायालय की ओर से फैसला सुनाते हुए 4 आरोपियों को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है. यह सजा मरते दम तक लागू होगी. इसके अलावा एक आरोपी को आईटी एक्ट में दोषी माना गया है. उस पर 5 साल की सजा और एक लाख 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. जबकि छोटेलाल पर 2 लाख 29 हजार 500 रुपए, अशोक पर 2 लाख 29 हजार 500 रुपए और इंद्राज पर 2 लाख 29 हजार 500 का जुर्माना लगाया गया है.
इसके अलावा हंसराज पर 3 लाख 29 हजार 500 का जुर्माना लगाया गया है. हंसराज ने पीड़िता के साथ दो बार दुष्कर्म किया था, इसलिए एक लाख रुपए अतिरिक्त जुर्माना हंसराज पर लगाया गया है. न्यायालय ने कहा कि जुर्माने की राशि 11 लाख 20 हजार रुपए न्यायालय में जमा होने के बाद विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से यह राशि सहायता के रूप में पीड़िता और उसके परिजनों को दी जाएगी.
अलवर में न्यायालय की तरफ से पहली बार इस तरह का आदेश दिया गया है जब आरोपियों से जुर्माना राशि वसूलते हुए पीड़िता को मुआवजे के रूप में यह राशि दी जाएगी. अधिवक्ताओं की ओर से न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया गया है.
आरोपियों पर लगे एक्ट
थानागाजी गैंगरेप मामले में आरोपियों पर आईपीसी, महिला विदुर ओपन एक्ट, आईटी एससी और एससी/एसटी एक्ट की विभिन्न धाराएं लगाई गई हैं.
क्या है पूरा मामला...
ये मामला 26 अप्रैल, 2019 का है. एक दलित पति-पत्नी अलवर थानागाजी रोड पर मोटरसाइकिल से थानागाजी की ओर जा रहे थे. तभी एक एकांत स्थान में आरोपियों ने पीड़ित परिवार की मोटरसाइकिल रुकवा दी और पीड़िता को खींचकर एकांत स्थान में ले गए. पीड़िता ने आरोप लगाया कि यहां पर 5 दरिंदों ने उनके साथ गैंगरेप किया, इस दौरान बदमाशों ने वीडियो भी बनाए. घटना के दौरान बदमाशों ने पीड़िता के पति को उसके सामने ही बांध रखा था.
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एक अभियुक्त ने घटना को रिकॉर्ड करने के बाद इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया. इस घटना को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की काफी निंदा हुई थी. साथ ही इस घटना की गूंज देश भर में सुनाई दी थी.