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अलवर: हरियाणा बॉर्डर पर एक दिन में अत्याधुनिक मशीनों से 10 हजार लोगों का बन रहा है खाना

शाहजहांपुर में राजस्थान-हरियाणा सीमा पर हजारों की संख्या में किसान धरने पर बैठे हुए हैं. उनके खाने के लिए अत्याधुनिक इंतजाम किए गए हैं. हर दिन यहां 10 हजार लोगों का खाना बन रहा है. 5 से अधिक जगहों पर भोजन बनाने में वितरण की सुविधा है. करीब 2 किलोमीटर क्षेत्र में किसानों के तंबू फैले हुए हैं.

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हरियाणा बॉर्डर पर एक दिन में अत्याधुनिक मशीनों से 10 हजार लोगों का बन रहा है खाना
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Published : Jan 27, 2021, 10:28 PM IST

अलवर. शाहजहांपुर में राजस्थान-हरियाणा सीमा पर हजारों की संख्या में किसान धरने पर बैठे हुए हैं. लगातार किसानों का आंदोलन उग्र होता नजर आ रहा है. किसान अब दिल्ली कूच की तैयारी करने लगे हैं. ऐसे में किसानों के रहने पर भोजन की लगातार व्यवस्था जारी है. 5 से अधिक जगहों पर भोजन बनाने में वितरण की सुविधा है. करीब 2 किलोमीटर क्षेत्र में किसानों के तंबू फैले हुए हैं. आसपास क्षेत्र में प्रतिदिन 10 लोगों का खाना तैयार होता है.

अलवर में किसानों का प्रदर्शन

राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश से बड़ी संख्या में किसान कृषि कानून के विरोध में 2 माह से अपना धरना दे रहे हैं. सर्दी के मौसम में रात के समय शुरुआत में किसानों के गद्दे गीले हो गए थे. ऐसे में ग्रामीणों व किसानों की तरफ से प्लास्टिक के गद्दे मंगवाए गए. साथ ही वाटर प्रूफ टैंट तैयार किए गए. लगातार किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए खाने, नाश्ते, चाय, नहाने के लिए गर्म पानी सहित अन्य व्यवस्थाएं भी की जाने लगी. हजारों लोगों के खाने की व्यवस्था में ज्यादा लोगों की आवश्यकता होती है. लोगों को खाना बनाने में समय लगता है, ऐसे में खाने के लिए अब मशीनें लगाई गई हैं. आटा गूंदने से लेकर रोटी बेलने और रोटी सेकने के लिए मशीनें लगी हो गई हैं.

पढे़ं: भीलवाड़ा के ज्वेलर की पत्नी और इकलौते बेटे की चेन्नई में हत्या, 15 किलो सोना-100 किलो चांदी लूटी

शाहजहांपुर में अलग-अलग रसोइयों में एक समय में 10 हजार लोगों का खाना बनता है. 24 घंटे खाने की सुविधा उपलब्ध रहती है. सुबह के समय चाय-नाश्ता दोपहर में खाना शाम के समय चाय रात के समय भोजन की व्यवस्था सभी अलग-अलग संस्थाओं की तरफ से की जा रही हैं. अलवर के युवाओं की तरफ से भी भोजन की व्यवस्था की जा रही है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में लोगों ने कहा कि शुरुआत के समय एक बार राशन लाकर खाने की व्यवस्था शुरू की गई थी. उसके बाद लगातार आज तक यह व्यवस्था हो रही है. लोग आते हैं और अपने हिसाब से सब्जी, राशन, आटा व अन्य जरूरत की चीजें देकर जाते हैं.

कई बार तो सामान देने के लिए लोगों को इंतजार भी करना पड़ता है. क्योंकि बड़ी संख्या में लोग आगे आकर किसानों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं. खाना बनाने के काम में लगे लोगों ने कहा कि दाल, सब्जी, रोटी छाछ खाने की सभी चीजें रहती हैं, खाना गुणवत्तापूर्ण रहे. इसका भी पूरा ध्यान रखा जाता है. लोगों ने कहा कि आने वाले कई दिनों तक लोगों ने खाने की व्यवस्था के लिए अपने सामान की बुकिंग करा रखी है. एडवांस में लोग आकर जरूरत की चीजें पहुंचा रहे हैं. अगर कोई चीज की कमी रहती है तो वो सामान मंगवा लिया जाता है.

लोग करते हैं भोजन

आसपास क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों व गांव में रहने वाले लोग बड़ी संख्या में प्रतिदिन यहां आकर खाना खाते हैं. सुबह व शाम दोनों समय रास्ते चलता कोई भी व्यक्ति आसानी से आकर खाना खा सकता है. सभी को भोजन उपलब्ध कराया जाता है. किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो इसका भी पूरा ध्यान यहां काम करने वाले लोगों की तरफ से रखा जा रहा है.

अलवर. शाहजहांपुर में राजस्थान-हरियाणा सीमा पर हजारों की संख्या में किसान धरने पर बैठे हुए हैं. लगातार किसानों का आंदोलन उग्र होता नजर आ रहा है. किसान अब दिल्ली कूच की तैयारी करने लगे हैं. ऐसे में किसानों के रहने पर भोजन की लगातार व्यवस्था जारी है. 5 से अधिक जगहों पर भोजन बनाने में वितरण की सुविधा है. करीब 2 किलोमीटर क्षेत्र में किसानों के तंबू फैले हुए हैं. आसपास क्षेत्र में प्रतिदिन 10 लोगों का खाना तैयार होता है.

अलवर में किसानों का प्रदर्शन

राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश से बड़ी संख्या में किसान कृषि कानून के विरोध में 2 माह से अपना धरना दे रहे हैं. सर्दी के मौसम में रात के समय शुरुआत में किसानों के गद्दे गीले हो गए थे. ऐसे में ग्रामीणों व किसानों की तरफ से प्लास्टिक के गद्दे मंगवाए गए. साथ ही वाटर प्रूफ टैंट तैयार किए गए. लगातार किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए खाने, नाश्ते, चाय, नहाने के लिए गर्म पानी सहित अन्य व्यवस्थाएं भी की जाने लगी. हजारों लोगों के खाने की व्यवस्था में ज्यादा लोगों की आवश्यकता होती है. लोगों को खाना बनाने में समय लगता है, ऐसे में खाने के लिए अब मशीनें लगाई गई हैं. आटा गूंदने से लेकर रोटी बेलने और रोटी सेकने के लिए मशीनें लगी हो गई हैं.

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शाहजहांपुर में अलग-अलग रसोइयों में एक समय में 10 हजार लोगों का खाना बनता है. 24 घंटे खाने की सुविधा उपलब्ध रहती है. सुबह के समय चाय-नाश्ता दोपहर में खाना शाम के समय चाय रात के समय भोजन की व्यवस्था सभी अलग-अलग संस्थाओं की तरफ से की जा रही हैं. अलवर के युवाओं की तरफ से भी भोजन की व्यवस्था की जा रही है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में लोगों ने कहा कि शुरुआत के समय एक बार राशन लाकर खाने की व्यवस्था शुरू की गई थी. उसके बाद लगातार आज तक यह व्यवस्था हो रही है. लोग आते हैं और अपने हिसाब से सब्जी, राशन, आटा व अन्य जरूरत की चीजें देकर जाते हैं.

कई बार तो सामान देने के लिए लोगों को इंतजार भी करना पड़ता है. क्योंकि बड़ी संख्या में लोग आगे आकर किसानों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं. खाना बनाने के काम में लगे लोगों ने कहा कि दाल, सब्जी, रोटी छाछ खाने की सभी चीजें रहती हैं, खाना गुणवत्तापूर्ण रहे. इसका भी पूरा ध्यान रखा जाता है. लोगों ने कहा कि आने वाले कई दिनों तक लोगों ने खाने की व्यवस्था के लिए अपने सामान की बुकिंग करा रखी है. एडवांस में लोग आकर जरूरत की चीजें पहुंचा रहे हैं. अगर कोई चीज की कमी रहती है तो वो सामान मंगवा लिया जाता है.

लोग करते हैं भोजन

आसपास क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों व गांव में रहने वाले लोग बड़ी संख्या में प्रतिदिन यहां आकर खाना खाते हैं. सुबह व शाम दोनों समय रास्ते चलता कोई भी व्यक्ति आसानी से आकर खाना खा सकता है. सभी को भोजन उपलब्ध कराया जाता है. किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो इसका भी पूरा ध्यान यहां काम करने वाले लोगों की तरफ से रखा जा रहा है.

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