अलवर. सावन माह की शुरुआत हो चुकी है. सावन के पहले सोमवार को अलवर के मंदिर खाली नजर आए. वहीं, अलवर के प्रमुख मंदिरों में लोग दूर से ही भगवान के दर्शन करते हुए दिखाई दिए. इसके साथ ही मंदिर प्रशासन की तरफ से भी पूरी सावधानी बरती जा रही हैं.
कोरोना संक्रमण के बीच इस बार सावन के महीने में लोग भगवान की पूजा नहीं कर सकेंगे. सरकार की तरफ से 31 जुलाई तक सभी मंदिरों को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं. ऐसे में मंदिर प्रशासन की तरफ से भी पूरी सावधानी बरती जा रही है. सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन श्रावण के पहले सोमवार को लोग मंदिरों में पूजा नहीं कर सके.
ऐसा पहली बार देखने को मिला है जब मंदिरों पर पूजा करने में इतनी लंबी रोक लगी हो. इसके अलावा सभी तरह के धार्मिक कार्यक्रमों को भी रद्द कर दिया गया है. पहली बार कावड़ पर भी रोक लगाई गई है. सभी सरकारें पूरी सावधानी बरत रही है. केंद्र सरकार की तरफ से भी लगातार नई गाइडलाइन जारी की जा रही है, लेकिन उसके बाद भी तेजी से कोरोना का संक्रमण फैल रहा है. अलवर का सबसे प्राचीन त्रिपोलिया शिव मंदिर पूरी तरीके से खाली नजर आया. मंदिर प्रशासन की तरफ से विधि-विधान से भगवान की पूजा की जा रही है. वहीं, मंदिर को भी हर बार की तरह सजाया गया है.
सावन के पहले सोमवार के दिन लोग भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे थे, लेकिन उनको पूरी सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही थी. सभी को मास्क पहनने, 2 गज की दूरी रखने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने सहित किसी भी वस्तु को नहीं छूने की सलाह भी दी जा रही थी. शाम के समय भगवान का विशेष शृंगार किया गया.
प्रतिदिन मंदिर में भगवान का अलग शृंगार किया जाता है. इसे देखने के लिए अलवर के अलावा भी आस-पास के कई जिलों से लोग आते हैं. मंदिर की खासी पुरानी मान्यता है. प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित कई दिग्गज नेता यहां पूजा अर्चना और अनुष्ठान करा चुके हैं. प्रमुख मंदिरों में सुरक्षा के भी खासे इंतजाम है. सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और गार्ड की तैनाती भी की गई है.