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अलवरः मरीजों के बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल में होगी अलग से क्रिटिकल केयर - Critical care

अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में आने वाले हादसों में घायल गंभीर मरीजों को तुरंत और बेहतर इलाज मिल सकेगा. अस्पताल में नई क्रिटिकल केयर यूनिट बनाई जा रही है. यूनिट के लिए भवन निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. इसमें ऑपरेशन थिएटर भी रहेगा.

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जिला अस्पताल में होगी अलग से क्रिटिकल केयर
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Published : Jan 3, 2020, 7:11 PM IST

अलवर. शहर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा जिला अस्पताल है. इसके आउटडोर में प्रतिदिन 4000 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं. अस्पताल के वार्ड में भी 500 से अधिक मरीज भर्ती रहते हैं. अलवर में इलाज के लिए दौसा, भरतपुर, नूह और मेवात क्षेत्र से लोग आते हैं.

जिला अस्पताल में होगी अलग से क्रिटिकल केयर

बता दें कि इस तरह के हालात ट्रॉमा सेंटर और गंभीर मरीजों के रहते हैं. प्रतिदिन बड़ी संख्या में हादसों में घायल मरीज इलाज के लिए आते हैं. ट्रॉमा सेंटर और अलग यूनिट होने के कारण मरीज और उसके परिजनों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसलिए अस्पताल प्रशासन की तरफ से अस्पताल में एक करोड़ 30 लाख रुपए की लागत से नई क्रिटिकल यूनिट बनाई जा रही है. ट्रॉमा सेंटर के पीछे भवन निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. जल्द ही काम पूरा होने की संभावना है.

पढ़ेंः गीतानंद शिशु चिकित्सालय में कर्मचारियों के निलंबन का विरोध करते हुए डॉक्टरों और नर्सिंग कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार

इसमें मरीज और उनके परिजनों को बेहतर इलाज मिल सकेगा. परिजनों को इलाज के लिए अलग-अलग भवनों में चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. एक ही जगह पर पर्ची बनने से लेकर डॉक्टर के इलाज करने तक सभी सुविधाएं मिल सकेंगी.

अलवर. शहर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा जिला अस्पताल है. इसके आउटडोर में प्रतिदिन 4000 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं. अस्पताल के वार्ड में भी 500 से अधिक मरीज भर्ती रहते हैं. अलवर में इलाज के लिए दौसा, भरतपुर, नूह और मेवात क्षेत्र से लोग आते हैं.

जिला अस्पताल में होगी अलग से क्रिटिकल केयर

बता दें कि इस तरह के हालात ट्रॉमा सेंटर और गंभीर मरीजों के रहते हैं. प्रतिदिन बड़ी संख्या में हादसों में घायल मरीज इलाज के लिए आते हैं. ट्रॉमा सेंटर और अलग यूनिट होने के कारण मरीज और उसके परिजनों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसलिए अस्पताल प्रशासन की तरफ से अस्पताल में एक करोड़ 30 लाख रुपए की लागत से नई क्रिटिकल यूनिट बनाई जा रही है. ट्रॉमा सेंटर के पीछे भवन निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. जल्द ही काम पूरा होने की संभावना है.

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इसमें मरीज और उनके परिजनों को बेहतर इलाज मिल सकेगा. परिजनों को इलाज के लिए अलग-अलग भवनों में चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. एक ही जगह पर पर्ची बनने से लेकर डॉक्टर के इलाज करने तक सभी सुविधाएं मिल सकेंगी.

Intro:अलवर
अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में आने वाले हादसों में घायल गंभीर मरीजों को तुरंत व बेहतर इलाज मिल सकेगा। अस्पताल में नई क्रिटिकल केयर यूनिट बनाई जा रही है। यूनिट के लिए भवन निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इसमें ऑपरेशन थिएटर भी रहेगा।


Body:अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा जिला अस्पताल है। इसके आउटडोर में प्रतिदिन 4000 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं। अस्पताल के वार्ड में भी 500 से अधिक मरीज भर्ती रहते हैं। अलवर में इलाज के लिए दौसा, भरतपुर, नूह व मेवात क्षेत्र से लोग आते हैं। इस तरह के हालात ट्रॉमा सेंटर व गंभीर मरीजों के रहते हैं। प्रतिदिन बड़ी संख्या में हादसों में घायल मरीज इलाज के लिए आते हैं। ट्रॉमा सेंटर व अलग यूनिट होने के कारण मरीज व उसके परिजनों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए अस्पताल प्रशासन की तरफ से अस्पताल में एक करोड़ 30 लाख रुपए की लागत से नई क्रिटिकल यूनिट बनाई जा रही है। ट्रॉमा सेंटर के पीछे भवन निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। जल्द ही काम पूरा होने की संभावना है।


Conclusion:इसमें मरीज व उनके परिजनों को तुरंत व बेहतर इलाज मिल सकेगा। परिजनों को इलाज के लिए अलग-अलग भवनों में चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। एक ही जगह पर पर्ची बनने से लेकर डॉक्टर के इलाज करने तक सभी सुविधाएं मिल सकेंगी। अस्पताल प्रशासन ने कहा कि इससे मरीज व उनके परिजनों को खासा फायदा पहुंचेगा।

वाइट- डॉक्टर सुनील चौहान प्रमुख चिकित्सा अधिकारी
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