अलवर. सरिस्का टाइगर रिजर्व शुक्रवार से पर्यटन के लिए खोल दिया जाएगा. जिसके बाद सरिस्का के सभी रूट व अलवर बफर जोन में पर्यटक सफारी का आनंद उठा सकेंगे. लेकिन सरिस्का स्थित पांडुपोल हनुमान मंदिर अभी बंद रहेगा.
करीब 68 दिन बाद पर्यटक सरिस्का में सफारी का आनंद ले सकेंगे व बाघों का दीदार कर सकेंगे. कोरोना संक्रमण के चलते सरिस्का पार्क में 17 अप्रैल से पर्यटकों का प्रवेश बंद कर दिया गया था. सरिस्का के क्षेत्र निदेशक आरएन मीणा ने गुरुवार को 25 जून से आगामी आदेश तक सरिस्का टाइगर रिजर्व को खोलने के निर्देश जारी किए हैं.
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पार्क खुलने के दौरान राज्य सरकार की ओर से जारी कोविड गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित की जाएगी. बाघ संरक्षण प्राधिकरण एनटीसीए ने गत 23 जून एवं राज्य सरकार ने 24 जून को राज्य के टाइगर रिजर्व को पर्यटन के लिए खोले जाने की अनुमति जारी की थी. इन आदेशों की पालना में क्षेत्र निदेशक सरिस्का ने गुरुवार को सरिस्का टाइगर रिजर्व को 25 जून से आगामी आदेश तक खोलने के आदेश जारी किए हैं.
आदेश के तहत सरिस्का के सभी रूट व अलवर बफर जोन को पर्यटन के लिए खोला जाएगा. लेकिन सरिस्का टाइगर रिजर्व स्थित ऐतिहासिक पाण्डुपोल हनुमान मंदिर अभी बंद रहेगा. इसके लिए जिला कलेक्टर की ओर से धार्मिक स्थल खोलने के अलग से आदेश किए जाएंगे.
राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में धार्मिक स्थल खोलने की अनुमति नहीं है. यही कारण है कि सरिस्का में पर्यटन को छूट मिलने के बाद भी पाण्डुपोल मंदिर नहीं खुल सकेगा.
इस बार मानसून के दौरान पार्क में पर्यटकों का प्रवेश बंद करने या पूर्व की तरह एक रूट व अलवर बफर जोन खोलने को लेकर अभी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है. उम्मीद है कि इस बार भी मानसून के दौरान सरिस्का में पाण्डुपोल मार्ग एवं अलवर बफर में पर्यटकों के प्रवेश की अनुमति रहेगी. इसके लिए अलग से आदेश जारी होने की संभावना है.
यदि मानसून के दौरान पूर्व की तरह पर्यटकों को एक रूट व अलवर बफर जोन के लिए अनुमति मिलती है, तो सरकार की ओर से पार्क खोलने के आदेश के बाद भी केवल सात दिन ही पर्यटक सरिस्का का आनंद उठा सकेंगे.