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International Tigers day 2022: बाघ का कुनबा बढ़ाने के लिए चाहिए युवा बाघ...अभी मौजूद हैं 24 बाघ-बाघिन - Shifting of tigers in Sariska Tiger reserve

सरिस्का टाइगर रिजर्व (Sariska Tiger Reserve) घने जंगल व खूबसूरती के लिए देश-विदेश में अपनी खास पहचान रखता है. सरिस्का में अभी 10 बाघिन, 7 बाघ व 7 शावक हैं. बाघ बुजुर्ग हो रहे हैं. ऐसे में बाघों का कुनबा नहीं बढ़ पा रहा है. यहां युवा बाघों की आवश्यकता है.

Sariska Tiger Reserve
सरिस्का को युवा बाघों की है आवश्यकता
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Published : Jul 29, 2022, 6:02 AM IST

अलवर. सरिस्का देश-विदेश में अपनी खास पहचान रखता है. साल भर पर्यटक घूमने व सफारी का आनंद लेने के लिए सरिस्का आते हैं. सरिस्का का जंगल अन्य जंगलों की तुलना में घना है. हालांकि 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ सरिस्का साल 2005 में बाघ विहीन हो गया था. पहली बार देश में एयरलिफ्ट करके रणथंभौर से नए बाघ सरिस्का लाए गए, बाघों का कुनबा बसाया गया. लेकिन अब ज्यादातर बाघ उम्रदराज हो चुके हैं. ऐसे में सरिस्का को युवा बाघों की आवश्यकता है. युवा बाघ आएंगे तो सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ेगा.

सरिस्का टाइगर रिजर्व घने जंगल व खूबसूरती के लिए देश-विदेश में अपनी खास पहचान रखता है. सरिस्का में अभी 10 बाघिन, 7 बाघ व 7 शावक हैं. बाघ बुजुर्ग हो रहे हैं. ऐसे में बाघों का कुनबा नहीं बढ़ पा रहा है. सिरस्का में सबसे ज्यादा बाघों का कुनबा युवा बाघ st13 ने बढ़ाया है. st13 सबसे युवा बाघ था, लेकिन दो माह से वह गायब है. इस मामले में रणथंभौर लॉबी पर गंभीर आरोप लगे. लेकिन अभी तक सरिस्का प्रशासन की तरफ से बाघ को मृत घोषित नहीं किया गया है.

सरिस्का को युवा बाघों की है आवश्यकता

सरिस्का व मुकुंदरा में बाघ होंगे शिफ्टः रणथंभौर में बाघों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में सरिस्का (Shifting of tigers in Sariska Tiger reserve) व मुकुंदरा में बाघ शिफ्ट होने हैं. सरिस्का में बाघ शिफ्ट होने के लिए एनटीसीए व सरकार की अनुमति मिल चुकी है. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि एक बाघ व एक बाघिन को जल्द ही शिफ्ट किया जाएगा. इसके लिए प्रक्रिया चल रही है.

पढे़ं. Sariska Tiger Reserve: अभ्यारण में बसे 25 गांव को बाहर निकालने की मांग, सरिस्का टाइगर फाउंडेशन ने एसीएस को लिखा पत्र

जंगल बाघ व अन्य वन्यजीवों के लिए बेहतरः पर्यावरण विशेषज्ञों की मानें तो सरिस्का का जंगल बाघ व अन्य वन्यजीवों के लिए बेहतर है. जंगल घना होने के कारण वन्यजीवों को घूमने में सुविधा रहती है. जंगल में भोजन के पर्याप्त इंतजाम हैं. बाघ व पैंथर को चीतल व सांभर सबसे ज्यादा पसंद हैं. सरिस्का के जंगलों में चीतल व सांभर बहुतायत संख्या में हैं. इसके अलावा सरिस्का एनसीआर क्षेत्र में आता है. यहां पर्यटन की खासी संभावनाएं है. दिल्ली व जयपुर के मध्य होने के कारण रेल व सड़क मार्ग से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है. इसलिए वन विभाग की तरफ से भी सरिस्का में युवा बाघ शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है.

युवा बाघ एसटी13 है गायबः सरिस्का में फरवरी माह से बाघ एसटी13 गायब है. सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ाने में इस बाघ की बड़ी भूमिका रही है. यहां बाघों के 25 तक पहुंचे कुनबे में 10 में बाघ एसटी-13 का योगदान रहा है. बाघों की संख्या बढ़ने से पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा था. इसलिए बाघ के गायब होने में रणथंभौर लॉबी का हाथ होने की बात कही गई.

पढ़ें. Sariska Tiger Reserve : सरिस्का में बढ़ेगी तीसरी आंख की संख्या, बाघ व शिकारियों पर रखी जा सकेगी नजर

दुनिया के 70 प्रतिशत बाघ भारत में हैः पूरी दुनिया के 70 प्रतिशत से अधिक बाघ भारत में हैं. देश में साल 2014 में बाघों की आबादी 1411 के करीब थी, यह 4 साल बाद अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट 2018 के अनुसार बढ़कर 2967 हो गई है. इनमें मध्य प्रदेश में बाघों की सबसे ज्यादा आबादी है. दूसरे नंबर पर कर्नाटक और तीसरे पर उत्तराखंड राज्य है. राजस्थान में बाघों की संख्या 102 है. इनमें रणथंभौर में 69, धौलपुर में 4, करौली में 4 और सरिस्का में 24 बाघ हैं.

सरिस्का में बढ़ रही है पर्यटकों की संख्याः सरिस्का में पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. सचिन तेंदुलकर की पत्नी, सलमान खान की बहन सहित क्रिकेटर व फिल्मी सितारे भी सरिस्का आने लगे हैं. 2019-20 में सरिस्का में घूमने के लिए 44 हजार 828 पर्यटक आए. इसमें 39,211 भारतीय, 1,911 विदेशी व 3,706 विद्यार्थी शामिल थे. उसके बाद लगातार पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है. कोरोना के चलते बीच में पर्यटकों की संख्या कम रही. लेकिन सरिस्का में बाघों की संख्या बढ़ रही है. इसलिए यहां आने वाले पर्यटकों को बाघों की साइटिंग भी बेहतर हो रही है. इसके चलते पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है.

अलवर. सरिस्का देश-विदेश में अपनी खास पहचान रखता है. साल भर पर्यटक घूमने व सफारी का आनंद लेने के लिए सरिस्का आते हैं. सरिस्का का जंगल अन्य जंगलों की तुलना में घना है. हालांकि 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ सरिस्का साल 2005 में बाघ विहीन हो गया था. पहली बार देश में एयरलिफ्ट करके रणथंभौर से नए बाघ सरिस्का लाए गए, बाघों का कुनबा बसाया गया. लेकिन अब ज्यादातर बाघ उम्रदराज हो चुके हैं. ऐसे में सरिस्का को युवा बाघों की आवश्यकता है. युवा बाघ आएंगे तो सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ेगा.

सरिस्का टाइगर रिजर्व घने जंगल व खूबसूरती के लिए देश-विदेश में अपनी खास पहचान रखता है. सरिस्का में अभी 10 बाघिन, 7 बाघ व 7 शावक हैं. बाघ बुजुर्ग हो रहे हैं. ऐसे में बाघों का कुनबा नहीं बढ़ पा रहा है. सिरस्का में सबसे ज्यादा बाघों का कुनबा युवा बाघ st13 ने बढ़ाया है. st13 सबसे युवा बाघ था, लेकिन दो माह से वह गायब है. इस मामले में रणथंभौर लॉबी पर गंभीर आरोप लगे. लेकिन अभी तक सरिस्का प्रशासन की तरफ से बाघ को मृत घोषित नहीं किया गया है.

सरिस्का को युवा बाघों की है आवश्यकता

सरिस्का व मुकुंदरा में बाघ होंगे शिफ्टः रणथंभौर में बाघों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में सरिस्का (Shifting of tigers in Sariska Tiger reserve) व मुकुंदरा में बाघ शिफ्ट होने हैं. सरिस्का में बाघ शिफ्ट होने के लिए एनटीसीए व सरकार की अनुमति मिल चुकी है. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि एक बाघ व एक बाघिन को जल्द ही शिफ्ट किया जाएगा. इसके लिए प्रक्रिया चल रही है.

पढे़ं. Sariska Tiger Reserve: अभ्यारण में बसे 25 गांव को बाहर निकालने की मांग, सरिस्का टाइगर फाउंडेशन ने एसीएस को लिखा पत्र

जंगल बाघ व अन्य वन्यजीवों के लिए बेहतरः पर्यावरण विशेषज्ञों की मानें तो सरिस्का का जंगल बाघ व अन्य वन्यजीवों के लिए बेहतर है. जंगल घना होने के कारण वन्यजीवों को घूमने में सुविधा रहती है. जंगल में भोजन के पर्याप्त इंतजाम हैं. बाघ व पैंथर को चीतल व सांभर सबसे ज्यादा पसंद हैं. सरिस्का के जंगलों में चीतल व सांभर बहुतायत संख्या में हैं. इसके अलावा सरिस्का एनसीआर क्षेत्र में आता है. यहां पर्यटन की खासी संभावनाएं है. दिल्ली व जयपुर के मध्य होने के कारण रेल व सड़क मार्ग से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है. इसलिए वन विभाग की तरफ से भी सरिस्का में युवा बाघ शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है.

युवा बाघ एसटी13 है गायबः सरिस्का में फरवरी माह से बाघ एसटी13 गायब है. सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ाने में इस बाघ की बड़ी भूमिका रही है. यहां बाघों के 25 तक पहुंचे कुनबे में 10 में बाघ एसटी-13 का योगदान रहा है. बाघों की संख्या बढ़ने से पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा था. इसलिए बाघ के गायब होने में रणथंभौर लॉबी का हाथ होने की बात कही गई.

पढ़ें. Sariska Tiger Reserve : सरिस्का में बढ़ेगी तीसरी आंख की संख्या, बाघ व शिकारियों पर रखी जा सकेगी नजर

दुनिया के 70 प्रतिशत बाघ भारत में हैः पूरी दुनिया के 70 प्रतिशत से अधिक बाघ भारत में हैं. देश में साल 2014 में बाघों की आबादी 1411 के करीब थी, यह 4 साल बाद अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट 2018 के अनुसार बढ़कर 2967 हो गई है. इनमें मध्य प्रदेश में बाघों की सबसे ज्यादा आबादी है. दूसरे नंबर पर कर्नाटक और तीसरे पर उत्तराखंड राज्य है. राजस्थान में बाघों की संख्या 102 है. इनमें रणथंभौर में 69, धौलपुर में 4, करौली में 4 और सरिस्का में 24 बाघ हैं.

सरिस्का में बढ़ रही है पर्यटकों की संख्याः सरिस्का में पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. सचिन तेंदुलकर की पत्नी, सलमान खान की बहन सहित क्रिकेटर व फिल्मी सितारे भी सरिस्का आने लगे हैं. 2019-20 में सरिस्का में घूमने के लिए 44 हजार 828 पर्यटक आए. इसमें 39,211 भारतीय, 1,911 विदेशी व 3,706 विद्यार्थी शामिल थे. उसके बाद लगातार पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है. कोरोना के चलते बीच में पर्यटकों की संख्या कम रही. लेकिन सरिस्का में बाघों की संख्या बढ़ रही है. इसलिए यहां आने वाले पर्यटकों को बाघों की साइटिंग भी बेहतर हो रही है. इसके चलते पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है.

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