अलवर. जिले में होने वाले सड़क हादसे को रोकने के लिए परिवहन विभाग की तरफ से नवाचार किया गया है. परिवहन विभाग ने आरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आने वाले सभी लोगों की काउंसलिंग शुरू की है. इसके लिए आरटीओ कार्यालय में एक घंटे की क्लास होती है. इसमें आवेदक को यातायात नियमों के बारे में जानकारी दी जाती है. और सड़क हादसों से बचने के लिए बताया जाता है. इस दौरान अभी को शपथ भी दिलवाई जाती है. परिवहन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि इस प्रयास से अलवर में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में कमी आई है.
पूरे प्रदेश में सड़क हादसों के 16 से 17 हजार मामले दर्ज होते हैं. जबकि अकेले अलवर जिले में हर साल 17 से 18 हजार मामले दर्ज होते हैं. इनमें सड़क हादसों की संख्या भी प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा रहती है. ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आने वाली प्रत्येक व्यक्ति की काउंसलिंग की जा रही है. इसके लिए आरटीओ ऑफिस कार्यालय में एक अलग से रूम तैयार किया गया है. उसमें एक घंटे की क्लास होती है. जिसमें यातायात नियमों और सड़क पर वाहन चलाते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया जाता है. दिसंबर 2018 से लगातार आरटीओ ऑफिस कार्यालय में यह क्लास चल रही है. इसमें अलवर के आरटीओ अधिकारी एआरटीओ और इंस्पेक्टर सहित सभी अधिकारी लोगों को अहम जानकारियां देते हैं. इस दौरान लोगों को एक फिल्म भी दिखाई जाती है जिसके माध्यम से गाड़ी चलाते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया गया है.
अलवर के आरटीओ अनिल कुमार जैन ने बताया कि लगातार सुबह के समय लाइसेंस बनवाने के लिए आने वाले लोगों की क्लास लेते हैं. इसमें सभी को शपथ भी दिलवाई जाती है. जिससे वह अपने आसपास रहने वाले लोगों और परिवार के सदस्यों को भी इन नियमों की जानकारी दे सकें. उन्होंने कहा इस प्रयास के परिणाम भी नजर आने लगे हैं. हाल ही में सड़क हादसों की एक रिपोर्ट के हिसाब से 2018 की तुलना में अलवर में मरने वालों की संख्या में कमी आई है.
आरटीओ ने कहा कि अलवर में बीते साल एक जनवरी से मई माह तक पांच माह में सड़क हादसों में 271 लोगों की मौत हुई थी. तो वहीं इस साल सड़क पांच माह के दौरान हादसों में 260 लोगों की मौत हुई है. ऐसे में मरने वालों की संख्या में कमी आई है. जबकि अगर प्रदेश की बात करें तो साल 2018 में प्रदेश भर में 4415 लोगों की सड़क हादसों में जान गई. जबकि 2019 में मरने वालों की संख्या बढ़कर 4618 हो गई. ऐसे में परिवहन विभाग का दावा है कि आने वाले समय में इस काउंसलिंग प्रक्रिया का और भी फायदा नजर आएगा. उन्होंने कहा वैसे तो सभी लोगों के प्रयासों से मरने वालों की संख्या कम हुई है. लेकिन, परिवहन विभाग द्वारा लगातार लोगों की जा रही काउंसलिंग का इसमें खासा रोल है.