अलवर. मत्स्य विश्वविद्यालय (Matsya University) के अधीन आने वाले कॉलेजों में एक लाख से ज्यादा युवा विभिन्न कोर्सों में पढ़ाई कर रहे हैं. विश्वविद्यालय में पीएचडी के अलावा स्टूडेंट यहां अब शोध भी कर सकेंगे. इसके लिए विश्वविद्यालय में चार शोध केंद्र (four research centers) शुरू करने का फैसला लिया गया है.
राजर्षि भर्तहरि शोध पीठ अध्ययन केंद्र (Raj Rishi Bhartrihari Research and Study Center) , महात्मा गांधी अध्ययन केंद्र (Mahatma Gandhi Study Center), स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda Study Center) और डॉ. भीमराव अंबेडकर अध्ययन केंद्र (Bhimrao Ambedkar Study Center) के नाम से शोध पीठ अध्ययन केंद्र खोले जाएंगे.
इन केंद्रों के माध्यम से सभी के जीवन और कामों से जुड़ी हुई जानकारी स्टूडेंट्स को मिल सकेगी. स्टूडेंट इन महापुरुषों की जीवनी और कार्यों पर शोध कर सकेंगे. इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा.
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विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर जेपी यादव (University Vice Chancellor Professor JP Yadav) ने बताया कि शोध पीठ और अध्ययन केंद्र खुलने से युवा वर्ग महापुरुषों की जीवनी को जान सकेगा और उनके कार्यों को समझ सके साथ ही उन पर शोध भी कर सकेगा. इसके लिए शोध पीठ और अध्ययन केंद्र शुरू करने का फैसला लिया है. इसकी शुरुआत महाराज भर्तहरि शोध पीठ से होगी.
इसमें समय-समय पर सेमिनार और कार्यकम आयोजित किए जाएंगे. इनमें किताबों का कलेक्शन रहेगा. महाराज भर्तहरि की जीवनी और उनके बारे में युवाओं को बताया जाएगा. युवा इन केंद्रों के माध्यम से रिसर्च और पढ़ाई कर सकेंगे. साथ ही इन अध्ययन केंद्रों से विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था में भी सुधार होगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा. विश्व विद्यालय समिति की ओर से इस पर मुहर लग चुकी है. इन केंद्रों का सीधा फायदा विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वाले छात्रों को मिलेगा.