अलवर. बहुचर्चित आनंदपाल प्रकरण में रावणा और राजपूत समाज के लोगों को दोषी साबित किए जाने के विरोध में शुक्रवार को राजपूत समाज की ओर से राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया. ज्ञापन में बताया गया कि, राजपूत समाज शुरू से आनंदपाल एनकाउंटर मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग करता आ रहा है. लेकिन सीबीआई से जांच होने के बाद राजपूत समाज के लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश करवा दी.
अलवर राजपूत सभा अध्यक्ष और सचिव ने कहा कि यह सारा मामला पिछली सरकार के समय का है. उसी के दबाव में झूठी जांच रिपोर्ट तैयार की गई. जिसमें उल्टा राजपूत समाज के लोगों को दोषी बता दिया. राजपूत समाज का कहना है कि, इससे राजपूत समाज में भारी रोष व्याप्त है, इस प्रकरण में सीबीआई द्वारा चार्जशीट पेश कर मुकदमा वापस लेने की मांग की.
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जिला राजपूत सभा ने कहा कि, राजपूत और रावणा राजपूत समाज के 24 लोगों को एफआईआर में शामिल किया गया वह गलत है. प्रदेश के राजपूत समाज के लोग इसका विरोध कर रहे है और हर जिले में राजपूत समाज की ओर से सभी कलेक्टरों और तहसीलदारों को राजपूत समाज के लोगों पर लगे मुकदमों को वापस लेने की मांग पर ज्ञापन दिया जा रहा है.
अजमेर में भी दिया ज्ञापन
अजमेर में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय पहुंचकर प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. कार्यकर्ताओं ने मांग कि है कि सांवरदा में आनन्दपाल एनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग करने जुटे राजपूत समाज के 24 नेताओं को सीबीआई ने दोषी माना है. जबकि समाज सरकार से आनंदपाल के एनकाउंटर की जांच कर रहा था.
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राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के शहर अध्यक्ष भवानी सिंह पड़िहार ने कहा कि, सीबीआई जांच में बेकसूर राजपूत समाज के 24 नेताओं को दोषी माना है. राष्ट्रपति को ज्ञापन सौपकर उन्हें मामले से अवगत करवाने के साथ 24 राजपूत नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की गई है.