अलवर. केंद्रीय कारागृह में आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक कैदी की ओपन जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. जेल प्रशासन हार्ट अटैक के चलते मौत की बात कह रहा है तो वहीं कैदी के परिजनों का आरोप है उसको किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं थी.
अलवर केंद्रीय कारागृह के जेलर नवल किशोर ने बताया कि 15 मई 2019 से रविंद्र माथुर पुत्र किशोर माथुर एक हत्या के मुकदमे में ओपन जेल में सजा काट रहा था. जिसका हार्ट का इलाज चल रहा था और रात को उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद उसे राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
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मृतक की बहन सुषमा माथुर ने बताया कि उसका भाई गुजरात में बीडीओ के पद से रिटायर्ड था. 74 वर्षीय रविंद्र माथुर ने अलवर कोटकासिम में पड़ोसियों से झगड़े में फायरिंग कर दी थी. जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी. जिसके बाद हत्या के मुकदमे में रविंद्र आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. 2011 से मृतक जेल में बंद था.
उन्होंने बताया कि उनके भाई को किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं थी, लेकिन जेल प्रशासन हार्ट अटैक से मौत होने की बात कह रहा है. मामले में न्यायिक अधिकारी हॉस्पिटल पहुंचे और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की. मृतक कैदी का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है.