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अलवर: लॉकडाउन के चलते गरीबों को नहीं मिल रहा सरकारी राशन - खाद्य सुरक्षा

अलवर शहर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते कोतवाली क्षेत्र में 14 दिन के लिए लॉकडाउन लगा हुआ है. जिसके चलते गरीब परिवारों को सरकारी राशन नहीं मिल पा रहा है. क्योंकि लॉकडाउन के चलते उचित मूल्य की दुकानों में गेहूं और चना नहीं पहुंचा है.

लॉकडाउन के चलते गरीबों को नहीं मिल रहा सरकारी राशन
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Published : Aug 11, 2020, 3:22 AM IST

अलवर. कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन ने गरीबों के मुंह से निवाला छीन लिया है. दरअसल सरकार की तरफ से गरीब लोगों को निशुल्क राशन का वितरण किया जाता है. लॉकडाउन के चलते सभी राशन की सरकारी दुकानें बंद हैं. ऐसे में गेहूं के लिए लोग दुकानों में चक्कर लगा रहे हैं. खाद्य सुरक्षा लाभार्थी परिवारों को नवंबर माह तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत निशुल्क गेहूं और चना वितरण किया जा रहा है. इसके तहत हर माह खाद्य सुरक्षा राशन कार्ड धारी परिवार को प्रति यूनिट 5-5 किलो गेहूं और प्रति राशनकार्ड 1 किलो चना दिया जाना है.

पढ़ें: जयपुर में बढ़ी रही कोरोना मरीजों की संख्या, कलेक्टर ने कहा- गंभीर मरीजों पर कर रहे ज्यादा फोकस

जुलाई माह में योजना के तहत अलवर जिले के सवा छह लाख से ज्यादा खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थी परिवारों के लिए 12 हजार 183 मैट्रिक टन गेहूं का वितरण किया गया. जिला प्रशासन ने 30 जुलाई से शहर कोतवाली एरिया में 14 दिन का लॉकडाउन लगा दिया. जिसके कारण लॉकडाउन एरिया में आने वाली सभी राशन की 42 दुकानें पूरी तरीके से बंद हैं. ऐसे में इन राशन की दुकानों पर गेहूं नहीं पहुंच पाया है. शहर की अन्य राशन की दुकानों पर गेहूं पहुंच गया है. लेकिन लॉकडाउन क्षेत्र में रहने वाले लोग वहां से राशन का गेहूं नहीं ले पा रहे हैं. क्योंकि बाहर की दुकानों में भी वितरण कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में कोरोना के चलते गरीब परिवारों को राशन के लिए भी खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.

अलवर जिले में हर माह लाखों परिवारों को निशुल्क राशन दिया जाता है. लॉकडाउन में लोगों के काम धंधे छूट गए हैं व नौकरियां चली गई हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री ने गरीब परिवारों को नवंबर माह तक निशुल्क राशन देने की बात कही थी. जिसके तहत हर माह खाद्य सुरक्षा से जुड़े हुए परिवारों को गेहूं चना दिया जा रहा है. लेकिन अलवर शहर कोतवाली क्षेत्र में लॉकडाउन लगा हुआ है. कोतवाली क्षेत्र में 2 लाख से अधिक लोग रहते हैं. शहर के सभी पुराने मोहल्ले, कच्ची बस्ती बाजार कोतवाली क्षेत्र में आते हैं. ऐसे में क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सरकारी राशन के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.

अलवर. कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन ने गरीबों के मुंह से निवाला छीन लिया है. दरअसल सरकार की तरफ से गरीब लोगों को निशुल्क राशन का वितरण किया जाता है. लॉकडाउन के चलते सभी राशन की सरकारी दुकानें बंद हैं. ऐसे में गेहूं के लिए लोग दुकानों में चक्कर लगा रहे हैं. खाद्य सुरक्षा लाभार्थी परिवारों को नवंबर माह तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत निशुल्क गेहूं और चना वितरण किया जा रहा है. इसके तहत हर माह खाद्य सुरक्षा राशन कार्ड धारी परिवार को प्रति यूनिट 5-5 किलो गेहूं और प्रति राशनकार्ड 1 किलो चना दिया जाना है.

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जुलाई माह में योजना के तहत अलवर जिले के सवा छह लाख से ज्यादा खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थी परिवारों के लिए 12 हजार 183 मैट्रिक टन गेहूं का वितरण किया गया. जिला प्रशासन ने 30 जुलाई से शहर कोतवाली एरिया में 14 दिन का लॉकडाउन लगा दिया. जिसके कारण लॉकडाउन एरिया में आने वाली सभी राशन की 42 दुकानें पूरी तरीके से बंद हैं. ऐसे में इन राशन की दुकानों पर गेहूं नहीं पहुंच पाया है. शहर की अन्य राशन की दुकानों पर गेहूं पहुंच गया है. लेकिन लॉकडाउन क्षेत्र में रहने वाले लोग वहां से राशन का गेहूं नहीं ले पा रहे हैं. क्योंकि बाहर की दुकानों में भी वितरण कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में कोरोना के चलते गरीब परिवारों को राशन के लिए भी खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.

अलवर जिले में हर माह लाखों परिवारों को निशुल्क राशन दिया जाता है. लॉकडाउन में लोगों के काम धंधे छूट गए हैं व नौकरियां चली गई हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री ने गरीब परिवारों को नवंबर माह तक निशुल्क राशन देने की बात कही थी. जिसके तहत हर माह खाद्य सुरक्षा से जुड़े हुए परिवारों को गेहूं चना दिया जा रहा है. लेकिन अलवर शहर कोतवाली क्षेत्र में लॉकडाउन लगा हुआ है. कोतवाली क्षेत्र में 2 लाख से अधिक लोग रहते हैं. शहर के सभी पुराने मोहल्ले, कच्ची बस्ती बाजार कोतवाली क्षेत्र में आते हैं. ऐसे में क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सरकारी राशन के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.

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