अलवर. राजस्थान में अलवर क्राइम के लिहाज से सबसे आगे है. अलवर जिले में एक साल में अकेले 50 हजार मामले दर्ज होते हैं, जबकि पूरे प्रदेश में 80 हजार एफआईआर दर्ज होती है. बिगड़ते क्राइम के हालात को देखते हुए अलवर में दो एसपी लगाए गए. अलवर राजस्थान का पहला ऐसा जिला है, जहां दो एसपी तैनात हैं. नए जिले के रूप में भिवाड़ी को मुख्यालय बनाते हुए भिवाड़ी में एसपी तैनात किए गए, लेकिन उसके बाद भी घटनाओं का सिलसिला बदस्तूर जारी है.
अलवर में कुल 39 थाना है. अलवर जिले में 21 थाने हैं और भिवाड़ी में 18 थाने हैं. भिवाड़ी में बहरोड़, नीमराणा, किशनगढ़बास, तिजारा, भिवाड़ी और बानसूर सर्किल है. इसी तरह अलवर में अलवर शहर, अलवर दक्षिण, लक्ष्मणगढ़, राजगढ़, अलवर ग्रामीण और थानागाजी सर्किल है. कोरोना के कारण पुलिसकर्मी लगातार कंटेनमेंट जोन, हॉस्पिटल और कोरोना संबंधित ड्यूटी कर रहे हैं. साथ ही पंचायत चुनाव और निगम चुनाव में पुलिसकर्मियों की व्यस्तता रही. ऐसे में थानों में पेंडेंसी बढ़ गई है, आरोपी गिरफ्तार नहीं हो रहे हैं.
पढ़ें- ड्रग माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई, 10 ग्राम स्मैक और 460 ग्राम गांजा के साथ 3 आरोपी गिरफ्तार
थानों में बढ़ती पेंडेंसी को देखते हुए अलवर पुलिस की तरफ से क्राइम मीटिंग के माध्यम से जल्द मामलों का निस्तारण करने के प्रयास किए जा रहे हैं. पुलिस अधीक्षक सभी सर्किल क्षेत्र में थाना और सीओ अधिकारियों की क्राइम मीटिंग ले रही है. इस दौरान फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने, एफआईआर की जांच पड़ताल करने, न्यायालय में मामले पेश करने सहित जल्द से जल्द मामलों के निस्तारण के निर्देश दिए जा रहे हैं.
पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि शनिवार को लक्ष्मणगढ़ सर्किल में अधिकारियों की बैठक ली गई. अभी तक जिला स्तर पर क्राइम मीटिंग होती थी, लेकिन अब सर्किल स्तर पर मीटिंग ली जा रही है जिससे बेहतर मॉनिटरिंग हो सके. इससे जल्द से जल्द पेंडिंग मामलों का निस्तारण हो सके.