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शहीद दयाराम गुर्जर को पत्नी ने दिया कांधा...सात साल की बेटी ने दी मुखाग्नि, अंतिम संस्कार में उमड़ा जन सैलाब

अलवर के बानसूर के बुटेरी गांव में शहीद का शव पहुंचा तो पूरा गांव श्रद्धांजलि देने उमड़ पड़ा. राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया. शहीद दयाराम के पार्थिव शरीर को उनकी पत्नी ने भी कांधा दिया. सात साल की बेटी ने पिता को मुखाग्नि दी तो सभी आंंखों से आंसू छलक पड़े. बुटेरी गांव निवासी दयाराम गुर्जर सूरतगढ़ में तैराकी की ट्रेनिंग के दौरान शहीद हो गए थे. दयाराम गुर्जर 28 राजपूत रेजीमेंट में सिपाही के पद पर तैनात थे. शुक्रवार को उनका पार्थिव शरीर बानसूर पहुंचा.

तिरंगा रैली , बानसूर का लाल दयाराम गुर्जर शहीद
शहीद दयाराम गुर्जर
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Published : Oct 29, 2021, 11:31 AM IST

Updated : Oct 29, 2021, 6:57 PM IST

बानसूर (अलवर). बानसूर के गांव बुटेरी के निवासी दयाराम गुर्जर जोकी 28 राजपूत रेजीमेंट में सिपाही के पद पर तैनात थे. उनकी सूरतगढ़ में ट्रेनिंग चल रही थी. नौसेना अभ्यास के समय नहर के तेज बहाव में बह जाने से उनका निधन हो गया. जिसके बाद सेना के जवानों ने दयाराम गुर्जर के शव को बाहर निकाला, लेकिन तब तक वे वीरगति को प्राप्त हो चुके थे. शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

राजस्थान के सूरतगढ़ में सेना अभ्यास के दौरान पैर फिसलने से दयाराम नहर में बह गए थे जिससे उनकी मौत हो गई थी. खबर गांव पहुंची तो बानसूर में शोक की लहर दौड़ गई. आज सुबह शहीद का पार्थिक शरीर गांव आ रहा था तो बीच में बूटेरी टोल नाके पर हजारों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे और शहीद को तिरंगा यात्रा के साथ गांव तक लाया गया. शहीद दयाराम गुर्जर 28 राजपूत रेजीमेंट सेना में सिपाही के पद पर तैनात थे.

शहीद दयाराम गुर्जर

पढ़ें. पुलिस शहीद दिवस: शहीद पुलिसकर्मियों को DGP लाठर ने दी श्रद्धांजलि, कहा- आज है प्रेरणा लेने का दिन

शहीद दयाराम गुर्जर की शहादत की खबर बानसूर पहुंची तो गांव में शोक की लहर दौड़ गई. वहीं आज सुबह शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बुटेरी पहुंचा जहां बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. 'भारत माता की जय' के उदघोष के साथ तिरंगा यात्रा के साथ शहीद के पार्थिव शरीर को घर लाया गया. घर पहुंचते ही माहौल गमगीनहो गया. शहीद की पत्नी निर्मला देवी पति की शहादत पर फूट-फूट कर रोई तो वहां मौजूद लोगों की आंखें भर आईं.

शहदी की पत्नी ने नम आंखों से पति को कंधा दिया जबकि बड़ी बेटी हैप्पी ने पिता को मुखाग्नि दी. सेना के जवानों ने शहीद के पिता जयराम गुर्जर को तिरंगा झंडा देकर सलामी दी. शहीद दयाराम को श्रद्धांजलि देने के लिए जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ तथा बानसूर विधायक शकुंतला रावत, विराट नगर विधायक इंद्राज गुर्जर कोटपूतली के पूर्व विधायक रामस्वरूप कसाना भाजपा नेता महेंद्र यादव पूर्वी यूआईटी चेयरमैन देवी सिंह शेखावत सहित कोटपूतली के भाजपा नेता मुकेश यादव शहीद के गांव पहुंचे और दयाराम को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

ग्रामीणों ने निकाली तिरंगा यात्रा

दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर

28 राजपूत रेजीमेंट सेना की एक टुकड़ी ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देकर श्रद्धांजलि दी. इसके पश्चात बानसूर डीवाईएसपी सुभाष गोदारा तथा थाना अधिकारी अवतार सिंह ने भी शहीद दयाराम गुर्जर को पुष्प चक्र अर्पित कर सलामी दी.

शहीद की दो बेटी हैं जिनमें छोटी बेटी मिनल डेढ़ साल की तथा बड़ी बेटी हैप्पी सात साल की है. शहीद दयाराम गुर्जर की शादी 2005 में निर्मला से हुई थी. दयाराम 2011 में सेना में भर्ती हुए थे. इधर विधायक शकुन्तला रावत ने शहीद की पत्नी निर्मला देवी, माता मूर्ति देवी को ढांढस बंधाया. शहीद के पिता जयराम गुर्जर को सेना के अधिकारियों ने तिरंगा सुपुर्द किया. वहीं शहीद की बहन ने देश सेवा में जान गंवाने वाले भाई की शहादत पर रुंदले गले से कविता सुनाकर श्रद्धांजलि दी. अंतिम संस्कार के दौरान शहीद दयाराम गुर्जर अमर रहे के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा. ग्रामीणों की आंखों में गांव के लाल को खोने के दुख के साथ गर्व भी साफ नजर आ रहा था.

पत्नी से कहते थे... शहीद हो जाऊं तो कांधा जरूर देना

शहीद दयाराम गुर्जर जब भी अपने घर आता था अपनी पत्नी से एक ही बात कहता था अगर मै देश के लिए शहीद हो जाऊं तो आंसू नहीं बहाना. हिम्मत कर मुझे कांधा देखकर अंतिम विदाई देना. पत्नी से यह भी कहते थे कि अपनी संतान को सेना में ही जाने के लिए प्रेरित करते रहना.

पढ़ें. 12 जिलों की 69 तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित, CM की घोषणा से किसानों के खिले चेहरे

बेटियों को सेना में ही भेजेंगी

शहीद की पत्नी के जज्बा और साहस को लोगों ने सलाम किया और शहीद की पत्नी मैं मीडिया से बात भी की और कहा मेरी दोनों बेटियों को मैं सेना में ही देश की रक्षा के लिए भेजूंगी । शहीद की पत्नी भी पढ़ाई में उसने ग्रेजुएशन की हुई है

शहीद के नाम से जयकारे

बानसूर के गांव बूटेरी के शहीद दयाराम गुर्जर के पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया जा रहा है. कोटपूतली रोड बूटेरी टोल नाके पर हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने शहीद को तिरंगा रैली से उनके गांव बुटेरी तक ला रहे हैं. साथ ही शहीद के नाम से जयकारे लगाकर उद्घोष भी किया जा रहा है. शव को 28 राजपूत रेजिमेंट की टुकड़ी और अधिकारी लेकर आ रहे हैं. बानसूर डीवाईएसपी सुभाष गोदारा, थाना अधिकारी एवं क्यूआरटी टीम सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद हैं. बता दें शहीद का अंतिम संस्कार शुक्रवार को किया जाएगा. सेना के जवानों की ओर से शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंत्येष्टि की जाएगी.

यह भी पढ़ें - जेल में आसाराम: फोटो हुआ वायरल, साधक सेवा दल ने सोशल मीडिया पर डाली तस्वीरें और लिखा...

दो बेटियों के पिता थे शहीद दयाराम गुर्जर

शहीद दयाराम गुर्जर शादीशुदा थे और उनके दो बेटियां हैं. दयाराम चार भाई थे. दयाराम के अलावा दो और भाई भीमसिंह, छोटूराम सेना में ही तैनात हैं, जबकि एक भाई घर का काम संभालता है. दयाराम के शहीद होने की सूचना पर गांव का माहौल गमगीन है.

बानसूर (अलवर). बानसूर के गांव बुटेरी के निवासी दयाराम गुर्जर जोकी 28 राजपूत रेजीमेंट में सिपाही के पद पर तैनात थे. उनकी सूरतगढ़ में ट्रेनिंग चल रही थी. नौसेना अभ्यास के समय नहर के तेज बहाव में बह जाने से उनका निधन हो गया. जिसके बाद सेना के जवानों ने दयाराम गुर्जर के शव को बाहर निकाला, लेकिन तब तक वे वीरगति को प्राप्त हो चुके थे. शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

राजस्थान के सूरतगढ़ में सेना अभ्यास के दौरान पैर फिसलने से दयाराम नहर में बह गए थे जिससे उनकी मौत हो गई थी. खबर गांव पहुंची तो बानसूर में शोक की लहर दौड़ गई. आज सुबह शहीद का पार्थिक शरीर गांव आ रहा था तो बीच में बूटेरी टोल नाके पर हजारों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे और शहीद को तिरंगा यात्रा के साथ गांव तक लाया गया. शहीद दयाराम गुर्जर 28 राजपूत रेजीमेंट सेना में सिपाही के पद पर तैनात थे.

शहीद दयाराम गुर्जर

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शहीद दयाराम गुर्जर की शहादत की खबर बानसूर पहुंची तो गांव में शोक की लहर दौड़ गई. वहीं आज सुबह शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बुटेरी पहुंचा जहां बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. 'भारत माता की जय' के उदघोष के साथ तिरंगा यात्रा के साथ शहीद के पार्थिव शरीर को घर लाया गया. घर पहुंचते ही माहौल गमगीनहो गया. शहीद की पत्नी निर्मला देवी पति की शहादत पर फूट-फूट कर रोई तो वहां मौजूद लोगों की आंखें भर आईं.

शहदी की पत्नी ने नम आंखों से पति को कंधा दिया जबकि बड़ी बेटी हैप्पी ने पिता को मुखाग्नि दी. सेना के जवानों ने शहीद के पिता जयराम गुर्जर को तिरंगा झंडा देकर सलामी दी. शहीद दयाराम को श्रद्धांजलि देने के लिए जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ तथा बानसूर विधायक शकुंतला रावत, विराट नगर विधायक इंद्राज गुर्जर कोटपूतली के पूर्व विधायक रामस्वरूप कसाना भाजपा नेता महेंद्र यादव पूर्वी यूआईटी चेयरमैन देवी सिंह शेखावत सहित कोटपूतली के भाजपा नेता मुकेश यादव शहीद के गांव पहुंचे और दयाराम को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

ग्रामीणों ने निकाली तिरंगा यात्रा

दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर

28 राजपूत रेजीमेंट सेना की एक टुकड़ी ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देकर श्रद्धांजलि दी. इसके पश्चात बानसूर डीवाईएसपी सुभाष गोदारा तथा थाना अधिकारी अवतार सिंह ने भी शहीद दयाराम गुर्जर को पुष्प चक्र अर्पित कर सलामी दी.

शहीद की दो बेटी हैं जिनमें छोटी बेटी मिनल डेढ़ साल की तथा बड़ी बेटी हैप्पी सात साल की है. शहीद दयाराम गुर्जर की शादी 2005 में निर्मला से हुई थी. दयाराम 2011 में सेना में भर्ती हुए थे. इधर विधायक शकुन्तला रावत ने शहीद की पत्नी निर्मला देवी, माता मूर्ति देवी को ढांढस बंधाया. शहीद के पिता जयराम गुर्जर को सेना के अधिकारियों ने तिरंगा सुपुर्द किया. वहीं शहीद की बहन ने देश सेवा में जान गंवाने वाले भाई की शहादत पर रुंदले गले से कविता सुनाकर श्रद्धांजलि दी. अंतिम संस्कार के दौरान शहीद दयाराम गुर्जर अमर रहे के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा. ग्रामीणों की आंखों में गांव के लाल को खोने के दुख के साथ गर्व भी साफ नजर आ रहा था.

पत्नी से कहते थे... शहीद हो जाऊं तो कांधा जरूर देना

शहीद दयाराम गुर्जर जब भी अपने घर आता था अपनी पत्नी से एक ही बात कहता था अगर मै देश के लिए शहीद हो जाऊं तो आंसू नहीं बहाना. हिम्मत कर मुझे कांधा देखकर अंतिम विदाई देना. पत्नी से यह भी कहते थे कि अपनी संतान को सेना में ही जाने के लिए प्रेरित करते रहना.

पढ़ें. 12 जिलों की 69 तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित, CM की घोषणा से किसानों के खिले चेहरे

बेटियों को सेना में ही भेजेंगी

शहीद की पत्नी के जज्बा और साहस को लोगों ने सलाम किया और शहीद की पत्नी मैं मीडिया से बात भी की और कहा मेरी दोनों बेटियों को मैं सेना में ही देश की रक्षा के लिए भेजूंगी । शहीद की पत्नी भी पढ़ाई में उसने ग्रेजुएशन की हुई है

शहीद के नाम से जयकारे

बानसूर के गांव बूटेरी के शहीद दयाराम गुर्जर के पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया जा रहा है. कोटपूतली रोड बूटेरी टोल नाके पर हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने शहीद को तिरंगा रैली से उनके गांव बुटेरी तक ला रहे हैं. साथ ही शहीद के नाम से जयकारे लगाकर उद्घोष भी किया जा रहा है. शव को 28 राजपूत रेजिमेंट की टुकड़ी और अधिकारी लेकर आ रहे हैं. बानसूर डीवाईएसपी सुभाष गोदारा, थाना अधिकारी एवं क्यूआरटी टीम सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद हैं. बता दें शहीद का अंतिम संस्कार शुक्रवार को किया जाएगा. सेना के जवानों की ओर से शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंत्येष्टि की जाएगी.

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दो बेटियों के पिता थे शहीद दयाराम गुर्जर

शहीद दयाराम गुर्जर शादीशुदा थे और उनके दो बेटियां हैं. दयाराम चार भाई थे. दयाराम के अलावा दो और भाई भीमसिंह, छोटूराम सेना में ही तैनात हैं, जबकि एक भाई घर का काम संभालता है. दयाराम के शहीद होने की सूचना पर गांव का माहौल गमगीन है.

Last Updated : Oct 29, 2021, 6:57 PM IST
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