अलवर. बहरोड़ में साल 2017 में सामने आए मॉब लिंचिंग के मामले में लोगों ने गोवंश लेकर जाते हुए एक व्यक्ति को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले ने देशभर में अलवर को बदनाम किया था. एक बार फिर से इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. दरसअल कुछ दिन पहले अलवर पुलिस ने इसके इस मामले में चार्जशीट दाखिल करते हुए मारे गए पहलू खान और उसके दोनों बेटों को गौ तस्कर मानते हुए रिपोर्ट दाखिल की. इसके बाद देशभर में बयानबाजी का दौर चला. तो वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मुद्दे पर बोलते हुए का फिर से इस मामले की जांच कराई जाएगी.
वहीं लगातार पहलू खान के परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री की बयानबाजी के बाद अलवर पुलिस ने पांच बिंदुओं के आधार पर न्यायालय में इस मामले की फिर से जांच करने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया है. अलवर पुलिस की मानें तो न्यायालय की हरी झंडी मिलते ही मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी जाएगी. इस बार नए अधिकारियों को इस मामले की जांच की जाएगी. पहलू खान के परिजनों ने पुलिस से कहा था कि वो लोग गोवंश मेवात लेकर नहीं जा रहे थे. जिस गाड़ी में गोवंश लेकर जाया जा रहा था. उस गाड़ी मालिक ने कहा कि उसने गाड़ी पहले ही बेच दी थी.
इस तरह से लोगों के परिजनों ने कहा कि उन्होंने गोवंश लेकर जाने के लिए अनुमति भी दिखाई थी. लेकिन पुलिस ने उसको अपने दस्तावेज में शामिल नहीं किया. इस तरह से पांच बिंदुओं के आधार पर पुलिस ने इस मामले की जांच फिर से करने की बात कही है. अलवर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख ने कहा परिजनों के आधार पर फिर से इस मामले की जांच के लिए न्यायालय में पत्र दाखिल किया है. ऐसे में देखना होगा कि अलवर पुलिस खुद की जांच पर किस तरह से सवाल उठाती है, या फिर पुरानी जांच को सही ठहराया जाता है.