अलवर. कोरोना वायरस के चलते देश भर में लॉकडाउन है. ऐसे में लाखों लोग अपने घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को हो रही है, जो हर रोज मेहनत करके दो वक्त की रोटी का इंतजाम करते हैं. सरकार की तरफ से श्रमिकों की पहचान करने और उनको घर पहुंचाने के लिए एक पोर्टल बनाया गया.
इस पोर्टल पर अलवर जिले में एक लाख से अधिक श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन किया है. इसमें 94 हजार 762 ऐसे श्रमिक हैं, जो अलवर आना चाहते हैं. जबकि अलवर में रहने वाले 14 हजार 728 प्रवासी श्रमिक है, जो अलवर में रहते हैं और अन्य राज्यों में अपने घर जाना चाहते हैं. इसमें अलवर से महाराष्ट्र जाने वाले 2433, गुजरात जाने वाले 2202, उत्तर प्रदेश जाने वाले 1619, दिल्ली जाने वाले 1569, हरियाणा जाने वाले 1414 श्रमिक शामिल हैं.
इसी तरह से अलवर जिले में बिहार के लिए 37 हजार 74, उत्तर प्रदेश के 35 हजार 362 और मध्यप्रदेश के 8379 श्रमिक अटके हुए हैं. विभिन्न प्रदेशों से चलकर सैकड़ों की संख्या में प्रवासी श्रमिक अलवर जिले में पहुंच रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा हरियाणा के श्रमिक हैं, जो जिले में पहुंच रहे हैं. हरियाणा प्रशासन वहां से प्रवासी श्रमिकों को अलवर जिले की सीमा और रेलवे ट्रैक के सहारे भेज रहा है.
अलवर में श्रमिकों को ठहरने और भोजन व्यवस्था सहित स्वास्थ्य जांच के इंतजाम किए जा रहे हैं. वहीं, प्रदेश में आने वाले प्रवासी श्रमिकों को होम क्वॉरेंटाइन करने के निर्देश दिए गए हैं. अलवर जिले में अभी 7171 व्यक्तियों को क्वॉरेंटाइन किया गया है. बाहरी क्षेत्रों से आने वाले लोगों को गांव के बाहर ही स्कूल धर्मशाला में 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन करने के लिए कहा गया है. अलवर जिले में दो लाख 46 हजार से ज्यादा जॉब कार्ड धारी हैं. इनमें से 25 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार दिया जा चुका है.