जोधपुर. जिले में कोरोना वायरस के दर्जनों नए पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं. इससे रोगियों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है लेकिन कोरोना के संक्रमण को काबू में करने के लिए एकमात्र जरिया ज्यादा से ज्यादा मरीजों की जांच ही है. यही कारण है कि जोधपुर के जिला प्रशासन ने इसे अपनी रणनीति का एक अहम हिस्सा बनाया है. इसलिए जोधपुर में कोरोना की जांच का औसत करोना प्रभावित कई देशों के औसत से लगभग दोगुना है.
- जोधपुर में कोरोना जांच औसत संक्रमित देशों से भी ज्यादा
- यह औसत भारत के कई राज्यों में होने वाली दस लाख लोगों की प्रतिदिन जांच से भी ज्यादा है.
- अब तक जोधपुर में पॉजिटिव केसों की संख्या 851
- जोधपुर में अबतक 16 लोगों की कोरोना से मौत
- 268 कोरोना संक्रमित अब तक हुए ठीक
जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित बताते हैं कि जब तक कि प्रत्येक पूर्णांक मरीज की जांच नहीं हो जाती, हम इस बात का पता नहीं लगा सकते कि वह संक्रमण कहां से लाया है. ऐसे में केवल मात्र अग्रेसिव टेस्टिंग से ही हम कोराना की चेन को तोड़ सकते हैं क्योंकि बिना जांच के कोरोना के फैलाव की जांच का पता नहीं चल सकता है.
हमारी टीमें लगातार संदिग्ध रोगियों की पहचान कर सैंपल ले रही है. जोधपुर में 22 मार्च को पहला केस आया था. वहीं करीब पचास दिनों में 26 हजार लोगों की जांच हुई है. जोधपुर में अब तक 845 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. जिले की साल 2011 की जनगणना के अनुसार जनंसख्या 10.50 लाख है.
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जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग के प्रयास से जोधपुर में कोरोना की जांच लगातार हो रही है. जिस कारण से दिनोंदिन कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं. टेस्टिंग के कारण समय पर पॉजिटिव मरीजों की पहचान हो पा रही है. जिससे उन्हें समय रहते इलाज मिल पाएगा.
वहीं संक्रमण को दूसरे लोगों में और फैलने से रोका जा सकेगा. जोधपुर प्रशासन की इन प्रयासों से जिला कोरोना संक्रमण को तोड़ने के प्रयास में जुटा है. वहीं लगता है जल्दी ही जोधपुर कोरोना मुक्त हो जाएगा.