अलवर. प्रदेश में चल रही बच्चा चोरी की अफवाहों के चलते मॉब लिंचिंग की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. मॉब लिंचिंग के लिए देशभर में बदनाम हो चुका अलवर लगातार प्रदेश में मॉब लिंचिंग के लिए पहले स्थान पर बना हुआ है. सबसे ज्यादा घटनाएं अलवर में दर्ज हुई है.
वहीं बीते 3 माह के आंकड़ों पर नजर डालें तो अलवर में मॉब लिंचिंग की 8 घटनाएं, बांसवाड़ा में 6, पाली में चार, जैसलमेर में तीन, अजमेर में तीन, कोटा में दो, जोधपुर में दो, उदयपुर में दो, जयपुर में दो, बारां में एक और झालावाड़ में एक सामने आई हैं.
प्रदेश में मॉब लिंचिंग पर कानून बनने के बावजूद लोग अपने हाथ में कानून लेते हुए संदिग्ध लोगों को निशाना बना रहे हैं. ऐसे में प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा होता है. मॉब लिंचिंग की वजह से देश में नकारात्मक माहौल बनता है. हाल ही में बड़ी मॉब लिंचिंग की घटनाओं में मुख्य कारण बच्चा चोरी की अफवाह हैं. जिसके चलते लोग निर्दोषों को अपना निशाना बना रहे हैं.
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बता दें कि हाल ही में अलवर में पुलिस ने मारपीट करने के आरोप में पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया है. बिहार के नालंदा निवासी अवधेश प्रेमी और गुड्डू एमआई स्थित एक फैक्ट्री में काम करते थे. शराब पीने के लिए दोनों बाजरे के खेत में बैठे थे. इस दौरान आसपास के लोगों ने बच्चा चोरी के शक में दोनों की पिटाई कर दी.
जिसके बाद पुलिस ने दोनों को लोगों के चंगुल से छुड़वाया और थाने लेकर गई. अलवर में आए दिन इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं पुलिस हाथ पर हाथ रख कर बैठी हुई है. जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है.