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प्रदेश में बढ़ रही मॉब लिंचिंग की घटनाएं, अलवर टॉप पर

राजस्थान में मॉब लिंचिंग की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. आए दिन नए मामले सामने आ रहे हैं. मॉब लिंचिंग के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा प्रदेश में घटनाएं अलवर में दर्ज हुई हैं तो वहीं दूसरे नंबर पर बांसवाड़ा जिला आता है. ऐसे में साफ है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था के हालात खराब हैं.

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Published : Sep 6, 2019, 2:42 AM IST

अलवर. प्रदेश में चल रही बच्चा चोरी की अफवाहों के चलते मॉब लिंचिंग की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. मॉब लिंचिंग के लिए देशभर में बदनाम हो चुका अलवर लगातार प्रदेश में मॉब लिंचिंग के लिए पहले स्थान पर बना हुआ है. सबसे ज्यादा घटनाएं अलवर में दर्ज हुई है.

प्रदेश में पिछले तीन माह में बढ़ी मॉब लिंचिंग की घटनाएं

वहीं बीते 3 माह के आंकड़ों पर नजर डालें तो अलवर में मॉब लिंचिंग की 8 घटनाएं, बांसवाड़ा में 6, पाली में चार, जैसलमेर में तीन, अजमेर में तीन, कोटा में दो, जोधपुर में दो, उदयपुर में दो, जयपुर में दो, बारां में एक और झालावाड़ में एक सामने आई हैं.

प्रदेश में मॉब लिंचिंग पर कानून बनने के बावजूद लोग अपने हाथ में कानून लेते हुए संदिग्ध लोगों को निशाना बना रहे हैं. ऐसे में प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा होता है. मॉब लिंचिंग की वजह से देश में नकारात्मक माहौल बनता है. हाल ही में बड़ी मॉब लिंचिंग की घटनाओं में मुख्य कारण बच्चा चोरी की अफवाह हैं. जिसके चलते लोग निर्दोषों को अपना निशाना बना रहे हैं.

यह भी पढ़ें : एक्शन मोड में चूरू पुलिस, खाकी और खादी को भी नहीं बख्शा...

बता दें कि हाल ही में अलवर में पुलिस ने मारपीट करने के आरोप में पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया है. बिहार के नालंदा निवासी अवधेश प्रेमी और गुड्डू एमआई स्थित एक फैक्ट्री में काम करते थे. शराब पीने के लिए दोनों बाजरे के खेत में बैठे थे. इस दौरान आसपास के लोगों ने बच्चा चोरी के शक में दोनों की पिटाई कर दी.
जिसके बाद पुलिस ने दोनों को लोगों के चंगुल से छुड़वाया और थाने लेकर गई. अलवर में आए दिन इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं पुलिस हाथ पर हाथ रख कर बैठी हुई है. जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है.

अलवर. प्रदेश में चल रही बच्चा चोरी की अफवाहों के चलते मॉब लिंचिंग की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. मॉब लिंचिंग के लिए देशभर में बदनाम हो चुका अलवर लगातार प्रदेश में मॉब लिंचिंग के लिए पहले स्थान पर बना हुआ है. सबसे ज्यादा घटनाएं अलवर में दर्ज हुई है.

प्रदेश में पिछले तीन माह में बढ़ी मॉब लिंचिंग की घटनाएं

वहीं बीते 3 माह के आंकड़ों पर नजर डालें तो अलवर में मॉब लिंचिंग की 8 घटनाएं, बांसवाड़ा में 6, पाली में चार, जैसलमेर में तीन, अजमेर में तीन, कोटा में दो, जोधपुर में दो, उदयपुर में दो, जयपुर में दो, बारां में एक और झालावाड़ में एक सामने आई हैं.

प्रदेश में मॉब लिंचिंग पर कानून बनने के बावजूद लोग अपने हाथ में कानून लेते हुए संदिग्ध लोगों को निशाना बना रहे हैं. ऐसे में प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा होता है. मॉब लिंचिंग की वजह से देश में नकारात्मक माहौल बनता है. हाल ही में बड़ी मॉब लिंचिंग की घटनाओं में मुख्य कारण बच्चा चोरी की अफवाह हैं. जिसके चलते लोग निर्दोषों को अपना निशाना बना रहे हैं.

यह भी पढ़ें : एक्शन मोड में चूरू पुलिस, खाकी और खादी को भी नहीं बख्शा...

बता दें कि हाल ही में अलवर में पुलिस ने मारपीट करने के आरोप में पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया है. बिहार के नालंदा निवासी अवधेश प्रेमी और गुड्डू एमआई स्थित एक फैक्ट्री में काम करते थे. शराब पीने के लिए दोनों बाजरे के खेत में बैठे थे. इस दौरान आसपास के लोगों ने बच्चा चोरी के शक में दोनों की पिटाई कर दी.
जिसके बाद पुलिस ने दोनों को लोगों के चंगुल से छुड़वाया और थाने लेकर गई. अलवर में आए दिन इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं पुलिस हाथ पर हाथ रख कर बैठी हुई है. जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है.

Intro:अलवर।
मॉब लिंचिंग के लिए पूरे देश में बदनाम हो चुके अलवर में मॉब लिंचिंग की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है। आए दिन नए मामले सामने आ रहे हैं। मॉब लिंचिंग के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा प्रदेश में घटनाएं अलवर में दर्ज हुई है। तो वहीं दूसरे नंबर पर बांसवाड़ा जिला आता है। ऐसे में साफ है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था के हालत खराब है। लोग खुलेआम कानून तोड़ते हुए घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।


Body:प्रदेश में चल रही बच्चा चोरी की अफवाहों के चलते मॉब लिंचिंग की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। मॉब लिंचिंग के लिए देशभर में बदनाम हो चुका अलवर लगातार प्रदेश में पहले स्थान पर बना हुआ है। सबसे ज्यादा घटनाएं अलवर में दर्ज हुई है। हाल ही में 3 माह के आंकड़ों पर नजर डालें तो अलवर जिले में मॉब लिंचिंग की 8 घटनाएं, बांसवाड़ा में छह, पाली में चार, जैसलमेर में तीन, अजमेर में तीन, कोटा में दो, जोधपुर में दो, उदयपुर में दो, जयपुर में दो, बारां में एक व झालावाड़ में एक मोब लिंचिंग का मामला सामने आया है। प्रदेश में मॉब लिंचिंग पर कानून बनने के बावजूद लोग अपने हाथ में कानून लेते हुए संदिग्ध लोगों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा होता है। मॉब लिंचिंग की वजह से देश में नकारात्मक माहौल बनता है। तो वहीं अलवर के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में भी इन घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है।


Conclusion:हाल ही में बड़ी मॉब लिंचिंग की घटनाओं में मुख्य कारण बच्चा चोरी की अफवाह हैं। बच्चे चोरी के ऑफर के चक्कर में आकर लोग निर्दोषों को अपना निशाना बना रहे हैं। ऐसे में इस तरह की घटनाएं समाज के लिए शर्मसार करने वाली है। हालांकि अलवर की बात करते पुलिस ने मारपीट करने के आरोप में पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया है। बिहार के नालंदा निवासी अवधेश प्रेमी और गुड्डू को एमआई स्थित एक फैक्ट्री में काम करते थे। यह लोग शराब पीने के लिए दिल्ली रोड एरिया में आर्य कन्या स्कूल के समीप बाजरे के खेत में बैठे हुए थे। इस दौरान आसपास के लोगों को लगा कि यह बच्चा चोर है। इस पर लोगों ने उन्हें पकड़कर पीट दिया। वहीं पुलिस ने दोनों को लोगों के चंगुल से छुड़वाया थाने लेकर गई। अलवर में आए दिन इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं पुलिस हाथ पर हाथ रख कर बैठी हुई है। ऐसे में साफ है कि अलवर सहित प्रदेश भर में कानून व्यवस्था गड़बड़ा रही है। यही हालात रहे तो आने वाले समय में परेशानी बढ़ सकती है।
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