अलवर. स्वास्थ्य सेवाओं व स्वास्थ्य विभाग पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च होते हैं. बावजूद इसके, अलवर में मरीज जमीन पर लेटाए जा रहे हैं. लक्ष्मणगढ़ सीएचसी में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही व अव्यवस्थाओं का खुलासा नसबंदी शिविर के दौरान हुआ. जहां नसबंदी के बाद महिलाओं (Mismanagement in female sterilization camp in Alwar) को जमीन पर लेटाया गया. मामले को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दबाने में लगे हैं.
वहीं, दूसरी तरफ मामले की जांच करने की बात भी कह रहे हैं. लक्ष्मणगढ़ कस्बे के मालाखेड़ा रोड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत नसबंदी शिविर का आयोजन हुआ. जिसमें चिकित्सा प्रभारी डॉ. अमित गुप्ता की ओर से बताया गया कि 55 लोगों का नसबंदी के लिए पंजीयन किया गया. जिसमें प्राथमिक जांच के बाद 51 महिलाएं नसबंदी योग्य पाई गई व उनकी नसबंदी की गई.
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इन दिनों महिलाओं में नसबंदी के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंच रही हैं. शिविर में चिकित्सा प्रभारी अमित गुप्ता, डॉ. सुरेश चंद्र गुप्ता, डॉ. देवेंद्र शर्मा, डॉ. विष्णु मीणा की संयुक्त टीम ने नसबंदी के ऑपरेशन किए. ऑपरेशन के बाद महिलाओं को जमीन पर लेटाया गया. इसके अलावा इलाज के बीच पर्याप्त साधन भी नजर नहीं आए.
जबकि स्वास्थ्य सेवाओं पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं. अस्पतालों को जरूरत के हिसाब से अपग्रेड किया जाता है, लेकिन बावजूद इसके नसबंदी शिविर के दौरान स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का नजरा देखने को मिला. आधुनिक सुविधाओं के बावजूद ऑपरेशन के बाद महिलाओं को जमीन पर लेटा दिया गया. सर्दी के मौसम में महिलाएं ठंड में परेशान होती हुई दिखाई दी. हालांकि, मीडिया के कैमरे को देखकर महिलाओं ने भी खुद के चेहरे को ढक लिया.
इस संबंध में जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सभी संसाधन व सुविधाएं उपलब्ध हैं. इस मामले की जांच करवाई जाएगी. अगर इसमें किसी की गलती मिलती है तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.