अलवर. जिले में सरिस्का बाघ अभ्यारण में पर्यटक को अधिक से अधिक आकर्षित करने के लिए सरिस्का की छोटी मोटी समस्याओं को दूर करने के लिए शनिवार को श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में सरिस्का प्रशासन, राजस्व विभाग के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की संयुक्त बैठक ली गई. जिसमें सरिस्का के विकास करने के लिए सुझाव मांगे गए और स्थानीय ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करने के लिए निर्देश दिए गए हैं.
श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि ग्रामीणों का कहना है कि सरिस्का प्रशासन और वन विभाग की ओर से दोपहिया वाहनों के प्रवेश को लेकर राशि बढ़ाई गई है. पहले यह राशि 35 रुपये थी और अब बढ़ाकर 70 रुपये कर दी गई है. ग्रामीणों का कहना है कि दोपहिया वाहनों की वापस दोबारा से प्रवेश की राशि 35 रुपये कर दी जाए. उसको कम करने के लिए मंत्री जूली ने कहा कि वन मंत्री से बात की जाएगी.
इसके अलावा मंत्री ने कहा कि लोकल स्तर पर जो समस्याएं हैं, जैसे सड़क की समस्याएं हैं, बैरिकेट्स की समस्याएं हैं, कहीं-कहीं पर एनओसी की बात है. ऐसे में आने वाले समय में दोनों विभाग मिलकर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि लगातार वन विभाग के साथ बैठक कर रहे हैं. सरिस्का को हम बहुत आगे लेकर जाएंगे.
सरिस्का के अंदर अपार संभावनाएं है. विश्व के मानचित्र पर हमारे सरिस्का की पहचान है. इसका हमें ज्यादा से ज्यादा फायदा लेना है. इसलिए हमने यह बैठक आयोजित की गई है. सरिस्का में 2012 के बाद बसों का संचालन बंद कर दिया था, इस बात को लेकर मंत्री ने कहा कि बसें जो बंद हुई थी, वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बंद हुई थी. उसको भी हमारी सरकार की ओर से दोबारा से दिखाया जा रहा है. जिससे हम आमजन को राहत दे सकें.
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मंत्री ने कहा कि हम यह भी प्रयास कर रहे हैं कि तब तक पांडुपोल मंदिर जाने के लिए इलेक्ट्रिक बस वहां पर चलाएं. जिससे पांडुपोल मंदिर आने वाले भक्तों और पर्यटकों को फायदा मिल सके. इको फ्रेंडली बनाने के लिए प्रदूषण कम हो और आवाज कम हो सके. उन्होंने कहा कि यह बसें निशुल्क चलाई जाएंगी.