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अलवर: चूड़ी मार्केट व्यापारियों ने बंद के खिलाफ कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

देश में फैले कोरोना संक्रमण के कारण सरकार ने लॉकडाउन लगाया है. जिसके कारण कई व्यापारियों की दुकानों को अभी भी बंद रखा गया है. अलवर की चूड़ी मार्केट को भी लॉकडाउन के कारण बंद रखा गया है. जिसको लेकर व्यारियों ने गुरुवार को प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को दुकाने खोलने के लिए ज्ञापन सौंपा.

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दुकान बंद को लेकर व्यापारियों ने कलेक्टर को सौेंपा ज्ञापन
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Published : Aug 13, 2020, 7:27 PM IST

अलवर. शहर कोतवाली थाना क्षेत्र में पिछले 14 दिन से चल रहे लॉकडाउन में गुरुवार से नई व्यवस्था के साथ सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक बाजार खोल दिए गए. इसमें घंटाघर के आस-पास के कुछ बाजारों को खोलने की अनुमति अभी नहीं दी गई है. जिसमें चूड़ी मार्केट व्यापारियों ने मार्केट बंद के खिलाफ गुरुवार को एकत्र होकर प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया.

चूड़ी मार्केट के व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन भेदभाव की नीति अपना रहा है. जब सभी बाजार खोल दिए गए हैं तो उनका बाजार क्यों बंद रखा गया है. क्या इससे कोरोना खत्म हो जाएगा.

दुकान बंद को लेकर व्यापारियों ने कलेक्टर को सौेंपा ज्ञापन

व्यापारियों ने कहा कि चूड़ी मार्केट के व्यापारियों की 80% दुकानें किराए पर है और उन्हें हर महीने 30 हजार से 40 हजार का किराया भी देना पड़ता है. इसके अलावा बिजली का बिल भी वे लोग भुगतान कर रहे हैं. जबकि दुकाने बंद पड़ी हुई है. फिर भी दुकान का बिल आ रहा है तो हम कहां से दे. इसके बावजूद बाजार बंद होने से आमदनी एक पैसा कि नहीं हो रही है.

चूड़ी मार्केट के व्यापारियों ने कहा कि जिन नियमों के तहत जितने समय के लिए बाजार की और दुकानें खोली गई है. उसी नियमों के तहत उतने ही समय के लिए चूड़ी मार्केट को भी खोला जाए. ताकि उनके परिवार का गुजर बसर हो सके.

पढ़ें- अलवर में 4 बदमाश हथियार समेत गिरफ्तार, लूट की वारदात को अंजाम देने की रच रहे थे साजिश

उन्होंने कहा कि हालात यह हो गए हैं कि उनके घर में राशन तक नहीं बचा है. आखिर कब तक अपना गुजारा करें. समस्या से परेशान होकर पिछले दिनों चूड़ी मार्केट के एक व्यापारी ने तो आत्महत्या तक कर ली. यदि हालात यही रहे तो चूड़ी मार्केट के और व्यापारी भी यह कदम भी उठाएंगे. भूखे मरने से अच्छा है आत्महत्या कर ले.

अलवर. शहर कोतवाली थाना क्षेत्र में पिछले 14 दिन से चल रहे लॉकडाउन में गुरुवार से नई व्यवस्था के साथ सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक बाजार खोल दिए गए. इसमें घंटाघर के आस-पास के कुछ बाजारों को खोलने की अनुमति अभी नहीं दी गई है. जिसमें चूड़ी मार्केट व्यापारियों ने मार्केट बंद के खिलाफ गुरुवार को एकत्र होकर प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया.

चूड़ी मार्केट के व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन भेदभाव की नीति अपना रहा है. जब सभी बाजार खोल दिए गए हैं तो उनका बाजार क्यों बंद रखा गया है. क्या इससे कोरोना खत्म हो जाएगा.

दुकान बंद को लेकर व्यापारियों ने कलेक्टर को सौेंपा ज्ञापन

व्यापारियों ने कहा कि चूड़ी मार्केट के व्यापारियों की 80% दुकानें किराए पर है और उन्हें हर महीने 30 हजार से 40 हजार का किराया भी देना पड़ता है. इसके अलावा बिजली का बिल भी वे लोग भुगतान कर रहे हैं. जबकि दुकाने बंद पड़ी हुई है. फिर भी दुकान का बिल आ रहा है तो हम कहां से दे. इसके बावजूद बाजार बंद होने से आमदनी एक पैसा कि नहीं हो रही है.

चूड़ी मार्केट के व्यापारियों ने कहा कि जिन नियमों के तहत जितने समय के लिए बाजार की और दुकानें खोली गई है. उसी नियमों के तहत उतने ही समय के लिए चूड़ी मार्केट को भी खोला जाए. ताकि उनके परिवार का गुजर बसर हो सके.

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उन्होंने कहा कि हालात यह हो गए हैं कि उनके घर में राशन तक नहीं बचा है. आखिर कब तक अपना गुजारा करें. समस्या से परेशान होकर पिछले दिनों चूड़ी मार्केट के एक व्यापारी ने तो आत्महत्या तक कर ली. यदि हालात यही रहे तो चूड़ी मार्केट के और व्यापारी भी यह कदम भी उठाएंगे. भूखे मरने से अच्छा है आत्महत्या कर ले.

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