अलवर. शहर में बेहतर सफाई व्यवस्था के लिए लगातार नगर परिषद की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं. नवनियुक्त सभापति प्रतिदिन वार्डों में जाकर सफाई व्यवस्था का निरीक्षण कर रही हैं और जरूरी निर्देश दे रही हैं. इन सबके बीच नगर परिषद ने रविवार को ऑटो टिपर से कचरा नहीं उठाने के निर्देश दिए थे. लेकिन इससे होने वाली परेशानी को देखते हुए नगर परिषद ने अपना फैसला वापस ले लिया है.
शहर में सफाई व्यवस्था सबसे बड़ी परेशानी है. शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर जमा रहते हैं. जगह-जगह सड़कों पर आवारा पशु जमा रहते हैं व गंदगी के कारण शहर की छवि खराब हो रही है. इन हालातों को देखते हुए नगर परिषद में बनी नई सरकार लगातार सफाई व्यवस्था पर ध्यान दे रही है. नगर परिषद के नवनियुक्त सभापति बीना गुप्ता एक बार का अचानक निरीक्षण कर रही हैं. कई तरीके के बदलाव किए जा रहे हैं.
ऐसे में नगर परिषद ने रविवार को ऑटो टिपर से कचरा नहीं उठाने के निर्देश दिए थे. लेकिन नगर परिषद के इस आदेश का विरोध हुआ. जिसके बाद नगर परिषद ने अपना आदेश वापस लेते हुए रविवार को भी ऑटो टिपर से कचरा उठाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा 15 से 20 नहीं ऑटो टिपर और मंगवाने के आदेश भी दिए गए हैं. क्योंकि अलवर में पहले 50 वार्ड थे. उनकी संख्या अब बढ़कर 65 हो गई है.
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स्वच्छता के सर्वे में अलवर राजस्थान में तीसरे स्थान पर रहा था. अलवर की सफाई व्यवस्था और बेहतर करने के लिए निकाय चुनावों से पहले कांग्रेस व भाजपा की तरफ से बड़े-बड़े दावे किए गए थे. ऐसे में कांग्रेस के सभापति ने कहा कि वो सबको साथ लेकर अलवर का विकास करेंगी.
हालांकि लगातार उनके द्वारा सफाई व्यवस्था कनेक्शन का कुछ लोग विरोध भी करने लगे हैं. लेकिन ऐसे में अलवर की जनता काफी खुश है. सभापति के निरीक्षण में सफाई कर्मी ड्यूटी से नदारत मिले हैं. तो वहीं उनके खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही गई है.