अलवर. जिले में सालों से अवैध खनन हो रहा है. हरियाणा से सटे कैरानी, तिजारा, भिवाड़ी, खुशखेड़ा सहित आसपास क्षेत्र में अवैध खनन की घटनाएं हो रही थी. लेकिन कुछ माह पहले खनन विभाग की तरफ से इन क्षेत्रों में आरएसी व पुलिस तैनात की गई. इसके बाद वन विभाग की तरफ से इन क्षेत्रों में अवैध खनन क्षेत्र के आसपास दीवार बनाकर अवैध खनन रोकने के प्रयास किए गए. इसका परिणाम सामने आया.
इन क्षेत्रों में अवैध खनन की घटनाएं पूरी तरीके से रुक चुकी हैं, लेकिन अवैध खनन माफियाओं ने जिले के दूसरे हिस्से में खनन का खेल शुरू कर दिया है. इस समय अलवर में राजगढ़, लक्ष्मणगढ़, थानागाजी क्षेत्र में खुलेआम अवैध खनन हो रहा है. हालांकि वन विभाग की तरफ से इन क्षेत्रों के गांवों को चिन्हित करते हुए वहां अस्थाई तौर पर पुलिसकर्मी व आरएसी के सिपाही तैनात किए गए हैं, लेकिन उसके बाद भी अवैध खनन का कारोबार लगातार जारी है.
पढ़ें- जयपुर में 17 लाख की ATM लूट पर पुलिस का बड़ा खुलासा, बैंक चपरासी ने दिया था ऐसे वारदात को अंजाम
जिले में अवैध खनन की घटनाओं को देखते हुए वन विभाग को दो प्लाटून आरएसी मिली हुई हैं. एक प्लाटून कैरानी क्षेत्र में तैनात की गई थी. वहीं दूसरी प्लाटून माचा वन क्षेत्र में तैनात की गई थी. कैरानी क्षेत्र में अवैध खनन की घटनाएं रुकी. उसके बाद वन विभाग की तरफ से बीते साल कैरानी में दीवार बनाई गई. वहीं इस बार करीब 10 हजार पौधे उस क्षेत्र में वन विभाग की तरफ से लगाए गए हैं. इस समय दोनों ही आरएसी की प्लाटून मोबाइल टीम की तरह भिवाड़ी, तिजारा, खुशखेड़ा, किशनगढ़ बास कठूमर व आसपास क्षेत्र में गश्त करती हैं.
पढ़ें- अलवर : लाठी से पीट-पीटकर युवक की हत्या करने का आरोपी गिरफ्तार
इसके अलावा राजगढ़, लक्ष्मणगढ़, थानागाजी क्षेत्र के मालूताला व जामडोली सहित 4 जगहों पर टेंट लगाकर पुलिस बल को तैनात किया गया है. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अलवर क्षेत्र में अवैध खनन पर अंकुश लगाने के पूरे प्रयास जारी हैं. हालांकि लगातार अवैध खनन माफिया अलग-अलग क्षेत्र में अवैध खनन की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.