अलवर. सहित पूरे प्रदेश में सरकारी राशन डीलर लंबे समय से कुछ मांगों को लेकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. सरकार की तरफ से कुछ नियमों में बदलाव किया गया. उसके बाद भी राशन डीलर परेशान है. रविवार को अलवर के निजी होटल में जयपुर संभाग की अंतिम राशन डीलरों की बैठक हुई. इसमें राजस्थान राज्य अधिकृत राशन विक्रेता नियोजन संघ के प्रदेश अध्यक्ष सरताज अहमद सहित सभी पदाधिकारी मौजूद रहे.
इस मौके पर राशन डीलरों ने अपनी समस्या रखी. जिसके बाद फरवरी माह में सभी जिला मुख्यालय पर सांकेतिक धरना देने का फैसला लिया गया. प्रदेश अध्यक्ष सरताज अहमद ने बताया कि राशन विक्रेता का गेहूं कमीशन प्रतिमाह 300 क्विंटल वृद्धि करने की लंबे समय से मांग की जा रही है. इसके अलावा कोरोना काल के दौरान अगर किसी राशन डीलर की मृत्यु होती है, तो उसके परिजनों को अनुकंपा दी जाए और सरकार की तरफ से 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराई जाए.
साथ ही कुछ छूट भी सरकार की तरफ से दी जाए। खाद्यान्न पर 2 प्रतिशत छीजत पहले दी जा रही थी, लेकिन अभी सरकार ने बंद कर दी गई. यह छीजत फिर से शुरू की जाए. खाद्य विभाग की ओर से पोस मशीन की मेंटेनेंस के पेटे में 5.21 रुपए काटे जाने पर रोक लगाई जाए. इसके अलावा कई ऐसी मांगे हैं, जो राशन डीलर लंबे समय से उठा रहे हैं, उसे पूरा किया जाए.
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राशन डीलरों ने कहा कि इस संबंध में जनवरी माह में भी एक ज्ञापन दिया गया था, लेकिन सरकार ने अभी तक उस पर कोई सुनवाई नहीं की है. फरवरी में सभी राशन डीलरों की तरफ से प्रदेश व्यापी सांकेतिक धरना जिला मुख्यालय पर देने का फैसला लिया गया है. उसके बाद भी अगर सरकार राशन डीलरों की समस्या का समाधान नहीं करती है, तो मार्च माह में लोगों को मिलने वाला राशन प्रभावित होगा. सभी राशन डीलर कामकाज बंद कर सकते हैं. इसके अलावा आंदोलन उग्र करने पर भी प्रदेश स्तर पर फैसला लिया जाएगा.