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अलवरः दिव्यांगों ने कहा सरकार ने हमें दिव्यांग शब्द दिया... इसकी जगह रोजगार देती

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Published : Jun 29, 2020, 9:31 PM IST

कोरोना काल में दिव्यांगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान कुछ लोग मानसिक पीड़ा भी झेल रहे हैं. ऐसे में दिव्यांगों ने कहा कि सरकार ने हमें दिव्यांग शब्द दिया है, इससे बेहतर होता कि वो हमें रोजगार देते. जिससे हमारी स्थिति भी सुधर जाती.

अलवर के दिव्यांग, handicapped in alwar
दिव्यांगों को लॉकडाउन में हो रही आर्थिक परेशानी

अलवर. जिले में 98 हजार दिव्यांग हैं. जिस वजह से प्रदेश में अलवर तीसरे स्थान पर आता है. सबसे ज्यादा दिव्यांग जयपुर जिले में है. उसके बाद जोधपुर और तीसरे स्थान पर अलवर है. लॉकडाउन और उसके बाद लगातार चल रही कोरोना काल में सबसे ज्यादा परेशानी दिव्यांगों को उठानी पड़ रही है. संक्रमण के डर से लोग इनकी मदद नहीं कर रहें है. लोगों ने इनसे दूरी बना ली है. ऐसे में कुछ दिव्यांग तो मानसिक पीड़ा भी झेल रहे हैं.

दिव्यांगों को लॉकडाउन में हो रही आर्थिक परेशानी

इन लोगों के पास खाने के लिए राशन नहीं है तो वहीं बिना रोजगार के और पैसे के हालात ज्यादा खराब हो रही है. दिव्यांगों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की इस दौरान कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने हमें दिव्यांग शब्द दिया. इसकी जगह पर वो हमें एक रोजगार देते. जिससे हम आत्मनिर्भर बनते. इसके बाद हमें किसी भी सरकारी योजना की कोई आवश्यकता नहीं होती. दिव्यांगों ने कहा कि हम खुद देश का निर्माण कर सकेंगे. बता दे कि बैंकों की तरफ से दिव्यांगों को लोन नहीं दिया जाता है.

पढ़ेंः हनुमानगढ़ : अधर में लटके सड़क निर्माण को लेकर वर्तमान और पूर्व विधायक आमने-सामने

इनका कहना है कि सरकार केवल वादे किए जा रही है. लेकिन आज भी दिव्यांग को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है. दिव्यांग को आरक्षण तो मिला है, लेकिन सरकारी और प्राइवेट कार्यालयों में दिव्यांगों को नौकरी नहीं दिया जाता. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया तो आने वाले समय में हालात ज्यादा खराब हो सकते हैं.

अलवर. जिले में 98 हजार दिव्यांग हैं. जिस वजह से प्रदेश में अलवर तीसरे स्थान पर आता है. सबसे ज्यादा दिव्यांग जयपुर जिले में है. उसके बाद जोधपुर और तीसरे स्थान पर अलवर है. लॉकडाउन और उसके बाद लगातार चल रही कोरोना काल में सबसे ज्यादा परेशानी दिव्यांगों को उठानी पड़ रही है. संक्रमण के डर से लोग इनकी मदद नहीं कर रहें है. लोगों ने इनसे दूरी बना ली है. ऐसे में कुछ दिव्यांग तो मानसिक पीड़ा भी झेल रहे हैं.

दिव्यांगों को लॉकडाउन में हो रही आर्थिक परेशानी

इन लोगों के पास खाने के लिए राशन नहीं है तो वहीं बिना रोजगार के और पैसे के हालात ज्यादा खराब हो रही है. दिव्यांगों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की इस दौरान कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने हमें दिव्यांग शब्द दिया. इसकी जगह पर वो हमें एक रोजगार देते. जिससे हम आत्मनिर्भर बनते. इसके बाद हमें किसी भी सरकारी योजना की कोई आवश्यकता नहीं होती. दिव्यांगों ने कहा कि हम खुद देश का निर्माण कर सकेंगे. बता दे कि बैंकों की तरफ से दिव्यांगों को लोन नहीं दिया जाता है.

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इनका कहना है कि सरकार केवल वादे किए जा रही है. लेकिन आज भी दिव्यांग को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है. दिव्यांग को आरक्षण तो मिला है, लेकिन सरकारी और प्राइवेट कार्यालयों में दिव्यांगों को नौकरी नहीं दिया जाता. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया तो आने वाले समय में हालात ज्यादा खराब हो सकते हैं.

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