अलवर. प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि केंद्र सरकार ने चुनाव के समय वादा किया था कि पेट्रोल-डीजल के दाम कम किए जाएंगे. लेकिन उसके बाद भी इसके दामों में कोई गिरावट नहीं हो रही है. जबकि भाजपा सरकार के द्वारा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम खासे कम थे. इसका फायदा आम जनता को मिलना चाहिए था. ऐसे में सरकार ने अपनी जेब भरने का काम किया है.
कोरोना काल के बीच राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की केंद्र सरकार को पेट्रोल व डीजल को जीएसटी में शामिल कर लेना चाहिए था. जिससे पूरे देश में पेट्रोल-डीजल के दाम एक ही रहे और राज्य सरकार का हस्तक्षेप भी समाप्त हो जाए. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय भाजपा सरकार द्वारा तेल की कीमतें कम करने के वादे किए गए थे.
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उस समय आए दिन भाजपा के वरिष्ठ नेता सड़कों पर गैस सिलेंडर, डीजल पेट्रोल के दामों को लेकर प्रदर्शन करते नजर आते थे, लेकिन केंद्र में सरकार बनने के बाद लगातार इनके दाम बढ़ रहे हैं. इतना ही नहीं कांग्रेस कार्यकाल के दौरान कच्चे तेल के दाम हमेशा ज्यादा रहे हैं, तो वही भाजपा के कार्यकाल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव खान से कम या कहें सबसे निचले स्तर पर रहते हैं. इसका फायदा आम जनता को मिलना चाहिए, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है.
उन्होंने कहा कि सरकार को पेट्रोल-डीजल से टैक्स कम करना चाहिए, जिससे आम जनता को फायदा मिले. यूपीए सरकार के द्वारा 5 प्रतिशत टैक्स लगाने पर भी प्रदर्शन होते थे, लेकिन अब केंद्र सरकार 20 प्रतिशत तक टैक्स वसूल रही है. इसके बाद भी राज्य सरकारों पर ठीकरा फोड़ा ने का काम चल रहा है.ऐसे में साफ है केंद्र सरकार लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है.