अलवर. शहर के गीतानंद शिशु अस्पताल स्थित नवजात बच्चों को रखने के लिए बना एफबीएनसी वार्ड में मंगलवार सुबह अचानक आग का गोला बन गया. जिसमें एक बच्ची की बुधवार को जयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई.
बता दें कि बच्चों को जिन रेडिएंट वार्मर मशीन में रखा जाता है. उन मशीनों में से एक मशीन में अचानक शार्ट सर्किट होने से आग लग गई थी. देखते ही देखते आग पूरे एफबीएनसी वार्ड में फैल गई. आग लगते ही शॉर्ट सर्किट से वार्ड की लाइट चली गई. वहीं आग के कारण चारों तरफ धुआं हो गया था. इस पर वहां तैनात नर्सिंग कर्मियों ने तुरंत एफबीएनसी में भर्ती सभी 15 बच्चों को वहां से निकाला और पास के दूसरे वार्ड में सभी को रखा. उसके बाद उन्हें ऑक्सीजन लगाई गई.
पढ़ेंः अलवर: शिशु अस्पताल में शॉर्ट सर्किट से आग लगी, 20 दिन की बच्ची झुलसी
वहीं इस पूरी प्रक्रिया में वहां काम करने वाले तीन नर्सिंग कर्मियों के हाथ जल गए और जिस रेडियंट वार्ड में आग लगी थी. उस मशीन पर सो रही एक बच्ची झुलस गई. मामला शांत होने पर बच्चे के परिजनों को घटना की जानकारी दी गई. बता दें कि बच्ची की हालत गंभीर होने पर उसे तुरंत जयपुर के जेके लोन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. इलाज के दौरान बुधवार सुबह बच्ची ने दम तोड़ दिया है. बच्चे की मौत की जानकारी मिलते ही इस पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
पढ़ेंः आग का गोला बना अलवर का एफबीएनसी वार्ड, 15 जिंदगी 2 घंटे तक खतरे में रही
परिजनों ने किया कलेक्ट्रेट परिसर में हंगामा...
मामले की जानकारी मिलते ही बच्ची के परिजनों ने अलवर के कलेक्ट्रेट में हंगामा शुरू कर दिया है. परिजनों ने पहले से ही बच्ची को लेने से मना कर दिया था. ऐसे में बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने साफ तौर पर उसका शव लेने से मना कर दिया है. वहीं जयपुर में बच्ची का पोस्टमार्टम चल रहा है. अलवर के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ .ओपी मीणा ने बताया कि बच्ची की मौत की सूचना परिजनों को दे दी गई है. वहीं प्रशासन की तरफ से लगातार परिजनों को समझाने का काम किया जा रहा है. पोस्टमार्टम के बाद शव को अलवर लाया जाएगा.