अलवर. कोरोना काल वन्य जीवों के लिए खासा बेहतर रहा है. कोरोना काल के दौरान सरिस्का में 4 नए शावक दिखाई दिए हैं. हालांकि पर्यटकों के लिहाज से देखें तो पर्यटकों को नए शासकों का दीदार नहीं हो सके हैं. पहली बार सरिस्का करीब 6 माह के लिए बंद रहेगा. इससे सरिस्का को भी खासा नुकसान होगा.
कोरोना के चलते सरिस्का पहली बार 18 मार्च से 7 जून तक 3 माह के लिए बंद रहा है. इस दौरान सरिस्का को करीब 50 लाख का राजस्व का नुकसान हुआ है. क्योंकि पार्क में एक भी देशी-विदेशी पर्यटक नहीं आया है. हालांकि अनलॉक वन की शुरुआत में 8 जून से पार्क में पर्यटकों का प्रवेश फिर से शुरू हो गया है, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते पर्यटक अभी सरिस्का में नहीं पहुंच रहे हैं. 8 जून से 20 जून तक सरिस्का में केवल 43 पर्यटकों ने सफारी की है.
वहीं 1 जुलाई से 30 सितंबर तक मानसून के चलते सरिस्का बंद रहेगा. यह समय वन्य जीवों की ब्रीडिंग का श्रेष्ठ समय माना गया है. इस दौरान जंगल में मानवीय गतिविधियों को रोकने के लिए हर साल पार्क बंद रहता है. सरिस्का प्रशासन को फिलहाल 30 जून तक ही पार्क में प्रवेश देने और 1 जुलाई से पार्क में पर्यटकों का प्रवेश बंद करने के निर्देश मिले हैं. ऐसे में 6 माह के लिए सरिस्का बंद रहेगा, जबकि कोरोना काल में बाघों के लिए बेहतर रहा है, क्योंकि कोरोना काल में ही बाघों का कुनबा बढ़ा है. बाघिन st12 के तीन शावक कोरोना काल में दिखाई दिए है. वहीं बाघिन st10 का एक शावक भी कोरोना काल के दौरान कैमरा ट्रैपिंग में दिखाई दिया है.
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वर्ष 2020 में सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़कर 20 तक पहुंच गया है. सरिस्का में नए शावकों के जन्म से पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन कोरोना के बाद मानसून के कारण यह उम्मीद अभी पूरी नहीं हो पाएगी. 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले सरिस्का को वन्यजीवों विभागों के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है. हालांकि बीते दिनों सरिस्का में लगातार बाघों की मौत के मामले सामने आए हैं. ऐसे में सरिस्का प्रशासन की तरफ से पूरी एहतियातन सुरक्षा बरती जा रही है.