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हेयर ड्रेसर और पार्लर का काम करने वाले लोगों पर मंडरा रहा आर्थिक संकट, घर के हालात हो रहे खराब

अलवर सहित देश भर में लॉकडाउन चार शुरू हो चुका है. लॉकडाउन में व्यापारी, दुकानदार और रेडी पटरी दुकानदार सहित सभी वर्गों को छूट दी जा रही है. लेकिन एक वर्ग ऐसा है जो अब भी लॉकडाउन की मार झेल रहा है. हम बात कर रहे हैं हेयर ड्रेसर और सैलून चलाने वाले लोगों की. अभी तक सभी हेयर ड्रेसर की दुकानें बंद हैं. यही हालात रहे तो आने वाले समय में इस व्यापार से जुड़े हुए लोगों के सामने जीवन यापन के लिए संकट मंडराने लगेगा.

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घर के हालात हो रहे खराब
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Published : May 19, 2020, 8:14 PM IST

अलवर. कोरोना वायरस के चलते पूरा देश लॉकडाउन है. एक के बाद एक लगातार लॉकडाउन का दौर चल रहा है. इस समय अलवर सहित पूरे देश में चौथे दौर का लॉकडाउन चल रहा है. जैसे-जैसे लॉकडाउन की अवधि बढ़ रही है. वैसे-वैसे दुकानदार व्यापारी कारोबारी सहित सभी वर्ग को राहत देते हुए छूट दी जा रही है. लेकिन अभी हेयर ड्रेसर, सलून और ब्यूटी पार्लर चलाने वाले लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.

घर के हालात हो रहे खराब

संक्रमण फैलने का हवाला देते हुए सरकार ने अभी तक इनको कोई छूट नहीं दी है. इसलिए सभी दुकान पार्लर बंद हैं. एक दुकान से 5 से 6 परिवार जुड़े होते हैं. जबकि बड़ी दुकान में पार्लर पर काम करने वाले लोगों की संख्या ज्यादा होती है. इसलिए आपसे इस व्यवसाय से जुड़े हुए हजारों परिवार पर रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा है. अलवर शहर की बात करें तो अकेले अलवर शहर में 450 दुकानें, 100 से अधिक पार्लर व 50 के आसपास पटरी पर दुकान लगाकर काम करने वाले लोग हैं. प्रत्येक दुकानदार व पार्लर पर 5 से 6 लोग काम करते हैं. लॉकडाउन के दौरान लगातार दो माह से सभी दुकान के पार्लर बंद हैं. दुकान संचालकों ने बताया कभी तो किसी तरह से वो लोग काम चला रहे हैं. दुकान पर काम करने वाले लोगों को वेतन भी दिया गया है.

यह भी पढ़ेंः अलवर में पानी का टोटा...बूंद-बूंद के लिए तरस रहे लोग

लेकिन आगे भी इसी तरह के हालात रहे तो हजारों परिवारों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा. अलवर घनी आबादी वाला जिला है. शहर के अलावा जिले की सभी 11 विधानसभाओं में बड़ी संख्या में दुकान से जुड़े हुए लोग रहते हैं. जो इस काम को पुश्तैनी तौर पर कर रहे हैं. ज्यादातर लोग पूरी तरह से इसी व्यवसाय पर निर्भर हैं. दुकान बंद होने से परिवार के सामने दो वक्त की रोटी का संकट मंडराने लगा है.

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मंडरा रहा आर्थिक संकट

नहीं मिली कोई गाइडलाइन

इस काम से जुड़े हुए लोगों व पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार की तरफ से अभी तक दुकान खोलने संबंधित कोई गाइडलाइन नहीं मिली है. ऐसे में आगे क्या हालात रहेंगे अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है.

सैकड़ों परिवार हैं जुड़े

अलवर शहर में 450 हेयर ड्रेसर की दुकानें हैं, इसके अलावा 100 से अधिक पार्लर व 50 ऐसे लोग हैं. जो बिना दुकान के हेयर ड्रेसर का काम करते हैं. प्रत्येक दुकान व पार्लर पर 5 से 6 लोग काम करते हैं. इन लोगों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी रहती है. इस हिसाब से 3000 से अधिक परिवार अकेले अलवर शहर में है. इस तरह के हालात अलवर की सभी विधानसभा क्षेत्रों के गांवों के हैं.

अलवर. कोरोना वायरस के चलते पूरा देश लॉकडाउन है. एक के बाद एक लगातार लॉकडाउन का दौर चल रहा है. इस समय अलवर सहित पूरे देश में चौथे दौर का लॉकडाउन चल रहा है. जैसे-जैसे लॉकडाउन की अवधि बढ़ रही है. वैसे-वैसे दुकानदार व्यापारी कारोबारी सहित सभी वर्ग को राहत देते हुए छूट दी जा रही है. लेकिन अभी हेयर ड्रेसर, सलून और ब्यूटी पार्लर चलाने वाले लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.

घर के हालात हो रहे खराब

संक्रमण फैलने का हवाला देते हुए सरकार ने अभी तक इनको कोई छूट नहीं दी है. इसलिए सभी दुकान पार्लर बंद हैं. एक दुकान से 5 से 6 परिवार जुड़े होते हैं. जबकि बड़ी दुकान में पार्लर पर काम करने वाले लोगों की संख्या ज्यादा होती है. इसलिए आपसे इस व्यवसाय से जुड़े हुए हजारों परिवार पर रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा है. अलवर शहर की बात करें तो अकेले अलवर शहर में 450 दुकानें, 100 से अधिक पार्लर व 50 के आसपास पटरी पर दुकान लगाकर काम करने वाले लोग हैं. प्रत्येक दुकानदार व पार्लर पर 5 से 6 लोग काम करते हैं. लॉकडाउन के दौरान लगातार दो माह से सभी दुकान के पार्लर बंद हैं. दुकान संचालकों ने बताया कभी तो किसी तरह से वो लोग काम चला रहे हैं. दुकान पर काम करने वाले लोगों को वेतन भी दिया गया है.

यह भी पढ़ेंः अलवर में पानी का टोटा...बूंद-बूंद के लिए तरस रहे लोग

लेकिन आगे भी इसी तरह के हालात रहे तो हजारों परिवारों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा. अलवर घनी आबादी वाला जिला है. शहर के अलावा जिले की सभी 11 विधानसभाओं में बड़ी संख्या में दुकान से जुड़े हुए लोग रहते हैं. जो इस काम को पुश्तैनी तौर पर कर रहे हैं. ज्यादातर लोग पूरी तरह से इसी व्यवसाय पर निर्भर हैं. दुकान बंद होने से परिवार के सामने दो वक्त की रोटी का संकट मंडराने लगा है.

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मंडरा रहा आर्थिक संकट

नहीं मिली कोई गाइडलाइन

इस काम से जुड़े हुए लोगों व पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार की तरफ से अभी तक दुकान खोलने संबंधित कोई गाइडलाइन नहीं मिली है. ऐसे में आगे क्या हालात रहेंगे अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है.

सैकड़ों परिवार हैं जुड़े

अलवर शहर में 450 हेयर ड्रेसर की दुकानें हैं, इसके अलावा 100 से अधिक पार्लर व 50 ऐसे लोग हैं. जो बिना दुकान के हेयर ड्रेसर का काम करते हैं. प्रत्येक दुकान व पार्लर पर 5 से 6 लोग काम करते हैं. इन लोगों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी रहती है. इस हिसाब से 3000 से अधिक परिवार अकेले अलवर शहर में है. इस तरह के हालात अलवर की सभी विधानसभा क्षेत्रों के गांवों के हैं.

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