अलवर. दिल्ली में गाजीपुर बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों पर 26 जनवरी को पथराव की घटना हुई. 26 जनवरी की घटना के बाद लगातार किसानों पर हमले के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में 30 जनवरी को किसान एक दिन का उपवास करेंगे. इसमें सभी किसान शामिल होंगे.
इसी बीच शुक्रवार को किसानों के विरोध में हरियाणा सीमा में 43 गांव की एक पंचायत हुई. इसमें आसपास क्षेत्र के लोगों ने हिस्सा लिया. किसानों को हटाने के लिए एक बार फिर से रविवार को किसानों ने इकट्ठा होने की बात कही है.
बता दें कि 26 जनवरी को किसानों ने विरोध स्वरूप ट्रैक्टर परेड की थी. इस दौरान दिल्ली में हिंसा हुई, किसानों पर लाठीचार्ज हुआ और पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार छोड़ी. इसके बाद लगातार नए विवाद सामने आ रहे हैं. गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर किसानों पर पथराव की घटना हुई.
'मोदी सरकार किसानों का आंदोलन खत्म करने का प्रयास कर रही है'
किसान नेताओं ने इस घटना का आरोप भाजपा और आरएसएस पर लगाया. उन्होंने कहा कि लगातार किसानों का आंदोलन खत्म करने और दबाने का प्रयास किया जा रहा है. इसलिए आए दिन नई घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन किसान पीछे नहीं हटेंगे और वे लगातार अपनी मांगों को लेकर अपना विरोध दर्ज कराते रहेंगे.
किसान नेता अमराराम जाट ने शुक्रवार को मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि सरकार अब तक लाल किले पर झंडा लगाने वाले युवक को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. उन्होंने कहा कि जो युवक फोटो में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नजर आता है, वही युवक झंडा फहराता है. आखिर पुलिस ने उसको गिरफ्तार क्यों नहीं किया.
अमराराम जाट ने कहा के किसान शनिवार को एक दिन का अनशन रखेंगे. इस पर सभी किसान शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर किसानों के पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है. हजारों की संख्या में किसान अपने वाहनों से बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की किसानों को दबाने और किसानों का धरना समाप्त करने की सभी कोशिशें बेकार साबित हुई हैं. किसान अपने मोर्चे पर डटे हुए हैं और आगे भी उनका विरोध जारी रहेगा.
स्थानीय लोगों ने की पंचायत
किसानों के चल रहे धरने के विरोध में हरियाणा सीमा में स्थानीय लोगों की तरफ से 43 गांवों की एक पंचायत की गई. इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. इस दौरान किसानों को धरने से हटाने की योजना तैयार की गई. साथ ही रविवार को किसानों के विरोध में फिर से पंचायत करने का फैसला लिया गया.