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हरियाणा बॉर्डर पर हजारों किसानों ने डाला डेरा कहा- जब तक कृषि कानून वापस नहीं होगा विरोध जारी रहेगा

राजस्थान का किसान आंदोलन तेजी से उग्र हो रहा है. हजारों की संख्या में राजस्थान व हरियाणा से किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं. सोमवार का दिन किसान आंदोलन के लिए खासा अहम रहा. राष्ट्रव्यापी आह्वान पर किसान नेता रामपाल जाट व योगेंद्र यादव सहित कुछ किसान नेता शाम तक भूख हड़ताल पर रहे.

farmers protest in alwar,  farmers protest
अलवर में किसानों का प्रदर्शन
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Published : Dec 15, 2020, 3:52 AM IST

अलवर. राजस्थान का किसान आंदोलन तेजी से उग्र हो रहा है. हजारों की संख्या में राजस्थान व हरियाणा से किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं. सोमवार का दिन किसान आंदोलन के लिए खासा अहम रहा. राष्ट्रव्यापी आह्वान पर किसान नेता रामपाल जाट व योगेंद्र यादव सहित कुछ किसान नेता शाम तक भूख हड़ताल पर रहे. इस दौरान शाहजहांपुर व बहरोड़ क्षेत्र में किसानों की तरफ से कई सभाओं को आयोजन किया गया और आगामी रणनीति तैयार की गई.

अलवर में किसानों का प्रदर्शन

सोमवार को सिंघु बॉर्डर के साथ राजस्थान सीमा पर भी किसान भूख हड़ताल पर रहे. सुबह से शाम तक एक दिन की भूख हड़ताल के दौरान किसानों ने कहा कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती उनका विरोध जारी रहेगा. सरकार बातचीत करने की बात कह रही है. जबकि किसान कानून वापस लेने की बात पर अड़े हुए हैं. हरियाणा सीमा पर किसानों की सभा हुई. सभा को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार किसान विरोधी सरकार है. लगातार किसान सर्दी के मौसम में धरना दे रहा हैं लेकिन सरकार अपनी बात पर अड़ी हुई है.

प्रशासन कर रहा है लोगों को परेशान हम नहीं

किसानों ने कहा कि जब तक उन्हें दिल्ली जाने नहीं दिया जाएगा वो हरियाणा सीमा पर धरने पर बैठे रहेंगे. उन्होंने कहा कि किसान के कारण लोग परेशान नहीं है, प्रशासन ऐसा दिखाने का प्रयास कर रही है. दिल्ली-जयपुर हाईवे से गुजरने वाली एंबुलेंस व आपातकालीन सेवाओं को खुद किसान जाम से निकालने का काम कर रहे हैं. लेकिन हरियाणा सरकार व पुलिस बैरिकेडिंग कर के बैठी हुई है. जिसके चलते कई बार लोगों को दिक्कत हुई.

पढ़ें: मोदी सरकार को कृषि कानून का फायदा ना मिल जाए इसलिए कांग्रेस विरोध कर रही है: अलवर विधायक

दूसरी तरफ धरने प्रदर्शन के दौरान अब खाने-पीने की व्यवस्था भी बेहतर होने लगी है. कई संस्थाएं किसानों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रही हैं तो कुछ सर्दी के मौसम में किसानों को सर्दी से बचाने के लिए टेंट-गद्दे व सोने की व्यवस्था कर रहे हैं. कड़ाके की सर्दी में किसानों को टेंट के अंदर रात गुजारनी पड़ रही है. अलवर में इस समय रात का तापमान 6 से 7 डिग्री के आसपास है. लगातार तापमान में गिरावट हो रही है.

खाने की होने लगी व्यवस्था

राजस्थान सीमा पर धरने पर बैठे किसानों के लिए अब खाने की व्यवस्था होने लगी है. बड़ी संख्या में लोग आगे आकर किसानों की मदद कर रहे हैं. रहने और खाने के लिए संसाधन जुटाने का प्रयास भी लगातार देखने को मिल रहा है. दूरदराज के गांवों व शहरों से बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टरों से राजस्थान, हरियाणा सीमा पर पहुंच रहे हैं.

अलवर. राजस्थान का किसान आंदोलन तेजी से उग्र हो रहा है. हजारों की संख्या में राजस्थान व हरियाणा से किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं. सोमवार का दिन किसान आंदोलन के लिए खासा अहम रहा. राष्ट्रव्यापी आह्वान पर किसान नेता रामपाल जाट व योगेंद्र यादव सहित कुछ किसान नेता शाम तक भूख हड़ताल पर रहे. इस दौरान शाहजहांपुर व बहरोड़ क्षेत्र में किसानों की तरफ से कई सभाओं को आयोजन किया गया और आगामी रणनीति तैयार की गई.

अलवर में किसानों का प्रदर्शन

सोमवार को सिंघु बॉर्डर के साथ राजस्थान सीमा पर भी किसान भूख हड़ताल पर रहे. सुबह से शाम तक एक दिन की भूख हड़ताल के दौरान किसानों ने कहा कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती उनका विरोध जारी रहेगा. सरकार बातचीत करने की बात कह रही है. जबकि किसान कानून वापस लेने की बात पर अड़े हुए हैं. हरियाणा सीमा पर किसानों की सभा हुई. सभा को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार किसान विरोधी सरकार है. लगातार किसान सर्दी के मौसम में धरना दे रहा हैं लेकिन सरकार अपनी बात पर अड़ी हुई है.

प्रशासन कर रहा है लोगों को परेशान हम नहीं

किसानों ने कहा कि जब तक उन्हें दिल्ली जाने नहीं दिया जाएगा वो हरियाणा सीमा पर धरने पर बैठे रहेंगे. उन्होंने कहा कि किसान के कारण लोग परेशान नहीं है, प्रशासन ऐसा दिखाने का प्रयास कर रही है. दिल्ली-जयपुर हाईवे से गुजरने वाली एंबुलेंस व आपातकालीन सेवाओं को खुद किसान जाम से निकालने का काम कर रहे हैं. लेकिन हरियाणा सरकार व पुलिस बैरिकेडिंग कर के बैठी हुई है. जिसके चलते कई बार लोगों को दिक्कत हुई.

पढ़ें: मोदी सरकार को कृषि कानून का फायदा ना मिल जाए इसलिए कांग्रेस विरोध कर रही है: अलवर विधायक

दूसरी तरफ धरने प्रदर्शन के दौरान अब खाने-पीने की व्यवस्था भी बेहतर होने लगी है. कई संस्थाएं किसानों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रही हैं तो कुछ सर्दी के मौसम में किसानों को सर्दी से बचाने के लिए टेंट-गद्दे व सोने की व्यवस्था कर रहे हैं. कड़ाके की सर्दी में किसानों को टेंट के अंदर रात गुजारनी पड़ रही है. अलवर में इस समय रात का तापमान 6 से 7 डिग्री के आसपास है. लगातार तापमान में गिरावट हो रही है.

खाने की होने लगी व्यवस्था

राजस्थान सीमा पर धरने पर बैठे किसानों के लिए अब खाने की व्यवस्था होने लगी है. बड़ी संख्या में लोग आगे आकर किसानों की मदद कर रहे हैं. रहने और खाने के लिए संसाधन जुटाने का प्रयास भी लगातार देखने को मिल रहा है. दूरदराज के गांवों व शहरों से बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टरों से राजस्थान, हरियाणा सीमा पर पहुंच रहे हैं.

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